आज ब्लॉगिंग करते हुए दो वर्ष पूरे होगये। इन दो वर्षों में बहुत कुछ देखा । सब कुछ बहुत नया लगा। महसूस भी हुआ की ज़िन्दगी के बहुत से रंग जो देखना बाकी था वो ब्लॉगिंग ने दिखा दिया।
नया-नया जब लिखना शुरू किया था तो लगा किसी रुपहली दुनिया में आ गए हैं। धीरे-धीरे भ्रम टूटता गया। हकीकत के धरातल पर पैर पड़ने पर एक और सुखद एहसास हुआ। लगा जयादा आत्म-निर्भर हो गए हैं। मायाजाल से छुटकारा मिल गया।
ब्लॉगिंग में लेखकों के मध्य बिखराव को जानने की कोशिश की तो पाया, लोगों को तकलीफ थी, इसकी कमीज़ मेरी कमीज़ से ज्यादा उजली कैसे है? बस फिर क्या था, कुछ गैरजिम्मेदार लेखकों ने विष-वमन द्वारा सम्पूर्ण ब्लॉगजगत को विषाक्त करना आरम्भ कर दिया। और भी इस बढ़ते विष ने बहुत जल्दी लेखकों को अपनी चपेट में ले लिया। बहुतों को संक्रमित और व्याधिग्रस्त होते देखा। इस व्याधि से पीड़ित लोगों को खेमेबाजी का चस्का लग गया। अनेक खेमों को बनते और फिर से उजड़ते देखा।
निर्विकार आखों से देखते हुए पाया की हर लेखक कितना मासूम है , ब्लॉगिंग की मृग मारीचिका में बार-बार फंसता और निकलता है। लेकिन यही तो नियम है प्रकृति का। कीचड से गुजरेगा नहीं तो परिचित कैसे होगा जीवन की तल्खियों से।
ब्लॉगजगत के इन उतार-चढ़ाव से गुज़र कर बहुतों को तप कर कुंदन होते भी देखा।
आपको लगता है की आप बदलते नहीं हैं। तो ये आपका भरम है। लीजिये आईना देखिये और पहचानिए खुद को । आप खुद ही पायेंगे की आप कितने बदल गए हैं इन बारह महीनों में।
मैं खुश हूँ की आज मैंने ब्लॉगिंग में दो वर्ष पूरे कर लिए। इस सफ़र में कुछ अपनों का बहुत सुन्दर साथ और सहयोग रहा।
ह्रदय से आभार के साथ,
Zeal
44 comments:
badhai......
आपका ब्लॉगिंग करियर बहुत संघर्ष वाला रहा है. जिसे आपने खेमे बाज़ी कहा है उसे मैंने भी देखा है. एकाध खेमे ने मुझे खींचने की कोशिश की लेकिन लगा कि बिना खेमे या गिरोह के जीना बेहतर है. Better to be alone than to be in bad company :))
ब्लॉगर के तौर पर मैं याद रखूँगा कि मेरे आलेखों (विषयों) को स्वीकारने वालों में दिव्या प्रमुख है. आपने इन दो वर्षों में जो मुकाम हासिल किया है उसके लिए बधाई और विशेष आभार.
दिव्या, सफल और सार्थक ब्लागिंग के दो वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई ।
इन दो वर्षों में आप अपने आलेखों, कहानियों, गीतों के माध्यम से देश और समाज की विसंगतियों और उपलब्धियों को प्रस्तुत करती रही हैं। ज्ञान-विज्ञान, इतिहास, धर्म, कानून, चिकित्सा, राष्ट्र की उपलब्धियां और समस्याएं, साहित्य, यात्रावृत्त, संस्मरण, समाज का यथार्थ आदि विविध विषयों पर आपकी रचनाएं आपके ब्लाग को अद्वितीय बनाती हैं। विषयों की ऐसी विविधता किसी और ब्लाग में नहीं है।
मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे ।
अशेष शुभकामनाएं।
बहुत बहुत बधाई आपको.
2 warsh poore kar liye.
Mubarak ho.
zeal
nothing has changed in hindi blog front
it was same in 2007 when i started bloging .
i am happy that inspite of all the hiccups you are still there
2 years on zeal is still there and 20 years she will still be there i am sure
मैं इस ब्लॉग्गिंग जगत में नया हूँ मात्र २ महीने पुराना और मैं दिव्या दी आपके ब्लॉग देख कर लिखना सिखा है इसको मुझे इस मंच पर आत्मसात करते हुए कहीं से भी ग्लानी या बेईजत्ति का भाव नहीं है...अतः मुझे इतना पता नहीं है की कौन कौन से खेमे हैं....पर उजली और साफ़ कमीज पूरी तरह यथार्थ है क्युकी ये सच्चाई है...आज सभी अहम् में जी रहे हैं की मैं बड़ा तो मैं बड़ा....गलती होने पर लोग लड़ जाते हैं....पर आइना देखना कोई नहीं चाहता है....जिस दिन लोग आइना देखना चालू कर दें सारी परेशानी का हल निकल जायेगा
जय हिंद
जय भारत
ब्लोगिंग के २ साल पूरा करने पर दिल से ढेर सारी बधाइयाँ...इन दो सालो में मुझे यकीन है की आपके लेखन को देख कर बहुत से लोगो ने लिखना शुरू किया होगा...अतः उसकी भी आपको बधाइयाँ...हमेसा अपने लेखन से आप लोगो को जगाती रहें यही भगवान से मैं प्रार्थना करूँगा
ब्लोगिंग के दो वर्ष पूरे होने पर बधाई और शुभकामनायें
सच को कहता सार्थक आलेख है ………ब्लोगजगत मे 2 वर्ष पूरे करने के लिये हार्दिक बधाई।
कंटीली राहों पर...यादोँ का कामयाबी भरा सफ़र ..
मुबारक हो .....
शुभकामनाएँ!
झील!...यही नाम मानस-पटल पर छा गया है!..तुमने सिर्फ दो साल का जश्न मनाया है, लेकिन लग रहा है कि तुम्हे ब्लॉग लिखने का तजुर्बा २० साल से है!...सभी विषयों की बहुत अच्छी जानकारी है तुम्हे!...भारत से बाहर रहकर भी भारतीय राजनिती और राजकीय नेताओं के बारे में पूरी जानकारी है तुम्हे!...यही तो देश-प्रेम है!
आज तुम्हे बधाई देते हुए बहत खुशी हो रही है!... 'आइना' बहुत अच्छा और साफ़ सुथरा है;सभी की तस्वीरें साफ़ नजर आ रही है!...ब्लॉग-जगत से हंमेशा जुडी रहना!ज्ञान बांटने से ही ज्ञान बढ़ता है....शुभकामनाओं के साथ...
बधाई जी , ऐसे सालो साल पूरा करती रहें
ब्लॉगिंग और ब्लोगजगत मे 2 वर्ष पूरे करने के लिये हार्दिक बधाई। बहुत२ शुभकामनाए,,,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: विचार,,,,
badhayee ho......
Congrats !
वाह जी 2 साल की बल्ले बल्ले ☺
ब्लॉग जगत मे 2 वर्ष पूरे होने पर हार्दिक बधाई।
सादर
दो वर्ष सफलतापूर्वक पूरे होने पे बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें ...
इसी शान शौकत का नाम ब्लॉग्गिंग और जीना है !मनुष्य का जन्म ही संघर्ष में हुआ है और जीवन भर संघर्ष करते हुए एक दिन मर जाना है . फिर हिम्मत क्यों टूटे ? आगे बढ़ते रहना है कुछ नयी सोंच के साथ , जो दूसरो से ताल - मेल न खाए / मिले !
ब्लॅगिंग के 2वर्ष पूर्ण होने पर बहुत-बहुत बधाई ...
आप हमेशा ऐसे ही रहें ... शुभकामनाएं
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
आप लिखती रहिए, हम पढ़ते रहेंगे।
बहुत बहुत बधाई
दो वर्ष पूरा होने ्पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें आपको.दिव्या जी..अभी ब्लागिंग जगत को समझने की कोशिश में हूँ....
दो वर्ष पूरे करने पर आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं दिव्या जी । सच कहा आपने और यहां सबके अपने अपने अनुभव हैं कुछ शाश्वत है तो हमारे विचार , हमारे शब्द , हमारी लेखनी , इसे निर्बाध चलने दिया जाए । बहुत बहुत शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट कल 14/6/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 902 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क
ब्लॉग जगत में दो वर्ष पूर्ण करने पर हार्दिक बधाइयां!!!
उम्मीद है यह कारवां यूं ही आगे बढ़ता रहेगा.
जीवन संघर्ष और चुनौतियों से भरा पड़ा है। अच्छे और बुरे के बीच निरंतर संघर्ष चलता रहता है.
पुन: ब्लॉग की दुसरी वर्ष गांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं.
तीसरा वर्ष सुखद रहे.
आपको अनेकों शुभकामनायें इस उपलब्धि के लिये। आप लेखन उत्तरोत्तर निखरता रहे।
बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !
आज से 365 दिन की एक नई यात्रा फिर से शुरू होती है। आपकी ये यात्रा मंगलमय और खुशियों से भरी हो।
आईना भी देखा। हम भी दिखे .. हम ही थे?
दिव्या जीवन दिव्यतम, दो वर्षों का ब्लॉग ।
लोहा लेती लोक से, पिघलाई ना आग ।
पिघलाई ना आग, शर्त पे अपने जीती ।
जीती खुद के युद्ध, गरल भी खुद से पीती ।
लिखते रहो सटीक, देश हित रविकर हव्या ।
मानव का कल्याण, बधाई डाक्टर दिव्या ।।
सर्वप्रथम तो आपको ब्लॉगिंग के दो साल पूरे करने पर अनेकों बधाइयां एवं शुभकामनाएं। ईश्वर करे इसी प्रकार आपकी लेखनी समाज, राष्ट्र व हिंदुत्व कल्याण के लिए चलती रहे। एलेक्सा रेंकिंग में आपको शीर्ष सूची में देखना एक बहुत ही सुखद एहसास रहा।
हाँ ब्लॉगिंग में बहुत कुछ बदल गया है। अधिकतर लोग केवल टाइम पास कर रहे हैं। किसी उद्देश्य के चलते ब्लॉगिंग नहीं हो रही। सिर्फ दुकानें चलाई जा रही हैं। ऊपर से जो कुछ सार्थक करने के प्रयास में लगा है उसे भी नहीं करने देते। इनके विषय केवल एक दुसरे की चापलूसी या एक दुसरे को गाली गलौच रह गया है। कुछ सार्थक करने के प्रयास में अनेकों ब्लॉगर ब्लॉगिंग छोड़ चुके हैं क्योंकि यहाँ किसी को इसकी परवाह नहीं थी। मैं खुद जब ब्लॉगिंग से जुड़ा तब सोचा था राष्ट्र व हिंदुत्व की सेवा में ब्लॉगिंग करूँगा किन्तु दो साल में देख लिया कि यहाँ किसी को न राष्ट्र की पड़ी है न ही हिंदुत्व की। इन्हें मतलब है तो सिर्फ अपनी कमीज़ की सफेदी बढाने से। जब देखो तब दिव्या को गरियाने से। इसलिए ब्लॉगिंग से मन ऊब गया। किन्तु आपकी लगन को देखते हुए ब्लॉगिंग को छोड़ नहीं पाया। सच कहूँ तो अभी तक ब्लॉगिंग से जुड़ा हूँ तो सिर्फ आपके कारण अन्यथा कब का छोड़ चूका होता। क्योंकि मुझे यहाँ केवल अँधेरा और व्यर्थ प्रलाप ही दिख रहा था किन्तु आपके जूनून ने एक आशा की किरन दिखाई।
आपका सदैव आभारी रहूँगा। साथ ही अपना ब्लॉग (जैसा भी है) भी आपको समर्पित करता हूँ। अब मेरी ब्लॉगिंग के उद्देश्य में भारत एवं हिंदुत्व के साथ एक और उद्देश्य (Zeal) जुड़ गया है।
सफल एवं सार्थक ब्लॉगिंग तो आपके यहाँ ही देखी है।
अनेकों शुभकामनायें इस उपलब्धि के लिये
BLOGING KE DO SHANDAAR WARSH POORE KARNE KE LIYE BADHAI. BLOG JAGAT KEE KHEMEBAJI PAR SULTAAN AKHTAR KA EK SHER YAAD AA GAYA---
JISKO KAREEB PAYA USI SE LIPAT GAYE.
SOORAJ DHALA TO LOG KABEELO'N ME'N BANT GAYE.
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें !
दो वर्ष हो गये ..
यानी, जीव जगत ने सौर्यमंडल के दो पूरे चक्कर लगा लिये.
यानी, हर मौसम ने दो-दो बार आकर हमारी खैर खबर ली.
यानी, दो दर्जन महीनों में नयन दो से चार हुए, यानी परचते-परचते 'परिचय' प्रेम में परिवर्तित हो गया.
गत दो वर्षों में.... वर्षा के विविध रूप देखने को मिले.....
— करुणा की फुहार
— संवेदना के छींटे
— प्रेम की बौछार
— राष्ट्र-प्रेम की उत्साह वृष्टि
— आक्रोश का झंझावात
— क्रोध की तेजाबी वर्षा
....... विविध भावों के विविध लेखों से आपने जो पहचान बनायी है वह ब्लॉगजगत के लिये अमूल्य निधि हैं. बातचीत शैली में सामयिक विषयों पर परिचर्चा कराकर आपने बहुत से पाठकों को लेखन की ओर उन्मुख भी किया .... इसका प्रमाण सभी के सामने हैं. रचना जी की ही तरह हमारी भी कामना है कि आप वर्षों तक इसी ऊर्जा से चालित रहें और ब्लॉगजगत की एकजुटता के लिये प्रयास करते रहें.
divya ji
aap bilkul sahi kah rahin hain is blogingki duniya me jab ham ne bhi pahli baar likhna shuru kiya to hame bhi yahi ahsaas hua tha.raat teen -teen baje uth kar post dalti v comments karti thi.
bahut se anjane logo se pyaar aashishh v shubh kamnaye mili .sach bahut hi achha lagta hai
lagta jaise hamsabhi ek parivaar ki tarah hi to hain jo dil ki baat ko kalam dwara panno par utaar kar
aapas me sanjha kar lete hain .
bloging ki duniya me aapke do varshh -pure hue.aage bhi aap yun hi apni lekhni yun nirantar chalti rahe inhi shubh -kamnaon ke saath
hardik badhai
poonam
ब्लॉग जगत में दो वर्ष पूरे होने पर आपको ढेरों शुभकाणनाएं.....आप ऐसे लिखती रहें...ईश्वर आपका साथ दें!
डॉ. दिव्या जी आपको बहुत बहुत बधाई हो... आप यूँ ही ब्लॉग लिखती रहे यही प्रार्थना है इश्वर से...
आपके ब्लॉग पर पहली बार आया तो लगा क्या स्त्री है यार... तेजतर्रार...
बेबाक... कोई लागलपेट नही, सीधा सपाट लिखना... नमन है आपको
badhai...
pranam.
सभी प्रबुद्ध पाठकों एवं ब्लॉगर्स का धन्यवाद ।
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