कोसीकलां दंगे का प्रारंभ और क्रमवार विश्लेषण---
१ जून २०१२, दिन शुक्रवार, तिथि निर्जला एकादशी, समय दोपहर २ बजे
मुस्लिम समुदाय के जुमे की नमाज का समय| कोसीकलां में जिंदगी अपनी गति से बढ़ रही थी| दोपहर की नमाज समाप्त होने के पश्चात् सब्जी मंडी में एक व्यापारी देवा ने एक ग्राहक को सामान दे कर मस्जिद के निचे रखे ड्रम के पानी से हाथ धो लिया| उसी समय मस्जिद से निचे उतर रहे खालिद शेख ने व्यापारी देवा को ऐसा करते देख लिया और उसे फटकार दिया| देवा ने कहा की अगर आपका पानी ख़राब हो गया तो मैं क्षमा मांगता हूँ और ड्रम को दोबारा भरवा देता हूँ| देवा ने दोबारा ड्रम को पानी से भरवा दिया| दोबारा पानी भरवा देने के बाद भी खालिद शेख अपने अहंकारवश देवा से मारपिट चालू कर दिया| खालिद के ऐसा करने का अन्य हिन्दू व्यापारी बन्धुवों ने विरोध किया| लेकिन खालिद ने मस्जिद से अन्य मुस्लिमों को बुला लिया हिन्दुओं के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट करता हुआ मस्जिद में वापस चला गया और उसके बाद मस्जिद में उपस्थित मुस्लिमो ने हिन्दुओं पर मस्जिद के अन्दर से ही पथराव चालू कर दिया| इतना ही नहीं खालिद ने कोसी नगर के मुस्लिम बहुल इलाके "निकासे" के मुस्लिमो को ये सुचना दे दी की हमारी मस्जिद को हिन्दुओं ने घेर लिया है और हमारे ऊपर हमला कर रहे हैं| ज्ञात हो की खालिद शेख ६ महिना भारत में रहता है और ६ महिना सउदी अरब में रहता है| वह सउदी अरब से कोसीकलां और उसके आसपास के क्षेत्रों के सभी मस्जिदों के लिए हवाला के जरिये धन मुहैया करता है| इतना ही नहीं खालिद शेख आई०एस०आई० का एजेंट भी है और मुस्लिम हितैषी सरकार जैसे कांग्रेस और सपा के साथ प्रगाढ़ सम्बन्ध बनाये हुए है और उनके हमेसा संपर्क में रहता है|
कोसीकलां का पाकिस्तान कहे जाने वाले मुस्लिम बहुल क्षेत्र "निकासे" से सैकड़ों की संख्या में उग्र मुसलमानों की भीड़ अपना आतंकवादी रूप दिखाते हुए अपने विभिन्न प्रकार के घातक हथियारों जैसे बम, पिस्तौल, पेट्रोल बम इत्यादि से लैस हो कर हिन्दुओं पर हमला करते हुए उक्त मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे| लेकिन सब्जी मंडी मस्जिद और निकासे के बिच स्थित हिन्दू बहुल क्षेत्र "बल्देव गंज" के हिन्दू भाइयों ने निकासे के मुस्लिमो को मुहतोड़ जवाब दिया | इसपर गुस्साए मुसलमानों ने तबाही का जो मंजर प्रस्तुत किया वो दिल दहला देने वाला था|
निकासे सीमा पर स्थित पंजाब नेसनल बैंक में घुस कर मुसलमानों ने सिर्फ वहां की संपत्ति को केवल भारी नुकसान ही पहुँचाया बल्कि लूटपाट का भी प्रयास किया| इसका पूरा विवरण बैंक के सीसीटीवी कैमरे में कैद है जिसे अगर प्रदेश सरकार चाहे तो देख सकती है| लूटपाट में असफल होने के पश्चात् मुसलमानों ने बैंक को आग के हवाले कर दिया| बैंक के बाहर मुस्लिम दंगाई और बैंक के अन्दर आग| इसके बावजूद भी बैंक के अन्दर उपस्थित स्टाफ, कर्मचारियों और ग्राहकों ने इधर-उधर शरण ले कर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई| मुसलमानों का गुस्सा और आतंकवादी गतिविधियाँ यही नहीं थमीं| मुसलमानों ने निकासे सीमा पर स्थित लगभग सभी हिन्दू घरों में घुस कर ना सिर्फ तोड़-फोड़ और लूटपाट करी बल्कि वहां मौजूद हिन्दू माताओं और बहनों से भी बड़ी ही अश्लीलता पूर्ण बद्तामिजियाँ कीं| दंगाइयों ने हिन्दुओं के घरों के निचे रखी उनकी कारों को आग के हवाले कर दिया| जिसके कारण कई हिन्दुओं के घर जल कर खाक हो गए| हिन्दुओं में बल्देव गंज और निकासे सीमा पर स्थित आर०के० गर्ग, गुड्डू हतानियाँ, किशन पंडित और प्रतिक जैन इत्यादि हिन्दू भाइयों के घर, वाहन, दुकान और गोदाम आदि की भारी हानी हुई| इनकी माता बहनों के साथ घर में घुस कर अमानवीय रूप से बदतमीजी की गई| मुस्लिम दंगाइयों ने आने-जाने वाले हिन्दू राहगीरों के करीब २ दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया और इनके साथ बड़ी बेरहमी से मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया| मुस्लिम दंगाइयों की संख्या अचानक से इतनी बढ़ गई की इनका सामना करने का साहस किसी में नहीं था| यहाँ मुस्लिम दंगाई बल्देव गंज के युवाओं पर लगातार पत्थर और बम इत्यादि से हमले कर रहे थे| हिन्दुओं के पास मुसलमानों के सामान हथियार नहीं थे क्यूंकि प्रदेश सरकार ने अपने चुनाव पूर्व वादे के हिसाब से मुस्लिम बस्तियों में कैम्प लगा कर 1 दिन में ही करीब 200 पिस्तौल के लाइसेंस बांटे थे और ये पहला वादा था जो अखिलेश सिंह यादव की सपा सरकार ने पूरा किया था फिर भी उपलब्ध हथियारों से बल्देव गंज के हिन्दू युवाओं ने इन मुस्लिम आतताइयों का सामना कर इनके हमलों का मुहतोड़ जवाब दिया| मुसलमानों के आक्रोशित और आतंकी जत्थे ने पूरी सब्जी मंडी, अनाज मंडी और अनेक बाजारों इत्यादि को जला कर राख कर दिया|
इस दंगे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन घटना स्थलों पर पहुँच तो गया पर एक निरीह मूकदर्शक बन खड़ा रहा बस| मुसलमानों के इस पथराव में कई हिन्दू भाई घायल हो गए| मुस्लमान जब बम और गोलिया चला रहे थे तब ये नहीं देख रहे थे की सामने वाला हिन्दू उनका परिचित है या मिलने वाला व्यक्ति है| मुसलमान केवल यह सोच कर हमला कर रहे थे की सामने वाला हिन्दू है और इनको जान से मार डालो| देखते ही देखते एक घंटे के अंतराल में नगर की सभी मस्जिदों से हिन्दुओं पर पथराव और बम इत्यादि फेंके जाने लगे| ऐसा लग रहा था की ये हिन्दुओं पर हमला पूर्व नियोजित था और मानो हिन्दुओं पर इस हमले की तैयारी बहुत समय से हो रही थी| ये ठीक वैसे ही था जैसे सुबह ८ बजे गोधरा में २००२ में हजारो लीटर पेट्रोल अचानक से आ गया था जबकि इतने सुबह गुजरात में पेट्रोल पम्प नहीं खुलते हैं| इसके अलावा उन आतताई मुसलमानों का जत्था जहाँ कही से भी निकलता था वहां की हिन्दुओं की चीजों को आग लगाते हुए निकलता था| यह देख नगर के हिन्दू भाई भयभीत हो गए और उन्होंने ने आस पास में ग्रामीण इलाके में रह रहे अपने जानने वालों को फ़ोन पर सुचना दी इन आतंकी मुसलमानों के कृत्य के बारे में की कैसे मुस्लमान विध्वंश और आगजनी कर रहे हैं नगर में| जिसे सुन ग्रामीण इलाके से करीब १०-१५ हजार लोग अपने हाथों में बन्दुक और अन्य हथियार ले कर थोड़ी देर में कोसीकलां पहुँच इन आतंकी मुसलमानों को खदेड़ा|
इस बिच में मुसलमानों ने हिन्दुओं के सैनी मोहल्ले पर हमला बोल दिया| मुसलमानों ने बमबारी से वहां की अनेक महिलाओं को बुरी तरह घायल कर दिया| अनेक मकानों को तहस-नहस कर दिया और उनके घरों को लूटा| अश्लीलता का नंगा नाच वहां भी दिखाया मुसलमानों ने| इसका विरोध करने वाले माली समाज के एक युवक सोनू को गोलियों से छलनी कर दिया इन मुसलमानों ने| सोनू की मौके पर ही ह्रदय विदारक चीखों के साथ मृत्यु हो गई| उन दंगाइयों के जाने के बाद पुलिस भी पर्याप्त बल के साथ वहां पहुँच गई| इसके साथ ही आर०आर०एफ़० और आर०ए०एफ़ की अनेक गाड़ियाँ कोसी में हो रहे दंगे को शांत करने के लिए पहुँच गईं| इस दौरान हमारे ग्रामीण भाइयों ने मुस्लिमो के करीब १ दर्जन दुकानों को आग के हवाले कर दिया| करीब सायं ८ बजे पुलिस ने आकर पुरे नगर में कर्फ्यू लगा दिया| लेकिन कर्फ्यू लगने के बाद भी मुस्लिमो का कहर बंद नहीं हुआ| अर्धरात्रि तक उनके इलाके से गोलियों की आवाजें सुने देती रहीं|
इसके बाद 1 जून को दंगे वाले रात् को करीब ३ बजे कोसीकलां के मस्जिद से एक ऐलान सुनाई दिया की "सारे मुस्लिम तैयार रहें| अल्लाह तुम्हारे साथ है| ये तो बस एक शुरुवात भर है इंशा अल्लाह इस बार हम सभी मुसलमान मिल कर इन हिन्दुओं का सफाया कर देंगे| यह बड़े शबाब का काम है जो की अल्लाह ने तुमको दिया है| इन काफिरों को मरोगे तो अल्लाह तुम्हे जन्नत बख्सेगा|" यह ऐलान सुन सभी हिन्दू सहम गए और रात भर अपने छतों पर टहलते रहे| खौफ के साये में रात गुजारने के बाद दुसरे दिन नगर की हालत काफी बिगड़ी हुई दिखाई दे रही थी| हर तरफ मृत्यु का सन्नाटा पसरा हुआ था| चारो तरफ बस आगजनी और तबाही का ही मंजर था| मुस्लिम दंगाइयो ने चुन चुन कर ऐसे गोदामों में आग लगाई थी जो हिन्दुओं की थीं और करोडो का सामान रखा हुआ था उसमे| यदि पिछली शाम को ग्रामीण लोग नहीं आये होते नगरीय लोगो की रक्षा हेतु तो शायद नगरीय क्षेत्र हिन्दू विहीन हो चूका होता| ग्रामीण बंधुओं का नगरिय लोग दिल से आभार प्रकट करते हैं|
मथुरा जिले के एस०पी०, एस०एस०पी०, आइ०जी०, डी०आइ०जी० और डी०एम० ही नहीं बल्कि आगरा और अलीगढ के सभी हेड कांस्टेबल, एस०ओ०, एस०डी०एम०, पी०ए०सी०, आर०ए०एफ़, आर०आर०एफ़० ने पुरे कोसीकलां को अपने कब्जे में ले लिया| दंगे के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी प्रशासनिक अधिकारीयों के तबादले कर दिए गए और जो लोग उनकी जगह पर आये वो आज़म खान (शहरी विकास मंत्री), इमाम बुखारी (शाही इमाम दिल्ली जामा मस्जिद) और मौलाना युसूफ मदानी के खास अधिकारी थे| अब इन गुलाम अधिकारीयों के नेतृत्व में दंगे की जाँच शुरू होने लगी| प्रशासन पर दबाव इस कदर था की ये अधिकारी हिन्दुओं के घरों पर ही छापा मारने लगे| मुसलमानों के मात्र कह भर देने से ही हिन्दुओं की धरपकड़ शुरू हो गई| दंगे वाले दिन चाहे कोई हिन्दू कोसीकलां में हो या ना हो उन्हें आरोपी दिखाया जाने लगा| जिन हिन्दुओं का नुकसान हुआ वो भी पुलिस रिकॉर्ड में दंगाई दिखाए गए| अगले माह होने वाले नगर पालिका चुनाव में खड़े होने वाले सभी हिन्दू प्रत्याशियों को दंगाई दिखा कर उनके खिलाफ एफ़०आइ०आर तैयार कर दिया गया| आस-पास के देहात के सभी हिन्दू ग्राम प्रधानों एवं दबंग हिन्दुओं के खिलाफ भी एफ़०आइ०आर दर्ज की गई|
यह प्रथम दृष्टया ही साजिस लग रही थी प्रशासन और सरकार की हिन्दुओं की ताकतें कमजोर करने की और उनके हाथ काट देने की| नई महिला एस०एस०पी० एम० पदमजा, डी०एम० अलोक तिवारी और आइ०जी० मियां जावेद अख्तर ये तीनो पुलस अधिकारी हिन्दू विरोधी और मुस्लिम हितैषी हैं| हिन्दुओं के प्रति इनका व्यव्हार सौतेला रहा है| अब तक हिन्दुओं में से १४ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और गिरफ्तारियां आज भी बदस्तूर जारी हैं जो की रात के अँधेरे में 3 बजे तक में की जा रही हैं वो भी जबरन हिन्दू घरों में घुस कर| और अभी तक में २०० हिन्दुओं के खिलाफ एफ़०आइ०आर० दर्ज हो चूका है और इतना ही नहीं करीब २००० अज्ञात हिन्दू भाइयों को दंगाई दिखा उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया गया है| और दिखने के लिए आज़म खान (शहरी विकास मंत्री) के आगमन पर २-४ मुस्लिमों को पकड़ कर उनको राजसी ठाट-बाट के साथ जेल में रखा गया है ताकि ज्यादा हो-हल्ला ना हो|
गौरतलब हो की १ जून दंगे वाले दिन जब हिन्दू बंधुओं के घर और दुकाने जलाई जा रही थीं और हिन्दू महिलाओं के साथ अभद्र और नीच हरकते की जा रही थी और मुस्लिम नुकसान पहुचाते हुए आगे बढ़ रहे थे तब हिन्दुओं ने थाने पर खड़े आइ०जी० से मदद की गुहार लगाई की सब जल रहा है और जलते हुए घरों में हमारी महिलाएं हैं लेकिन आ०जी० के कानो को जैसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था और ना ही उसकी आँखों को कुछ दिखाई दे रहा था| पर जब ग्रामीण हिन्दू भाई अपने नगरीय हिन्दू भाइयों की मदद के लिए आगे बढे तब ग्रामीण हिन्दू भाइयों पर इसी आइ०जी० ने लाठी चार्ज कर उनको तितर बितर करने की कोशिस की| ऐसा ये आइ०जी० इसलिए कर रहा था क्युकी ये खुद भी मुस्लिम है और मुस्लिमों को मौका दे रहा था की तुम्हारे पास मौका है और मैं खड़ा हूँ तुम्हारी रक्षा को जितना नुकसान पहुँचा सकते हो इन हिन्दुओं को उतना नुकसान जल्दी से पहुँचा लो|
दंगे के ४-५ दिन बाद डी०एम० से शांति बहाली के लिए कोसीकलां के व्यापारियों ने गुहार लगाई तो डी०एम० का कहना था कि, "मेरा काम है नगर में शांति व्यवस्था बनाये रखना| यह मेरा काम नहीं है कि आप हिन्दू और मुसलमान आपस में राजीनामा करते हैं ये नहीं| वह आप लोगों का काम है| आप लोग बाजार खोलो या ना खोलो इससे मेरा कोई सरोकार नहीं है| तुम्हारे ऐसा करने से मेरी कोई तनख्वाह नहीं कट रही है| अगर मुझे कोई उपद्रव करते मिल गया तो मैं पहले उसे समझाऊंगा| यदि वो नहीं माना तो उसे डंडों से समझाऊंगा और अगर तब भी नहीं समझा तो उसको मैं गोली से उड़ा दूंगा| "नगर व्यापारियों ने प्रशासन के इस रवैये से क्षुब्ध हो कर कोसीकलां में बाज़ार ना खोलने का निश्चय किया| १ जून शाम से आज तक बाज़ार नहीं खुला है कोसीकलां में| और सड़कों पर केवल सुरक्षा बल के जवान घूमते हुए दिखाई देते हैं| हम हिन्दुओं के घरों में राशन इत्यादि जमा होता है| पर मुसलमान जाती ऐसी होती है कि वो रोज कमाते हैं और रोज राशन खरीद कर खाते हैं| हिन्दुओं का अनुमान था कि हमारे बाजार ना खोलने से मुसलमानों के हौसले पस्त हो जायेंगे और वो राजीनामा को मजबूर हो जायेंगे| लेकिन हिन्दुओं का अनुमान गलत साबित हुआ| जैसे ही कर्फ्यू में ढील हुई या सोच समझ कर ढील दी गई मुसलमानों ने अपने औरतों और बच्चों को अपने रिश्तेदारों के यहाँ भेज दिया| अब नगर में उग्रवादी, कट्टरवादी और दंगाई किस्म के मुस्लिम रह गए हैं जो कि संख्या में बहुत अधिक हैं|
दंगो के तीसरे दिन से दिल्ली के जामा मस्जिद कि तरफ से ट्रक भर कर राशन, सब्जियां, फल इत्यादि आने शुरू हो गए और गौर करने वाली बात है कि प्रशासन ने इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं कि यहाँ तक कि इन ट्रकों को जांचने का कार्य भी नहीं किया गया| बल्कि इसके इतर प्रशासन ने मुस्लिम बस्तियों में टैंकर भर कर पानी भिजवाना शुरू कर दिया और हिन्दू मोहल्लों में पानी कि सप्प्लाई पर रोक लगा दिया गया| हिन्दुओं में इस बात का काफी रोष व्याप्त हो गया क्यूंकि हिन्दुओं के घरों में पानी कि किल्लत और एक वर्ग विशेष को इतनी सुविधा वो भी प्रशासन के तरफ से हिन्दुओं के तरफ से हिन्दुओं और मुसलमानों में सुलह के लिए आज तक ४ कोशिशें कि जा चुकी हैं| लेकिन अफ़सोस कि तीनो बार मुसलमानों ने इन राजीनामे से मना कर दिया| यही नहीं पूरा मेवात क्षेत्र जहाँ करीब १८ लाख मेव-मुस्लिम रहते हैं उन्होंने मुस्लिमो कि हर तरह कि सहायता करने का खुल्ला ऐलान कर दिया| इसमें हरियाणा के नूंह, पुन्हाना आदि मेवात क्षेत्र काफी सक्रिय हैं|
वहीँ चौथे दौर कि संधि प्रयास में कोसीकलां के कांग्रेस समर्थित आर एल डी के सेकुलर विधायक ठाकुर तेजपाल सिंह ने एक बैठक कि जिसका मुख्या मुद्दा था शांति बहाल करना पर इन्होने जो किया वो हिंदुत्व को शर्मसार करने वाला था| ये विधायक महोदय मुसलमानों के इतने अत्याचार के बावजूद हिन्दुओं को ही भाई चारे का पाठ पढ़ा रहे थे| शायद इन विधायक महोदय को अपनी कुर्सी बचाने की ज्यादा चिंता थी| पर कोसीकलां के हमारे हिन्दू भाइयों ने इन्हें टका सा जवाब दे दिया की हमें नहीं चाहिए शांति और हम अब अपने तरीके से निपट लेंगे इन अधर्मी मुसलमानों से आप विधायक महोदय अपने मुस्लमान भाइयों के साथ मस्ती करो|
यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सरकार जिसके मुखिया मुलायम सिंह यादव हैं वह हिन्दू विरोधी और मुसलमान परस्त पार्टी है| उसने इस बार उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने के चक्कर में मुसलमानों को अपने मंत्रिमंडल में बड़े तौर पर तरजीह दी है। आज़म खान जो कि शहरी विकास मंत्री है वो कट्टरवादी मुस्लिम है, वह कोसीकलां आया और उसने केवल मुसलमानों के हित कि ही बातें करीं| कोसीकलां के मुसलमानों को उसने न्याय दिलाने और प्रशासन से सहायता दिलाने का पूरा भरोसा दिया| आज़म खान ने हिन्दुओं को भी सब कुछ ठीक करने का वादा किया पर उसके चेहरे से साफ़ झलक रहा था कि जो भी वादा आज़म खान कर रहा था हिन्दुओं से वो केवल उपरी मन से था| दरअसल आज़म खान ने पर्दे के पीछे मुसलमानों कि पीठ थपथपाई और उनको अभयदान दिया|
आज़म खान के जाने के बाद उसी रात कोसीकलां के रिहाइशी इलाके आर्यनगर के एक बनिया व्यावसायी के घर और उसके निचे बनी दुकान को किसी मुसलमान ने जला दिया जिस वजह से उस व्यावसायी को लाखों का नुकसान हुआ| सुबह पुलिस आई और जबरदस्ती उस पीड़ित व्यावसायी परिवार से लिखवा कर ले गई कि ये आग शार्ट-सर्किट के चलते लगी थी| इस घटना कि दूसरी रात को फिर किसी मुसलमान ने एक और बनिया व्यावसायी के बाईपास स्थित दोना-पत्तल, मुन्जवान, रस्सी और झाड़ू के गोदाम को आग के हवाले कर दिया| इस बार भी पुलिस सुबह ही आई और पुलिस ने उस व्यापारी पर प्रशासनिक दबाव देकर लिखवा लिया कि ये आग भी शार्ट-सर्किट के चलते लगी है| जबकि सत्यता यह थी कि इस गोदाम में ना तो कोई बिजली के तार कि फिटिंग थी और ना ही कोई बिजली का कनेक्सन था| नगर के हिन्दुओं में रोष चरम पर है पर परेशानी ये है कि अगर विरोध प्रदर्शन किया तो जैसे प्रशासन बराबर धमकी दे रहा है कि हिन्दुओं पर रासुका लगा जेल में डाल दिया जायेगा|
मुस्लिमों के जुल्म कि इन्तेहाँ तब हो गई जब उन्होंने अपने इलाके में कर्फ्यू लगा होने के बावजूद हमारी गौमाता कि हत्या कर कूड़े के ढेर में फेंक दिया| यह एक करारा तमाचा था हम हिन्दुओं के मुँह पर और चेतावनी थी यह मुसलमानों कि तरफ से कि देख लो कितना भी कर्फ्यू हो पर हम तो ऐसा ही करेंगे| और तुम हिन्दू अगर रोक सकते हो तो रोक कर दिखा दो| इस बार भी पुलिस बहुत देर से पहुंची और बिना छानबीन किये कि ये गाय आई कहाँ से और किसने इसे मारा पुलिस ने गाय का पोस्टमार्टम करा गौमाता को धरती में गडवा दिया| और इतना पर ही नहीं रुके पुलिस वाले उन्होंने वहां उपस्थित पत्रकारों को ये धमकी दी कि ये किसी भी न्यूज़ में नहीं छापना चाहिए कि मुसलमानों के इलाके में गाय का शव मिला है|
कोसीकलां में भाजपा के राजनाथ सिंह जी भी आये| उनको कोसीकलां में प्रवेश नहीं दिया गया| भारी मात्र में पुलिस बल आ गया राजनाथ सिंह जी को रोकने के लिए| कोसीकलां के बाईपास पर ही स्थित एक ढाबे पर रुक कर नगर के पीड़ितों का दर्द सुन कर वो भी अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकते हुए दिखाई दिए| राजनाथ सिंह जी ने कहा कि, "मैं अखिलेश यादव से बात करूँगा कि वो हिन्दुओं के प्रति इतने रूखे क्यों हैं? यह एक तरफ़ा कार्यवाही क्यों कर रहे हैं वो? पूरी भाजपा आपके साथ है| हम जल्दी ही दिल्ली में हिन्दुओं के ऊपर हो रहे इस अत्याचार के विरोध में धरना प्रदर्शन करेंगे| हम कोसीकलां वासियों कि आवाज ऊपर तक पहुचाएंगे| आप लोग घबराये नहीं|" और भी कई बाते इन्होने बोलीं पर कोसीकलां वाशियों को जो राजनाथ सिंह जी और भाजपा से जो आशा थी वो धूमिल होती प्रतीत हुईं|
१३ जून को मुसलमान बस्तियों से यह सूचना आई कि आज हिन्दुओं कि तेरहवीं तो हमने हिन्दुओं कि गौमाता कि हत्या करके कर दी अब इनको दिखाना है कि इनका चालीसवां कैसा होता है| इन मुट्ठी भर मुसलमानों के इतने उछालने का कारन एक ही है कि हम हिन्दुओं का हाथ इस प्रशासन ने काट दिया है और मुसलमानों ने अपनी ताकत इन तेरह दिनों में अच्छे से बढ़ा लिया| क्यूंकि जिन ट्रको में उनके लिए दिल्ली के जामा मस्जिद से खाने पिने का सामान आ रहा है और यहाँ का प्रशासन बिना किसी रोकटोक के उसे मुस्लिम क्षेत्र तक जाने दे रहा है उन ट्रकों में खाने-पिने के सामानों में छुपा कर घटक और स्वचालित हथियार भेजे जा रहे हैं| (ज्ञात हो कि इमाम बनाने के समय और उसके पहले से दिल्ली जामा मस्जिद के मौजूदा इमाम बुखारी बोलते आये हैं कि मुसलमानों कि एक सशत्र सेना बनाने कि और यहाँ तक कि बुखारी ने मुस्लिम लीग के तौर पर अपनी एक मुस्लिम पार्टी बनाने के लिए साल २००० में कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी से भी मुलाक़ात की थी)| और इन खाना पीना लादे ट्रकों का प्रवेश आजभी बदस्तूर जारी है कोसीकलां के मुस्लिम बहुल इलाके में| अब इतने ही दिनों में मुसलमान हिन्दुवों ओ खुली चेतावनी दे रहा है कि अब चाहे पूरा देहात आ जाये हम हिन्दुओं का मुकाबला कम से कम पुरे दो महीने तक मुकाबला कर सकते हैं| आखिर २ महीने तक लगातार हिन्दुओं से मुकाबला करने कि बात ये मुसलमान अचानक से कैसे करने लगे|
१६ जून को पूर्व निश्चित समझौता सभा में मुसलमान नहीं आये| उनका कहना था कि बाज़ार खोलना हिन्दुओं कि मज़बूरी है उनकी नहीं| हमको तो खाना अल्लाह अपने घर मस्जिदों से दे रहा है| तुम हिन्दुओं कि गर्ज है तभी तो हम मुस्लिमों से राजीनामा करना चाहते हो| बाज़ार ना खोलने से हिन्दू बेहाल होगा ना कि मुसलमान क्यूँकी मुसलमानों के घर खाने पिने कि सामानों से भरा हुआ है| विदित हो कि गत दो माह पूर्व विधानसभा चुनाव होने के बाद कोसीकलां में मुसलमानों कि बस्ती निकासे में तत्कालीन डी०एम० ने स्वयं उपस्थित रह कर और मुस्लिम बस्ती में शिविर लगा कर पुरे २०० पितौलों के लाइसेंस मुस्लिमों को हाँथो-हाँथ आबंटित किये गए| जबकि कानून किसी भी शास्त्र का लाइसेंस बनवाने कि प्रक्रिया में करीब ३ माह से भी अधिक का समय लग जाता है| लेकिन इन मुसलमानों के लिए यह कार्य एक दिन में ही कर दिया गया| और ये कार्य तो एक जगह किया गया जो हमें पता चला हो सकता है ऐसा कार्य उत्तर प्रदेश के हर मुस्लिम इलाके में चोरी छिपे किया गया हो और इसके बारे में किसी को पता ना चला हो| वैसे कोसीकलां के हिन्दुओं ने भी अपनी सुरक्षा हेतु शास्त्रों के लाइसेंस आवंटित किये जाने कि मांग कि जिसे प्रशासन ने ठन्डे बसते या कहें तो कूड़े दान में डाल दिया| शतप्रतिशत मुसलमानों पर इस मेहरबानी के पीछे केवल राजनैतिक समीकरण है|
दिनांक १६ जून से कोसीकलां नगर से सभी लाइसेंस बन्दुकधारि हिन्दुओं से पुलिस उनके हथियार थाने में जमा करने में जीजान से जुट गई है| पर वहीँ दूसरी तरफ मुसलमानों से उनके वैध या अवैध हथियारों को पुलिस जब्त नहीं कर रही है| प्रशासन के इस एक तरफ़ा रवैये को लेकर हिन्दुओं में एक खौफ के साथ-साथ गहरी साजिस का भी अंदेशा हो रहा है जिस कारन हिन्दू बंधुओं में रोष व्याप्त है|
आज मुसलमान हम हिन्दुओं के सर पर नाच रहे हैं| हम हिन्दू यहाँ अपने ही श्री कृष्ण कि नगरी में ऐसे रह रहे हैं जैसे दांतों के बिच हमारी जिह्वा| हमारे इस हँसते खेलते वातावरण और घरौंदों को इन मुसलमानों ने ऐसा बना दिया है जैसे कि हम किसी खंडहर में रह रहे हों| अपने ही नगर और मोहल्ले में हमें ऐसे कैद किया गया है जैसे कि हम जेल में रह रहे हों| सरकार और प्रशासन दोनों ही हम हिन्दुओं के खिलाफ ही कार्यवाही करने को व्याकुल और अति-आतुर हैं| सरकारी और प्रशासनिक दबाव के चलते कोसीकलां के इस भीषण महासंग्राम और खुलेआम जलते घरौंदों को किसी भी टी०वि० चैनल पर नहीं दिखाया जा रहा है और ना ही किसी समाचार पत्र में इसको कोई स्थान मिल रहा है| यही नहीं किसी भी हिंदूवादी नेता को नगर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है और उनको प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है| वैसे तो हिन्दू-मुस्लिम के दंगे आये समय में होते रहे हैं उत्तर प्रदेश में, जैसे १९८० में हुवा मोरादाबाद का दंगा जिसने करीब २००० लोगों कि प्राणों कि आहुति ले लिया था और उसमे भी कुछ नहीं किया गया था क्युकी तब केंद्र और प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार थी| पर कोसीकलां में १ जून से चल रहे इस दंगे ने गुजरात (गोधरा-२००२) में हुए दंगे कि याद दिला दिया कि १० सालों बाद आज भी मीडिया और मोदी जी के विरोधी कैसे उस दंगे को आये दिन उछालने कि कोशिस करते हैं पर वहीँ भारत देश के बाकि के दुसरे भागों में हुए दंगो जो गुजरात के तर्ज पर ही मुसलमानों ने ही शुरुवात किये उसे बड़े जतन से छिपाया जाता है ताकि किसी को सच्चाई का पता ना चले| जैसे हाल ही में हुहे रामनवमी के बाद हेदराबाद के मंदिरों में गाए और हरा रंग फेके जाने के महा अपराधों को छुपाया गया. हेदराबाद के ही मंज्लिश पार्टी के लीडर अकबरुदीन ओबीसी द्वारा दिया गया फतवा चारमिनार स्थित महालक्ष्मी मंदिर में घंटिया बजवाने पर प्रतिबंद जैसे फतवे.
इसे कहते हैं हिन्दू विरोधी और मुस्लिम परस्ती|
१ जून २०१२, दिन शुक्रवार, तिथि निर्जला एकादशी, समय दोपहर २ बजे
मुस्लिम समुदाय के जुमे की नमाज का समय| कोसीकलां में जिंदगी अपनी गति से बढ़ रही थी| दोपहर की नमाज समाप्त होने के पश्चात् सब्जी मंडी में एक व्यापारी देवा ने एक ग्राहक को सामान दे कर मस्जिद के निचे रखे ड्रम के पानी से हाथ धो लिया| उसी समय मस्जिद से निचे उतर रहे खालिद शेख ने व्यापारी देवा को ऐसा करते देख लिया और उसे फटकार दिया| देवा ने कहा की अगर आपका पानी ख़राब हो गया तो मैं क्षमा मांगता हूँ और ड्रम को दोबारा भरवा देता हूँ| देवा ने दोबारा ड्रम को पानी से भरवा दिया| दोबारा पानी भरवा देने के बाद भी खालिद शेख अपने अहंकारवश देवा से मारपिट चालू कर दिया| खालिद के ऐसा करने का अन्य हिन्दू व्यापारी बन्धुवों ने विरोध किया| लेकिन खालिद ने मस्जिद से अन्य मुस्लिमों को बुला लिया हिन्दुओं के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट करता हुआ मस्जिद में वापस चला गया और उसके बाद मस्जिद में उपस्थित मुस्लिमो ने हिन्दुओं पर मस्जिद के अन्दर से ही पथराव चालू कर दिया| इतना ही नहीं खालिद ने कोसी नगर के मुस्लिम बहुल इलाके "निकासे" के मुस्लिमो को ये सुचना दे दी की हमारी मस्जिद को हिन्दुओं ने घेर लिया है और हमारे ऊपर हमला कर रहे हैं| ज्ञात हो की खालिद शेख ६ महिना भारत में रहता है और ६ महिना सउदी अरब में रहता है| वह सउदी अरब से कोसीकलां और उसके आसपास के क्षेत्रों के सभी मस्जिदों के लिए हवाला के जरिये धन मुहैया करता है| इतना ही नहीं खालिद शेख आई०एस०आई० का एजेंट भी है और मुस्लिम हितैषी सरकार जैसे कांग्रेस और सपा के साथ प्रगाढ़ सम्बन्ध बनाये हुए है और उनके हमेसा संपर्क में रहता है|
कोसीकलां का पाकिस्तान कहे जाने वाले मुस्लिम बहुल क्षेत्र "निकासे" से सैकड़ों की संख्या में उग्र मुसलमानों की भीड़ अपना आतंकवादी रूप दिखाते हुए अपने विभिन्न प्रकार के घातक हथियारों जैसे बम, पिस्तौल, पेट्रोल बम इत्यादि से लैस हो कर हिन्दुओं पर हमला करते हुए उक्त मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे| लेकिन सब्जी मंडी मस्जिद और निकासे के बिच स्थित हिन्दू बहुल क्षेत्र "बल्देव गंज" के हिन्दू भाइयों ने निकासे के मुस्लिमो को मुहतोड़ जवाब दिया | इसपर गुस्साए मुसलमानों ने तबाही का जो मंजर प्रस्तुत किया वो दिल दहला देने वाला था|
निकासे सीमा पर स्थित पंजाब नेसनल बैंक में घुस कर मुसलमानों ने सिर्फ वहां की संपत्ति को केवल भारी नुकसान ही पहुँचाया बल्कि लूटपाट का भी प्रयास किया| इसका पूरा विवरण बैंक के सीसीटीवी कैमरे में कैद है जिसे अगर प्रदेश सरकार चाहे तो देख सकती है| लूटपाट में असफल होने के पश्चात् मुसलमानों ने बैंक को आग के हवाले कर दिया| बैंक के बाहर मुस्लिम दंगाई और बैंक के अन्दर आग| इसके बावजूद भी बैंक के अन्दर उपस्थित स्टाफ, कर्मचारियों और ग्राहकों ने इधर-उधर शरण ले कर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई| मुसलमानों का गुस्सा और आतंकवादी गतिविधियाँ यही नहीं थमीं| मुसलमानों ने निकासे सीमा पर स्थित लगभग सभी हिन्दू घरों में घुस कर ना सिर्फ तोड़-फोड़ और लूटपाट करी बल्कि वहां मौजूद हिन्दू माताओं और बहनों से भी बड़ी ही अश्लीलता पूर्ण बद्तामिजियाँ कीं| दंगाइयों ने हिन्दुओं के घरों के निचे रखी उनकी कारों को आग के हवाले कर दिया| जिसके कारण कई हिन्दुओं के घर जल कर खाक हो गए| हिन्दुओं में बल्देव गंज और निकासे सीमा पर स्थित आर०के० गर्ग, गुड्डू हतानियाँ, किशन पंडित और प्रतिक जैन इत्यादि हिन्दू भाइयों के घर, वाहन, दुकान और गोदाम आदि की भारी हानी हुई| इनकी माता बहनों के साथ घर में घुस कर अमानवीय रूप से बदतमीजी की गई| मुस्लिम दंगाइयों ने आने-जाने वाले हिन्दू राहगीरों के करीब २ दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया और इनके साथ बड़ी बेरहमी से मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया| मुस्लिम दंगाइयों की संख्या अचानक से इतनी बढ़ गई की इनका सामना करने का साहस किसी में नहीं था| यहाँ मुस्लिम दंगाई बल्देव गंज के युवाओं पर लगातार पत्थर और बम इत्यादि से हमले कर रहे थे| हिन्दुओं के पास मुसलमानों के सामान हथियार नहीं थे क्यूंकि प्रदेश सरकार ने अपने चुनाव पूर्व वादे के हिसाब से मुस्लिम बस्तियों में कैम्प लगा कर 1 दिन में ही करीब 200 पिस्तौल के लाइसेंस बांटे थे और ये पहला वादा था जो अखिलेश सिंह यादव की सपा सरकार ने पूरा किया था फिर भी उपलब्ध हथियारों से बल्देव गंज के हिन्दू युवाओं ने इन मुस्लिम आतताइयों का सामना कर इनके हमलों का मुहतोड़ जवाब दिया| मुसलमानों के आक्रोशित और आतंकी जत्थे ने पूरी सब्जी मंडी, अनाज मंडी और अनेक बाजारों इत्यादि को जला कर राख कर दिया|
इस दंगे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन घटना स्थलों पर पहुँच तो गया पर एक निरीह मूकदर्शक बन खड़ा रहा बस| मुसलमानों के इस पथराव में कई हिन्दू भाई घायल हो गए| मुस्लमान जब बम और गोलिया चला रहे थे तब ये नहीं देख रहे थे की सामने वाला हिन्दू उनका परिचित है या मिलने वाला व्यक्ति है| मुसलमान केवल यह सोच कर हमला कर रहे थे की सामने वाला हिन्दू है और इनको जान से मार डालो| देखते ही देखते एक घंटे के अंतराल में नगर की सभी मस्जिदों से हिन्दुओं पर पथराव और बम इत्यादि फेंके जाने लगे| ऐसा लग रहा था की ये हिन्दुओं पर हमला पूर्व नियोजित था और मानो हिन्दुओं पर इस हमले की तैयारी बहुत समय से हो रही थी| ये ठीक वैसे ही था जैसे सुबह ८ बजे गोधरा में २००२ में हजारो लीटर पेट्रोल अचानक से आ गया था जबकि इतने सुबह गुजरात में पेट्रोल पम्प नहीं खुलते हैं| इसके अलावा उन आतताई मुसलमानों का जत्था जहाँ कही से भी निकलता था वहां की हिन्दुओं की चीजों को आग लगाते हुए निकलता था| यह देख नगर के हिन्दू भाई भयभीत हो गए और उन्होंने ने आस पास में ग्रामीण इलाके में रह रहे अपने जानने वालों को फ़ोन पर सुचना दी इन आतंकी मुसलमानों के कृत्य के बारे में की कैसे मुस्लमान विध्वंश और आगजनी कर रहे हैं नगर में| जिसे सुन ग्रामीण इलाके से करीब १०-१५ हजार लोग अपने हाथों में बन्दुक और अन्य हथियार ले कर थोड़ी देर में कोसीकलां पहुँच इन आतंकी मुसलमानों को खदेड़ा|
इस बिच में मुसलमानों ने हिन्दुओं के सैनी मोहल्ले पर हमला बोल दिया| मुसलमानों ने बमबारी से वहां की अनेक महिलाओं को बुरी तरह घायल कर दिया| अनेक मकानों को तहस-नहस कर दिया और उनके घरों को लूटा| अश्लीलता का नंगा नाच वहां भी दिखाया मुसलमानों ने| इसका विरोध करने वाले माली समाज के एक युवक सोनू को गोलियों से छलनी कर दिया इन मुसलमानों ने| सोनू की मौके पर ही ह्रदय विदारक चीखों के साथ मृत्यु हो गई| उन दंगाइयों के जाने के बाद पुलिस भी पर्याप्त बल के साथ वहां पहुँच गई| इसके साथ ही आर०आर०एफ़० और आर०ए०एफ़ की अनेक गाड़ियाँ कोसी में हो रहे दंगे को शांत करने के लिए पहुँच गईं| इस दौरान हमारे ग्रामीण भाइयों ने मुस्लिमो के करीब १ दर्जन दुकानों को आग के हवाले कर दिया| करीब सायं ८ बजे पुलिस ने आकर पुरे नगर में कर्फ्यू लगा दिया| लेकिन कर्फ्यू लगने के बाद भी मुस्लिमो का कहर बंद नहीं हुआ| अर्धरात्रि तक उनके इलाके से गोलियों की आवाजें सुने देती रहीं|
इसके बाद 1 जून को दंगे वाले रात् को करीब ३ बजे कोसीकलां के मस्जिद से एक ऐलान सुनाई दिया की "सारे मुस्लिम तैयार रहें| अल्लाह तुम्हारे साथ है| ये तो बस एक शुरुवात भर है इंशा अल्लाह इस बार हम सभी मुसलमान मिल कर इन हिन्दुओं का सफाया कर देंगे| यह बड़े शबाब का काम है जो की अल्लाह ने तुमको दिया है| इन काफिरों को मरोगे तो अल्लाह तुम्हे जन्नत बख्सेगा|" यह ऐलान सुन सभी हिन्दू सहम गए और रात भर अपने छतों पर टहलते रहे| खौफ के साये में रात गुजारने के बाद दुसरे दिन नगर की हालत काफी बिगड़ी हुई दिखाई दे रही थी| हर तरफ मृत्यु का सन्नाटा पसरा हुआ था| चारो तरफ बस आगजनी और तबाही का ही मंजर था| मुस्लिम दंगाइयो ने चुन चुन कर ऐसे गोदामों में आग लगाई थी जो हिन्दुओं की थीं और करोडो का सामान रखा हुआ था उसमे| यदि पिछली शाम को ग्रामीण लोग नहीं आये होते नगरीय लोगो की रक्षा हेतु तो शायद नगरीय क्षेत्र हिन्दू विहीन हो चूका होता| ग्रामीण बंधुओं का नगरिय लोग दिल से आभार प्रकट करते हैं|
मथुरा जिले के एस०पी०, एस०एस०पी०, आइ०जी०, डी०आइ०जी० और डी०एम० ही नहीं बल्कि आगरा और अलीगढ के सभी हेड कांस्टेबल, एस०ओ०, एस०डी०एम०, पी०ए०सी०, आर०ए०एफ़, आर०आर०एफ़० ने पुरे कोसीकलां को अपने कब्जे में ले लिया| दंगे के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी प्रशासनिक अधिकारीयों के तबादले कर दिए गए और जो लोग उनकी जगह पर आये वो आज़म खान (शहरी विकास मंत्री), इमाम बुखारी (शाही इमाम दिल्ली जामा मस्जिद) और मौलाना युसूफ मदानी के खास अधिकारी थे| अब इन गुलाम अधिकारीयों के नेतृत्व में दंगे की जाँच शुरू होने लगी| प्रशासन पर दबाव इस कदर था की ये अधिकारी हिन्दुओं के घरों पर ही छापा मारने लगे| मुसलमानों के मात्र कह भर देने से ही हिन्दुओं की धरपकड़ शुरू हो गई| दंगे वाले दिन चाहे कोई हिन्दू कोसीकलां में हो या ना हो उन्हें आरोपी दिखाया जाने लगा| जिन हिन्दुओं का नुकसान हुआ वो भी पुलिस रिकॉर्ड में दंगाई दिखाए गए| अगले माह होने वाले नगर पालिका चुनाव में खड़े होने वाले सभी हिन्दू प्रत्याशियों को दंगाई दिखा कर उनके खिलाफ एफ़०आइ०आर तैयार कर दिया गया| आस-पास के देहात के सभी हिन्दू ग्राम प्रधानों एवं दबंग हिन्दुओं के खिलाफ भी एफ़०आइ०आर दर्ज की गई|
यह प्रथम दृष्टया ही साजिस लग रही थी प्रशासन और सरकार की हिन्दुओं की ताकतें कमजोर करने की और उनके हाथ काट देने की| नई महिला एस०एस०पी० एम० पदमजा, डी०एम० अलोक तिवारी और आइ०जी० मियां जावेद अख्तर ये तीनो पुलस अधिकारी हिन्दू विरोधी और मुस्लिम हितैषी हैं| हिन्दुओं के प्रति इनका व्यव्हार सौतेला रहा है| अब तक हिन्दुओं में से १४ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और गिरफ्तारियां आज भी बदस्तूर जारी हैं जो की रात के अँधेरे में 3 बजे तक में की जा रही हैं वो भी जबरन हिन्दू घरों में घुस कर| और अभी तक में २०० हिन्दुओं के खिलाफ एफ़०आइ०आर० दर्ज हो चूका है और इतना ही नहीं करीब २००० अज्ञात हिन्दू भाइयों को दंगाई दिखा उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया गया है| और दिखने के लिए आज़म खान (शहरी विकास मंत्री) के आगमन पर २-४ मुस्लिमों को पकड़ कर उनको राजसी ठाट-बाट के साथ जेल में रखा गया है ताकि ज्यादा हो-हल्ला ना हो|
गौरतलब हो की १ जून दंगे वाले दिन जब हिन्दू बंधुओं के घर और दुकाने जलाई जा रही थीं और हिन्दू महिलाओं के साथ अभद्र और नीच हरकते की जा रही थी और मुस्लिम नुकसान पहुचाते हुए आगे बढ़ रहे थे तब हिन्दुओं ने थाने पर खड़े आइ०जी० से मदद की गुहार लगाई की सब जल रहा है और जलते हुए घरों में हमारी महिलाएं हैं लेकिन आ०जी० के कानो को जैसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था और ना ही उसकी आँखों को कुछ दिखाई दे रहा था| पर जब ग्रामीण हिन्दू भाई अपने नगरीय हिन्दू भाइयों की मदद के लिए आगे बढे तब ग्रामीण हिन्दू भाइयों पर इसी आइ०जी० ने लाठी चार्ज कर उनको तितर बितर करने की कोशिस की| ऐसा ये आइ०जी० इसलिए कर रहा था क्युकी ये खुद भी मुस्लिम है और मुस्लिमों को मौका दे रहा था की तुम्हारे पास मौका है और मैं खड़ा हूँ तुम्हारी रक्षा को जितना नुकसान पहुँचा सकते हो इन हिन्दुओं को उतना नुकसान जल्दी से पहुँचा लो|
दंगे के ४-५ दिन बाद डी०एम० से शांति बहाली के लिए कोसीकलां के व्यापारियों ने गुहार लगाई तो डी०एम० का कहना था कि, "मेरा काम है नगर में शांति व्यवस्था बनाये रखना| यह मेरा काम नहीं है कि आप हिन्दू और मुसलमान आपस में राजीनामा करते हैं ये नहीं| वह आप लोगों का काम है| आप लोग बाजार खोलो या ना खोलो इससे मेरा कोई सरोकार नहीं है| तुम्हारे ऐसा करने से मेरी कोई तनख्वाह नहीं कट रही है| अगर मुझे कोई उपद्रव करते मिल गया तो मैं पहले उसे समझाऊंगा| यदि वो नहीं माना तो उसे डंडों से समझाऊंगा और अगर तब भी नहीं समझा तो उसको मैं गोली से उड़ा दूंगा| "नगर व्यापारियों ने प्रशासन के इस रवैये से क्षुब्ध हो कर कोसीकलां में बाज़ार ना खोलने का निश्चय किया| १ जून शाम से आज तक बाज़ार नहीं खुला है कोसीकलां में| और सड़कों पर केवल सुरक्षा बल के जवान घूमते हुए दिखाई देते हैं| हम हिन्दुओं के घरों में राशन इत्यादि जमा होता है| पर मुसलमान जाती ऐसी होती है कि वो रोज कमाते हैं और रोज राशन खरीद कर खाते हैं| हिन्दुओं का अनुमान था कि हमारे बाजार ना खोलने से मुसलमानों के हौसले पस्त हो जायेंगे और वो राजीनामा को मजबूर हो जायेंगे| लेकिन हिन्दुओं का अनुमान गलत साबित हुआ| जैसे ही कर्फ्यू में ढील हुई या सोच समझ कर ढील दी गई मुसलमानों ने अपने औरतों और बच्चों को अपने रिश्तेदारों के यहाँ भेज दिया| अब नगर में उग्रवादी, कट्टरवादी और दंगाई किस्म के मुस्लिम रह गए हैं जो कि संख्या में बहुत अधिक हैं|
दंगो के तीसरे दिन से दिल्ली के जामा मस्जिद कि तरफ से ट्रक भर कर राशन, सब्जियां, फल इत्यादि आने शुरू हो गए और गौर करने वाली बात है कि प्रशासन ने इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं कि यहाँ तक कि इन ट्रकों को जांचने का कार्य भी नहीं किया गया| बल्कि इसके इतर प्रशासन ने मुस्लिम बस्तियों में टैंकर भर कर पानी भिजवाना शुरू कर दिया और हिन्दू मोहल्लों में पानी कि सप्प्लाई पर रोक लगा दिया गया| हिन्दुओं में इस बात का काफी रोष व्याप्त हो गया क्यूंकि हिन्दुओं के घरों में पानी कि किल्लत और एक वर्ग विशेष को इतनी सुविधा वो भी प्रशासन के तरफ से हिन्दुओं के तरफ से हिन्दुओं और मुसलमानों में सुलह के लिए आज तक ४ कोशिशें कि जा चुकी हैं| लेकिन अफ़सोस कि तीनो बार मुसलमानों ने इन राजीनामे से मना कर दिया| यही नहीं पूरा मेवात क्षेत्र जहाँ करीब १८ लाख मेव-मुस्लिम रहते हैं उन्होंने मुस्लिमो कि हर तरह कि सहायता करने का खुल्ला ऐलान कर दिया| इसमें हरियाणा के नूंह, पुन्हाना आदि मेवात क्षेत्र काफी सक्रिय हैं|
वहीँ चौथे दौर कि संधि प्रयास में कोसीकलां के कांग्रेस समर्थित आर एल डी के सेकुलर विधायक ठाकुर तेजपाल सिंह ने एक बैठक कि जिसका मुख्या मुद्दा था शांति बहाल करना पर इन्होने जो किया वो हिंदुत्व को शर्मसार करने वाला था| ये विधायक महोदय मुसलमानों के इतने अत्याचार के बावजूद हिन्दुओं को ही भाई चारे का पाठ पढ़ा रहे थे| शायद इन विधायक महोदय को अपनी कुर्सी बचाने की ज्यादा चिंता थी| पर कोसीकलां के हमारे हिन्दू भाइयों ने इन्हें टका सा जवाब दे दिया की हमें नहीं चाहिए शांति और हम अब अपने तरीके से निपट लेंगे इन अधर्मी मुसलमानों से आप विधायक महोदय अपने मुस्लमान भाइयों के साथ मस्ती करो|
यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सरकार जिसके मुखिया मुलायम सिंह यादव हैं वह हिन्दू विरोधी और मुसलमान परस्त पार्टी है| उसने इस बार उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने के चक्कर में मुसलमानों को अपने मंत्रिमंडल में बड़े तौर पर तरजीह दी है। आज़म खान जो कि शहरी विकास मंत्री है वो कट्टरवादी मुस्लिम है, वह कोसीकलां आया और उसने केवल मुसलमानों के हित कि ही बातें करीं| कोसीकलां के मुसलमानों को उसने न्याय दिलाने और प्रशासन से सहायता दिलाने का पूरा भरोसा दिया| आज़म खान ने हिन्दुओं को भी सब कुछ ठीक करने का वादा किया पर उसके चेहरे से साफ़ झलक रहा था कि जो भी वादा आज़म खान कर रहा था हिन्दुओं से वो केवल उपरी मन से था| दरअसल आज़म खान ने पर्दे के पीछे मुसलमानों कि पीठ थपथपाई और उनको अभयदान दिया|
आज़म खान के जाने के बाद उसी रात कोसीकलां के रिहाइशी इलाके आर्यनगर के एक बनिया व्यावसायी के घर और उसके निचे बनी दुकान को किसी मुसलमान ने जला दिया जिस वजह से उस व्यावसायी को लाखों का नुकसान हुआ| सुबह पुलिस आई और जबरदस्ती उस पीड़ित व्यावसायी परिवार से लिखवा कर ले गई कि ये आग शार्ट-सर्किट के चलते लगी थी| इस घटना कि दूसरी रात को फिर किसी मुसलमान ने एक और बनिया व्यावसायी के बाईपास स्थित दोना-पत्तल, मुन्जवान, रस्सी और झाड़ू के गोदाम को आग के हवाले कर दिया| इस बार भी पुलिस सुबह ही आई और पुलिस ने उस व्यापारी पर प्रशासनिक दबाव देकर लिखवा लिया कि ये आग भी शार्ट-सर्किट के चलते लगी है| जबकि सत्यता यह थी कि इस गोदाम में ना तो कोई बिजली के तार कि फिटिंग थी और ना ही कोई बिजली का कनेक्सन था| नगर के हिन्दुओं में रोष चरम पर है पर परेशानी ये है कि अगर विरोध प्रदर्शन किया तो जैसे प्रशासन बराबर धमकी दे रहा है कि हिन्दुओं पर रासुका लगा जेल में डाल दिया जायेगा|
मुस्लिमों के जुल्म कि इन्तेहाँ तब हो गई जब उन्होंने अपने इलाके में कर्फ्यू लगा होने के बावजूद हमारी गौमाता कि हत्या कर कूड़े के ढेर में फेंक दिया| यह एक करारा तमाचा था हम हिन्दुओं के मुँह पर और चेतावनी थी यह मुसलमानों कि तरफ से कि देख लो कितना भी कर्फ्यू हो पर हम तो ऐसा ही करेंगे| और तुम हिन्दू अगर रोक सकते हो तो रोक कर दिखा दो| इस बार भी पुलिस बहुत देर से पहुंची और बिना छानबीन किये कि ये गाय आई कहाँ से और किसने इसे मारा पुलिस ने गाय का पोस्टमार्टम करा गौमाता को धरती में गडवा दिया| और इतना पर ही नहीं रुके पुलिस वाले उन्होंने वहां उपस्थित पत्रकारों को ये धमकी दी कि ये किसी भी न्यूज़ में नहीं छापना चाहिए कि मुसलमानों के इलाके में गाय का शव मिला है|
कोसीकलां में भाजपा के राजनाथ सिंह जी भी आये| उनको कोसीकलां में प्रवेश नहीं दिया गया| भारी मात्र में पुलिस बल आ गया राजनाथ सिंह जी को रोकने के लिए| कोसीकलां के बाईपास पर ही स्थित एक ढाबे पर रुक कर नगर के पीड़ितों का दर्द सुन कर वो भी अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकते हुए दिखाई दिए| राजनाथ सिंह जी ने कहा कि, "मैं अखिलेश यादव से बात करूँगा कि वो हिन्दुओं के प्रति इतने रूखे क्यों हैं? यह एक तरफ़ा कार्यवाही क्यों कर रहे हैं वो? पूरी भाजपा आपके साथ है| हम जल्दी ही दिल्ली में हिन्दुओं के ऊपर हो रहे इस अत्याचार के विरोध में धरना प्रदर्शन करेंगे| हम कोसीकलां वासियों कि आवाज ऊपर तक पहुचाएंगे| आप लोग घबराये नहीं|" और भी कई बाते इन्होने बोलीं पर कोसीकलां वाशियों को जो राजनाथ सिंह जी और भाजपा से जो आशा थी वो धूमिल होती प्रतीत हुईं|
१३ जून को मुसलमान बस्तियों से यह सूचना आई कि आज हिन्दुओं कि तेरहवीं तो हमने हिन्दुओं कि गौमाता कि हत्या करके कर दी अब इनको दिखाना है कि इनका चालीसवां कैसा होता है| इन मुट्ठी भर मुसलमानों के इतने उछालने का कारन एक ही है कि हम हिन्दुओं का हाथ इस प्रशासन ने काट दिया है और मुसलमानों ने अपनी ताकत इन तेरह दिनों में अच्छे से बढ़ा लिया| क्यूंकि जिन ट्रको में उनके लिए दिल्ली के जामा मस्जिद से खाने पिने का सामान आ रहा है और यहाँ का प्रशासन बिना किसी रोकटोक के उसे मुस्लिम क्षेत्र तक जाने दे रहा है उन ट्रकों में खाने-पिने के सामानों में छुपा कर घटक और स्वचालित हथियार भेजे जा रहे हैं| (ज्ञात हो कि इमाम बनाने के समय और उसके पहले से दिल्ली जामा मस्जिद के मौजूदा इमाम बुखारी बोलते आये हैं कि मुसलमानों कि एक सशत्र सेना बनाने कि और यहाँ तक कि बुखारी ने मुस्लिम लीग के तौर पर अपनी एक मुस्लिम पार्टी बनाने के लिए साल २००० में कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी से भी मुलाक़ात की थी)| और इन खाना पीना लादे ट्रकों का प्रवेश आजभी बदस्तूर जारी है कोसीकलां के मुस्लिम बहुल इलाके में| अब इतने ही दिनों में मुसलमान हिन्दुवों ओ खुली चेतावनी दे रहा है कि अब चाहे पूरा देहात आ जाये हम हिन्दुओं का मुकाबला कम से कम पुरे दो महीने तक मुकाबला कर सकते हैं| आखिर २ महीने तक लगातार हिन्दुओं से मुकाबला करने कि बात ये मुसलमान अचानक से कैसे करने लगे|
१६ जून को पूर्व निश्चित समझौता सभा में मुसलमान नहीं आये| उनका कहना था कि बाज़ार खोलना हिन्दुओं कि मज़बूरी है उनकी नहीं| हमको तो खाना अल्लाह अपने घर मस्जिदों से दे रहा है| तुम हिन्दुओं कि गर्ज है तभी तो हम मुस्लिमों से राजीनामा करना चाहते हो| बाज़ार ना खोलने से हिन्दू बेहाल होगा ना कि मुसलमान क्यूँकी मुसलमानों के घर खाने पिने कि सामानों से भरा हुआ है| विदित हो कि गत दो माह पूर्व विधानसभा चुनाव होने के बाद कोसीकलां में मुसलमानों कि बस्ती निकासे में तत्कालीन डी०एम० ने स्वयं उपस्थित रह कर और मुस्लिम बस्ती में शिविर लगा कर पुरे २०० पितौलों के लाइसेंस मुस्लिमों को हाँथो-हाँथ आबंटित किये गए| जबकि कानून किसी भी शास्त्र का लाइसेंस बनवाने कि प्रक्रिया में करीब ३ माह से भी अधिक का समय लग जाता है| लेकिन इन मुसलमानों के लिए यह कार्य एक दिन में ही कर दिया गया| और ये कार्य तो एक जगह किया गया जो हमें पता चला हो सकता है ऐसा कार्य उत्तर प्रदेश के हर मुस्लिम इलाके में चोरी छिपे किया गया हो और इसके बारे में किसी को पता ना चला हो| वैसे कोसीकलां के हिन्दुओं ने भी अपनी सुरक्षा हेतु शास्त्रों के लाइसेंस आवंटित किये जाने कि मांग कि जिसे प्रशासन ने ठन्डे बसते या कहें तो कूड़े दान में डाल दिया| शतप्रतिशत मुसलमानों पर इस मेहरबानी के पीछे केवल राजनैतिक समीकरण है|
दिनांक १६ जून से कोसीकलां नगर से सभी लाइसेंस बन्दुकधारि हिन्दुओं से पुलिस उनके हथियार थाने में जमा करने में जीजान से जुट गई है| पर वहीँ दूसरी तरफ मुसलमानों से उनके वैध या अवैध हथियारों को पुलिस जब्त नहीं कर रही है| प्रशासन के इस एक तरफ़ा रवैये को लेकर हिन्दुओं में एक खौफ के साथ-साथ गहरी साजिस का भी अंदेशा हो रहा है जिस कारन हिन्दू बंधुओं में रोष व्याप्त है|
आज मुसलमान हम हिन्दुओं के सर पर नाच रहे हैं| हम हिन्दू यहाँ अपने ही श्री कृष्ण कि नगरी में ऐसे रह रहे हैं जैसे दांतों के बिच हमारी जिह्वा| हमारे इस हँसते खेलते वातावरण और घरौंदों को इन मुसलमानों ने ऐसा बना दिया है जैसे कि हम किसी खंडहर में रह रहे हों| अपने ही नगर और मोहल्ले में हमें ऐसे कैद किया गया है जैसे कि हम जेल में रह रहे हों| सरकार और प्रशासन दोनों ही हम हिन्दुओं के खिलाफ ही कार्यवाही करने को व्याकुल और अति-आतुर हैं| सरकारी और प्रशासनिक दबाव के चलते कोसीकलां के इस भीषण महासंग्राम और खुलेआम जलते घरौंदों को किसी भी टी०वि० चैनल पर नहीं दिखाया जा रहा है और ना ही किसी समाचार पत्र में इसको कोई स्थान मिल रहा है| यही नहीं किसी भी हिंदूवादी नेता को नगर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है और उनको प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है| वैसे तो हिन्दू-मुस्लिम के दंगे आये समय में होते रहे हैं उत्तर प्रदेश में, जैसे १९८० में हुवा मोरादाबाद का दंगा जिसने करीब २००० लोगों कि प्राणों कि आहुति ले लिया था और उसमे भी कुछ नहीं किया गया था क्युकी तब केंद्र और प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार थी| पर कोसीकलां में १ जून से चल रहे इस दंगे ने गुजरात (गोधरा-२००२) में हुए दंगे कि याद दिला दिया कि १० सालों बाद आज भी मीडिया और मोदी जी के विरोधी कैसे उस दंगे को आये दिन उछालने कि कोशिस करते हैं पर वहीँ भारत देश के बाकि के दुसरे भागों में हुए दंगो जो गुजरात के तर्ज पर ही मुसलमानों ने ही शुरुवात किये उसे बड़े जतन से छिपाया जाता है ताकि किसी को सच्चाई का पता ना चले| जैसे हाल ही में हुहे रामनवमी के बाद हेदराबाद के मंदिरों में गाए और हरा रंग फेके जाने के महा अपराधों को छुपाया गया. हेदराबाद के ही मंज्लिश पार्टी के लीडर अकबरुदीन ओबीसी द्वारा दिया गया फतवा चारमिनार स्थित महालक्ष्मी मंदिर में घंटिया बजवाने पर प्रतिबंद जैसे फतवे.
इसे कहते हैं हिन्दू विरोधी और मुस्लिम परस्ती|
21 comments:
This post is written by Vineet.
ये सब राजनितिक खेल है वोट के लिए कुछ भी कर सकते है ...दुख तो तब होता है जब अपने ही देश मे सांस लेने में भी सोचना पड़ता है....बढ़िया सचेत करती पोस्ट ....
Bade afsos kee ghatna hai.
हम सब शांति परस्त हैं मगर कुछ लोग मतभेद बढाते हैं और कुछ बे वजह भी हो जाती हैं जिन्हें बाद में भुना लिया जाता है. मूल में तो दूरियां हैं जिनके कारण आप भी जानती हैं. इन दूरियों का फायदा उठाने वालों को और क्या चाहिए ?
ये सब राजनितिक खेल है वोट के लिए .
कोई जवाब होगा तब देंगे न? हिन्दू मुसलमानों को लड़ाने वाले नेता हो या और कोई हिंदुस्तान की कौमी एकता को तोड़ने वाले, उनके लिए सिर्फ ये एक किस्म का मज़ा है और सच बताएं, तो हम लोग ही पागल हैं, अरे अपने बच्चों के लिए हम रोटी कमायें, या जाती-धर्म के पचड़े में पड़ें. ऊपरवाला मेरे भारत को बुरी नज़र से बचाएं और मुझ जैसे सभी भारतवासियों को ये सदबुध्ही बनाए रखें, हम एक हैं.
कोई जवाब होगा तब देंगे न? हिन्दू मुसलमानों को लड़ाने वाले नेता हो या और कोई हिंदुस्तान की कौमी एकता को तोड़ने वाले, उनके लिए सिर्फ ये एक किस्म का मज़ा है और सच बताएं, तो हम लोग ही पागल हैं, अरे अपने बच्चों के लिए हम रोटी कमायें, या जाती-धर्म के पचड़े में पड़ें. ऊपरवाला मेरे भारत को बुरी नज़र से बचाएं और मुझ जैसे सभी भारतवासियों को ये सदबुध्ही बनाए रखें, हम एक हैं.
कोई जवाब होगा तब देंगे न? हिन्दू मुसलमानों को लड़ाने वाले नेता हो या और कोई हिंदुस्तान की कौमी एकता को तोड़ने वाले, उनके लिए सिर्फ ये एक किस्म का मज़ा है और सच बताएं, तो हम लोग ही पागल हैं, अरे अपने बच्चों के लिए हम रोटी कमायें, या जाती-धर्म के पचड़े में पड़ें. ऊपरवाला मेरे भारत को बुरी नज़र से बचाएं और मुझ जैसे सभी भारतवासियों को ये सदबुध्ही बनाए रखें, हम एक हैं.
सार्थकता लिए सटीक प्रस्तुति.. आभार
पराकाष्ठा तुष्टिकरण की.... नहीं नहीं राजनीतिक नीचता की... मजहबी आतंकवाद की...
अब तो अंधों को भी
थाली में छेद करने वाले....आसानी से पहचान में आ जायेंगे.... ऐसा विश्वास है.
खून खौल उठा है यह सब पढ़कर... कुछ लोग कह रहे हैं यह सब राजनितिक खेल है वोटों के लिए... साला कौन से वोटों के लिए...
कौन से वोट हैं जो हिन्दुओं की हत्या और उन्हें बर्बाद करने पर खुश होते हैं....
ऐसे वोटों में आग न लगा दी जाये. न रहेंगे ऐसे वोट, न होगा राजनीतिक खेल.
ये उत्तर प्रदेश के हिन्दुओं का ही पाप का फल उन्हें मिल रहा है जो उन्होंने समाजवादी पार्टी को चुना...
जिन लोगों की विशेषतायें पहले ही उद्घाटित हो चुकी हैं ,उन्हीं को सिर पर बैठाने का नतीजा और क्या होगा !
१७ जून की रात को एक निरीह और बहुत ही गरीब हिन्दू रिक्शा चालक को मार पिट मुसलमानों ने उसके १६०० रुपये छीन लिए और पुलिस ने एफ़०आइ०आर० तो छोडिये एक प्रथिमिकी भी नहीं दर्ज किया|
कल यानि १८ जून को दो हिन्दू भाईयों को, जिसमे से एक भाई सारे हिन्दू भाईयों को एक करने का प्रयास कर रहे थे और उनका हिंदुयों में ये एकता लाने का प्रयास मुसलमानों के आँखों की किरकिरी बना हुआ था, को बिच सड़क पर जो की बाईपास है और अक्सर सुनसान रहता है, मुसलमानों ने पहले तो ट्रक से उनके मोटरसाइकिल को टक्कर मारी| पर इस टक्कर से ही इन मुसलमानों का दिल नहीं भरा तो इन मुसलमानों ने उन्हें ट्रक से कुचलने का प्रयास किया पर उन दो हिन्दू भाईयों के साहस ने उन्हें ट्रक के निचे आने से रोक दिया| पर मुसलमानों ने उन्हें पत्थरों से इतना मारा की पहले भाई, जो हिन्दुओं को एक करने का प्रयास कर रहे थे, उनके शारीर की पूरी चमड़ी उधड गई और उनके चेहरे से लेकर पुरे शारीर पट्टियाँ बँधी हैं| पर इतनी पट्टियों के बावजूद उनका कहना है की अगर उन मुसलमानों को उनके सामने लाया जाता है तो वो उन्हें पहचान लेंगे पर प्रशासन चुप बैठी है और इस घटना में कोई धर पकड़ अभी तक नहीं हुई है| साथ ही जो दुसरे हिन्दू भाई थे उनकी रीढ़ की हड्डी टूट चुकी और मर्नास्सन अवस्था में उनको नगर के हॉस्पिटल में भेजा गया
१८ जून की ही रात को कुछ मुसलमानों ने मिल कर एक हिन्दू भाई की इलेक्ट्रोनिक की दुकान जिसका दो शटर है के एक शटर से आग लगा दी| आग पर तो समय रहते काबू पा लिया गया पर नुकसान बड़ा हुआ क्यूंकि सारा सामान जल चूका है| पर इस घटना को भी पहले की आगजनी की घटनाओं के सामान पुलिस ने रासुका लगा जेल में डाल देने की अपनी पुरानी धमकी दे व्यापारी से लिखवा लिया की ये आग बिजली के शार्ट-सर्किट से लगी है पर सच्चाई जानते हुए भी आग लगाने वालों पर कोई कार्यवाही करने का मद्दा नहीं दिखा पा रही है पुलिस| ये है असली प्रशासन एक दंगा प्रभावित क्षेत्र का जो भगवन कृष्ण की स्थली है|
साथ ही एक बड़े घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश सिंह यादव दंगा प्रभावित क्षेत्र कोसीकलां से मात्र १० किलोमीटर की दुरी पर आये किसी सभा को संबोधित करने के नाम पर, पर इन मुख्य मंत्री महाशय के पास दंगा प्रभावित क्षेत्र कोसीकलां आने का समय नहीं था और ना ही इन्होने समय निकालने की जरुरत समझी और उस सभा को संबोधित कर अपने कार्य की इतिश्री मान ये प्रदेश के मुखिया और मुसलमानों के सहायक वापस चल दिए और अपने मुख्यमंत्री पद की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगा गए|
उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और मुसलमानों के प्रणेता और रामपुर (उत्तर प्रदेश) के दंगे में हमारी भारत माता को डायन कहने वाले आज़म खान ने| इन महान मुस्लिम क्रन्तिकारी या कहें तो सफ़ेद पोश मुस्लिम आतंकवादी और राष्ट्रद्रोही आज़म खान को राजनैतिक जाँच पर ज्यादा भरोषा भारतीय न्यायिक जाँच पर नहीं| इन्होने कहा की ये इस दंगे की न्यायिक जाँच नहीं कराएँगे क्यूंकि एक तो न्यायिक जाँच सही निष्कर्ष नहीं बताते और इनका झुकाव एक तरफ होता और दूसरा न्यायिक जाँच में समय ज्यादा लगता है| अतः आज़म खान इस मामले की राजनैतिक जाँच कराना चाहते हैं क्यूंकि ये जाँच थोड़े समय में पूरी हो जाएगी और त्रुतिविहीन और सही जाँच होती है| अब ये सोचने वाली बात है की जो इन्सान एक बार भारत माता जिसके गोद में ये आज़म खान अपनी सफेदपोश रोटियां सेंक रहा है और इसके खुद पर चल रहे मामलों के बारे में कहता है की न्यायलय के फैसले का इन्तेजार करिए वहीँ ये आम जनता के ऊपर बीते इस भयावह दंश को दरनिकार कर न्यायिक जाँच से दूर रखना चाह रहा है| दोगला चरित्र !!!!
किसी समुदाय के तुष्टिकरण से वास्तविक विकास नहीं होता. विकास होता है जब सही नीतियाँ बने और भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए. लेकिन भारतीय समाज के धार्मिक ढाँचे को ठीक करना भगवान के बस का भी नहीं क्योंकि धर्म के साथ आध्यात्मिकता, धन और राजनीति तीनों जुड़े हैं. सूचनाओं से भरे एक अच्छे आलेख के लिए विनीत जी को बधाई.
nirlajj malecha laje nahi....hum hindu lajwan...
Chadrbardai
kb tak laj ka aawarn ode rapge..saputo...malecho ko unki bhasah me uttar dena nyaysangat he...
hindu muslim dange ........out dated rajneeti hain.........yuva in sabhee pachdon se door hai!!!!!!!!!!!!!!!
@--insurance ji-- How many youngsters you have interacted with , so far ?
I really did not know about it? Thanks Divyajee for this piece of information.
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