Sunday, December 9, 2012

फिर से कोई नेहरू और कोई मोहम्मद अली जिन्नाह पैदा हो जाएगा..

If wealth is lost, nothing is lost
If Health is lost, something is lost
If Character is lost , Everything is LOST.


हमारे देश के नेताओं ने तो अपना चरित्र ही खो दिया है ! FDI के मुद्दे पर जिस तरह से मत विभाजन हुआ है , सिर्फ अपने स्वार्थ को देखा है उन्होंने ! किसान, खुदरा व्यापारी और आम जनता के हितों का ध्यान कतई नहीं रखा गया ! सिर्फ अपनी-अपनी कुर्सी बचाने के लिए सस्ती-गणित की गयी है ! विदेशी आकर हमें लूट भी लें तो भी , गुलाम भी बना लें तो भी इन राजनेताओं पर क्या फरक पडेगा भला? आत्महत्या तो किसान करेंगे ! मरेगी और भुगतेगी तो आम जनता ही , इनका क्या जाएगा ! फिर से कोई नेहरू और कोई मोहम्मद अली
जिन्नाह पैदा हो जाएगा!

Zeal

8 comments:

Unknown said...

bat me dam hi

Akash Mishra said...

spiderman मूवी में एक डायलोग है , "नयी शक्तियों के साथ नयी जिम्मेदारियां भी आती हैं |",
लेकिन यहाँ जो जितना ज्यादा शक्तिशाली वो उतना गैर-जिम्मेदार (ज्यादातर) |

सादर

Rekha Joshi said...

विदेशी आकर हमें लूट भी लें तो भी , गुलाम भी बना लें तो भी इन राजनेताओं पर क्या फरक पडेगा भला? आत्महत्या तो किसान करेंगे ! sarthk post badhai

रचना दीक्षित said...

सभी पार्टियों का चरित्र और कथनी और करनी में अंतर्द्वन्द साफ़ दिखाई दिया इस चर्चा से.

DR. ANWER JAMAL said...

jaisi janta hai vaise hi neta paida ho jaate hain.

पूरण खण्डेलवाल said...

फिर से कोई नेहरु कोई जिन्ना पैदा हो जाएगा सही लिखा है आपने नेता तो इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं !!

Prabodh Kumar Govil said...

Jab tak "mati" vibhajit hai, tab tak "mat" vibhajan kaise ruke?

कालीपद "प्रसाद" said...

aapne sahi kaha netaon ko keval apni kursi ki chintaa hai ,janta mare ya jiye unko koi chinta nahi.
meri naii post me : http://kpk-vichar.blogspot.in me aapka swagat hai