This country appears to be going back in the colonial rule enhancing era. every body is busy exploiting the motherland. hope our greed about modernity ends which only will lead to cessation of appeasement because then only we will not care about international sanctions.
कमाल है ..... कैसे आप शाहरुख खान को लापता कह सकती हैं..चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म का प्रमोशन कर रही हैं......बाकी सब भी फिल्मी हैं..तो डायलाग हो या काम फिल्मी ही करेंगे ना.....ऐसे लोगो को इस समय खोजना भारी मुर्खता नहीं तो क्या है.....हकीकत की जमीन पर नौटंकी वालो का काम नहीं था..सेना का काम था..वालिंटयर का काम था..औऱ दोनो ही लोगो वहां मौजूद हैं।
12 comments:
आपने किसका नाम लिखा ये तो सभी पाकिस्तानी और भारत बिरोधी है इनसे भारत के बिपत्ति में सहयोग की अपेक्षा करना हमारी नादानी है-----!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 04/07/2013 के चर्चा मंच पर है
कृपया पधारें
धन्यवाद
very good question at very appropriate time!
This country appears to be going back in the colonial rule enhancing era. every body is busy exploiting the motherland. hope our greed about modernity ends which only will lead to cessation of appeasement because then only we will not care about international sanctions.
क्या लाजवाब बात कही
समय पर असलियत सामने आ जाती है!
ये सब सेक्युलर है ..............
राहत सामग्री ये पहुंचा देंगे... कोई अभियान भी ये चला सकते है बशर्ते कुछ पारितोषिक इन्हें मिलना चाहिए!बिना पैसे के तो ये कुछ नहीं कर पायेंगे न....
कुँवर जी,
क्या बात कह दी आप ने..
Pseudo-secular शायद इसी को कहते हैं ।
They are nothing but attention seekers
They are nothing but the attention seekers
कमाल है ..... कैसे आप शाहरुख खान को लापता कह सकती हैं..चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म का प्रमोशन कर रही हैं......बाकी सब भी फिल्मी हैं..तो डायलाग हो या काम फिल्मी ही करेंगे ना.....ऐसे लोगो को इस समय खोजना भारी मुर्खता नहीं तो क्या है.....हकीकत की जमीन पर नौटंकी वालो का काम नहीं था..सेना का काम था..वालिंटयर का काम था..औऱ दोनो ही लोगो वहां मौजूद हैं।
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