ना
देश की परवाह , ना ही प्रकृति की ! फिर मरने वाले श्रद्धालुओं , हिन्दू
धर्म और उनके मंदिरों की क्यों होगी ? पहाड़ों पर पेड़ लगाने के बजाये
डायनामाईट से पहाड़ों को चिटका रहे हैं ! उत्तराखंड में इतनी अधिक संख्या
में बाँध बनेंगे तो वो दिन दूर नहीं पूरा उत्तराखंड ही बह जाएगा , और यही
तो चाहती है कांग्रेस-- धीरे-धीरे करके भारत को समूल नष्ट करना। चाईना से
सावधान रहने की ज़रुरत है। दुश्मन पडोसी मुल्कों से न हाथ मिलाने की ज़रुरत
है , ना ही किसी प्रकार के दबाव में आने की ज़रुरत है। सरकार को अपने
स्वार्थ से परे , धन का लालच छोड़कर , देश के विकास के लिए सोचना होगा।
18 comments:
सही कहा आपने, लेकिन इनकी समझ में आए तब ना..
उत्तराखंड त्रासदी : TVस्टेशन ब्लाग पर जरूर पढ़िए " जल समाधि दो ऐसे मुख्यमंत्री को"
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/07/blog-post_1.html?showComment=1372748900818#c4686152787921745134
सही कहा है !!
प्रकृति के साथ खिलवाड़ और उसका व्यावसायिककरण हमें विनाश की और ढकेल रहा है...
सार्थक पोस्ट!
हर एक चिंता जायज और सच्ची है!
कुँवर जी,
सही कहा ..लेकिन सरकार को समझ आए तब न..
सच है कि किसी को नहीं है "देश" की परवाह
मन में सभी नेताओं के है 'चेयर'की ही चाह
पाकेट भरी रहे मेरी कुर्सी न जाए छिन
बस इस उधेड़बुन में ही काटे हैं रातदिन !
हम दूर हैं मजबूर हैं कुछ कर नहीं सकते,
'फुल-जील' से भिड जाइए अय 'यूथ' देश के
बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (03-07-2013) के .. जीवन के भिन्न भिन्न रूप ..... तुझ पर ही वारेंगे हम .!! चर्चा मंच अंक-1295 पर भी होगी!
सादर...!
शशि पुरवार
बात तो सही है मगर सरकार तो चिकना घड़ा है उनकी समझ में यह बात आए तब न...
its true...
ये उत्तराँचल का विकाश नहीं ये विनाश कर रही है सरकार तीर्थ क्षेत्र में पर्यटन के नाम पर सूरा-सुंदरी परोसना ------ तो प्रकृति का कृत्य यही होगा,
हिन्दू धर्म का विरोध ही सार्थक सेकुलरिज्म है जिसका उत्तराँचल पूरी तरह पालन कर रही है
बहुत सही और सार्थक कहा आपने
बस जागरूकता की कमी है
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
जीवन बचा हुआ है अभी---------
तबाही के कारणों को अब बच्चा-बच्चा समझ रहा है पर ये शासक और व्यवस्थापक क्यों नही समझते । अब भी समझ जाएं कि स्वार्थ व लापरवाहियों के दण्डस्वरूप ही तो कितनी भयानक नसीहत दी है प्रकृति ने ।
प्रभावशाली , बहुत बधाई.
BILKUL SAHI LIKHA HAI AAPNE.
BILKUL SAHI LIKHA HAI AAPNE.
सचमुच चिंतनीय
इन्हें बाँध बनाने की बीमारी हो गयी है
इनकी बीमारी हमपे भारी हो गयी है
देश की कश्ती को डुबो देंगे सारे नेता
इसे बचाने की अब जिम्मेवारी हमारी है
सादर बधाई के साथ
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