आज मेरे ब्लॉग को एक महिना पूरा हो गया ! डॉ अरविन्द मिश्रा से अनुरोध है की वे मेरा धन्यवाद स्वीकार करें!
मिश्रा जी ने इस ब्लॉग को खोलने में मेरी सहायता की , जिसकी वजह से आज मैं अपनी बात खुल कर यहाँ रख सकती हूँ ! उन्होंने मुझे एक टिप्पणीकार से ब्लॉगर बनाया ! उन्होंने मुझे मेरी पहचान दी ! मैं ह्रदय से मिश्रा जी की आभारी हूँ!
मेरी सभी मित्रों से ये अपील है की वो भी इसी प्रकार से आगे आयें और एक दुसरे की निःस्वार्थ भावना से मदद करें !
पुनः धन्यवाद ,
दिव्या
41 comments:
@ Mishra ji-
Many thanks to you.
आप दोनों को बधाई, एक स्वस्थ परंपरा व सम्यक दिशा के लिये।
Many thanks to both of you.
बधाई !
दिव्या जी ,
एक बार फिर बहुत बहुत आभार हिंदी में अपना लेख लिखने के लिए अब इस को जारी रखें !
शुभकामनाएं !
स्नेह की कोई कीमत नहीं होती ! और अगर ब्लागजगत में स्नेहिल सम्बन्ध बनते हैं तो वाकई सुखद आश्चर्य माना जायेगा ! जन्मदिन की शुभकामनायें !
lo kar lo baat.....yahaan to sab saath hi hain... ham sab ek-doosre ke....jaise sab ek doosre ke rishtedar.....
Attitude of Gratitude spreads love.
Thanks for sharing.
And it felt good to find you on my BLOG.
http://www.spacewithinme.blogspot.com/
आपको बधाई.
और आगे बढ़े.
बधाई !
दिव्या जी,
मेरा नया post
मैं हार गया
मैं हार गया
और...
जित हुई कविता की
लम्बी लड़ाई के बाद.
उसके पक्ष में खड़ी थी
कवियों की पूरी फ़ौज,
और मैं था अकेला.
जित तो उसकी होना ही था.
फिर मैं.....
अरविन्दजी को धन्यवाद जिन्होंने हमें ऐसी प्रखर ब्लॉगर से मिलवाया ...!
मुबारक हो आपके ब्लॉग का सफल एक महीना . अपने लेखनी की धार ऐसे ही बनाये रखे..धन्यवाद..
दिव्या बहुत बहुत शुभकामनाएं। सही कहा अरविन्द जी ने। पर मेरा एक अनुरोध है औरों के ब्लाग पर जाकर टिप्पणी करना बंद मत करना। तुम्हारे तेवर की टिप्पणियों की सख्त जरूरत है। और अपने ब्लाग पर भी हर उस टिप्पणी में व्यक्त विचार पर अपनी प्रतिक्रिया देना भी जारी रखना,जो तुम्हें आवश्यक लगे। यह सुझाव हैं।
मेरी तरफ से भी अरविन्दजी को धन्यवाद जिन्होंने हमें ऐसी प्रखर ब्लॉगर से मिलवाया ...!
आप काम करना जारी रखें। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
दिव्या जी , इंग्लिश पढना लिखना तो सभी जानते हैं । हिंदी में लिखते रहें , तो कोई बात है ।
ब्लॉग जगत में लोग सहयोग करते हैं । अच्छा लगता है ।
Divya ji...I wish you all the best.
aapke blog main ghum-fir kr achcha laga...." Samay ke saath teji se chalne ki koshish kar rahi hun, nahi to peeche reh jaungi....Jo saath chal sakenge wahi mere sachhe mitra honge." naman krta hun aapke in jajbaaton ki......sarthk bloging hetu meri shubhkaamnayen.
मेरी तरफ से भी अरविन्द जी को धन्यवाद.
@ दिव्या जी
स्नेह से भीगी पोस्ट है , अच्छा लगा पढ़ कर , ब्लॉग जगत में ऐसा ही वातावरण बना रहे तो ब्लॉग जगत सही मायनों अपने सही दिशा पा लेगा और एक नयी आवाज बन कर उभरेगा
भाषा विशेष में लेखन :
वैसे तो मुझे भाषा परिवर्तन का कारण समझ में नहीं आ रहा पर मेरा तो बस इतना सन्देश रहा है लेखक/ लेखिका जो भी लिखे अपने दिल की ख़ुशी के लिए ख़ुशी से लिखे ........ये उसका मानवीय अधिकार है .... दिव्या जी, आप अगर जापानी में भी लिखेंगी तो मेरा पूरा प्रयास रहेगा पढ़ने का, समझने का...फिर चाहे डिक्शनरी साथ में लेकर बैठना पड़े .......... फिर से यही कहूँगा भावनाओं को भाषाओं के दायरे में नहीं बाँटना चाहिए
शुभकामनाएं
दिव्या ,
आपने एक नये युग का सूत्रपात किया है ..
अभी तक हम सुन सुनकर उम्मीद से बगलें झांका करते थे कि कहां है वह स्त्री जो पुरुश को सफलता के शिखर तक पहुंचाती है।
मैं सफल हूं??? !!!!
पर कोई बात नहीं अरविंद जी!
आपने एक नया रास्ता बनाया
अब कहावत यह भी बनेगी कि एक सफल स्त्री के पीछे पुरुष भी होता है ..
आशा है मेरा आशय समझकर मजा लेंगे..
यह आवश्यक था क्या मेरे नन्हे गणेश ? आपमें में वह दिव्य दृष्टि है ,आश्वश्त हुआ.... आपकी टिप्पणियाँ बिखरती जा रही थी ..मतलब ऊर्जा का बिखराव ! अब ये यहाँ पुंजीभूत रूप ले सकेगीं और आप खुद को और भी प्रभावी तरीके से साकार कर पाएगीं ...अपने वजूद की एक सार्थक पहचान के साथ -बहुत शुभकामनाएं !
नहीं सही यही है कि प्रत्येक सफल पुरुष के पीछे एक नारी होती है :)
congratulations...keep going...thank you for being on my blog :)
दिव्या जी मैंने तो पहले ही बता दिया था
एक बार फिर पढ़ लो जी
http://sb.samwaad.com/2010/06/blog-post_23.html
आखिर क्यूँ है डॉ०अरविन्द मिश्र मेरे ब्लॉग गुरु :एक खुलासा
Posted by Darshan Lal Baweja on Wednesday, June 23
Labels: डॉ० मिश्र, प्ररेणा प्रसंग, साइंस ब्लोगिंग
कई बार इंसान को पता भी नहीं होता की उनसे प्रेरणा ले कर कोई व्यक्ति उनके कहे अनुसार अनुसरण करने लगता है इस बारे आज मै एक खुलासा करना चाहता हूँ कि किस प्रकार मै विज्ञान ब्लोगिंग की महान शख्शियत डॉ०अरविन्द मिश्र जी से प्रेरित हुआ |
My Photoमै एक विज्ञान पत्रिका "विज्ञान प्रगति"का अपने विद्यार्थी जीवन से पाठक हूँ तब से अब तक शायद ही कोई अंक हो "विज्ञान प्रगति" का जो मैंने न पढ़ा हो | जब फरवरी -2010 का "विज्ञान प्रगति" का अंक मेरे पास पहुंचा तो मैंने पेज देखने शुरू किये पेज न० 13 पर क्रमांक -18 पर हमारे विज्ञान क्लब सी० वी० रमण साईंस क्लब का नाम कुछ ताज़ा गतिविधिओं मे शुमार क्लबों की लिस्ट मे देख कर प्रसन्नता हुई श्री निमिष कपूर का यह लेख पढ़ कर मैंने अगला पेज पलटा तो इस पेज पर डॉ०अरविन्द मिश्र जी का विशेष लेख 'विज्ञान संचार का नया नज़रिया साईंस ब्लोगिंग' को पढ़ाना शुरू किया |
ब्लोगिंग मेरे लिए एक नया सा शब्द था आगे पढ़ने पर पता चला कि ब्लोगिंग चिट्ठाकारी को कहते है
बस मै यह ज्ञानवर्धक लेख पढता गया और मेरी आँखे खुलती गयी | मैंने तहे दिल से डॉ० मिश्रा जी का धन्यवाद किया और लेख का शेष भाग पेज-42 पर पढ़ कर बस आगे के विज्ञान प्रगति के और लेख नहीं पढ़े ,बस इंटर नेट पर गया और हिंदी साइंस ब्लोगिंग का मुरीद हो गया| मै पुराना नेट सर्फर हूँ मै बस ऑरकुट ,फेसबुक पर ही झक मर रहा था कुछ फोटोस अपलोड कर दी स्क्रैप कर दी बस काफी उबाऊ सा काम था | पर अब मै इस लेख मे वर्णित लिंक्स खोलता जाता था और मेरे दिमाग की बंद खिडकियां भी खुलती जाती थी 8-8 घंटे प्रति दिन लगातार बैठ कर मैंने हिंदी ब्लोगों को पढ़ना शुरू किया और पढता ही गया मानो मुझे एक नई राह मिल गयी हो |
अभी तक मै जिला व राज्य स्तर पर विज्ञान संचार कम लागत के विज्ञान प्रयोग, चमत्कारों का पर्दाफाश, विज्ञान कांग्रेस एवं विज्ञान प्रदर्शनियों मे कम लागत के साइंस माडल्स बना बना कर अपनी विज्ञान की भूख को शांत कर रहा था |
लेख मे सुझाये गए दर्जनों विज्ञान ब्लोगों को निहारता/पढ़ता गया फिर मैंने अपना ब्लॉग बनाया शुरू के 10 ब्लॉग बेकार बने क्यूँकि मुझे ब्लॉग बनाना नहीं आता था तब एक दिन ब्लोग्खोजन करते करते मै यमुनानगर के ही एक ब्लोगर ई पंडित के ब्लॉग पर पहुंचा तो पता लगा कि ये भी यमुना नगर जिले के ही एक स्कूल मे गणित मास्टर है मैंने अपने सम्पर्को के माध्यम से ईपंडित (श्रीश शर्मा ) का फोन नम्बर लिया ,फोन किया और वो भी बिना पूर्व जान पहचान के मेरे घर आये और मेरे PC मे नए नए सोफ्टवेयर डाल कर हिंदी टाइपिंग सक्षम किया अब मैंने विज्ञान गतिविधियों को आगे बढ़ाया |
एक रोज मैंने डॉ० मिश्रा से मेल पर पूछा कि मै SBA का सदस्य कैसे बन सकता हूँ तो मुझे अगले ही दिन मुझे एक मेल प्राप्त हुई जिसमे श्री जाकिर अली रजनीश जी ने मुझे SBA ज्वाइन करने का निमंत्रण भेजा | विज्ञान गतिविधयां ब्लॉग आगे बढ़ता गया और आज मेरी खुशी और बढ़ गई जब मैंने देखा SBA पर मेरा नाम बतौर लिंक शामिल कर लिया गया है डॉ० मिश्रा जी को नए नए ब्लागरो को हौसला दे कर आगे बढ़ाने का हुनर कितना बखूबी आता है| विज्ञान प्रगति के लेख का मुझे तो फायदा हुआ ओरो को भी होगा |
अब इस खुलासे को पढ़ कर आप समझ ही गए होंगे कि मै कैसे न कंहूँ "डॉ०अरविन्द मिश्र मेरे ब्लॉग गुरु"।
Dearest ZEAL:
Stockholm Syndrome revisited. Laughz.
However, Disambiguation is often quite fast. Hope it is faster here.
Matter of time and In due time.
Arth kaa
Natmastak charansparsh
आप दोनों को बधाई हो,ऐसे ही स्वस्थ्य परंपरा का निर्वाह करते रहे।
दिव्या जी, आपका पदार्पण ब्लॉग जगत की एक महान उपलब्धि है... और इसके लिए पंडित अरविंद मिश्र जी अवश्य बधाई के पात्र हैं... अभी हाल ही में उन्होंने सतीश पंचम जी की प्रशंसा की थी अपनी एक पोस्ट पर... और डॉक्टर मिश्र ने तारीफ की है तो उसका परिणाम भी हम देख रहे हैं, आपकी पोस्ट दर पोस्ट के माध्यम से. आपका लेखन और उठाए गए मुद्दे खरे हैं क्योंकि उसपर पंडित मिश्र ने हॉलमार्क की मुहर लगा दी है. बधाई एवम् आभार!!!
Dr. Amar Kumar:
You are free to your views, I am free to mine.
And, prudence always guides me to mind my business and comment only on the post.
Zmiles.
Arth Desai
Thanks Dr.Amar for the kind favour ,I instinctively know it that you are my boss!
Why give importance to impostors!
Sabhi pathakon ko unki pratikriyaon ke liye aabhar.
@ Rajesh ji-
aapke anurodh ka dhyan rakhungi.
@ Gaurav- bhasha vishesh par aapki tippani padhkar aankh mein khushi ke aansoo aa gaye...adhik kya likhun..
@ darshan lal baweja-
aapne apna anubhav humare saath share kiya, bahut achha laga. aapka aabhar.
@ Dr R Ramkumar-
In my humble opinion,
A person becomes successful by his/her own virtues ,irrespective of the gender of the person supporting him or her.
But of course the well wishes count a lot.
Khudi ko kar buland itna,ki khuda, bande se poochhe- "Bata teri raza kya hai?"
Regards,
Shivam ji..blog charcha mein link shamil karne ke liye aapka bahut bahut aabhar.
बहुत बहुत बधाई दिव्या..तुम्हे भी एवं अरविन्द जी को भी...
bahut bahut badhai......
aur ha pyara sa comment pyara laga .
अरविन्द जी तो हमारे भी प्रिय ब्लागर हैं...एक नेक और अच्छे इन्सान.
आपको जन्मदिवस की शुभकामनाऎँ!! देर से ही सही :)
आप दोनो को बधाई। लिखती चलें।
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अरविन्द मिश्र ,
आपने एक स्त्री को' ' कुतिया ' कहकर , समस्त पुरुष जाती को शर्मसार किया है। आप पुरुषों के नाम पर, भारतीयता के नाम पर, तथा इंसानियत के नाम पर कलंक हैं।
आप जैसे बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति को समय ही कोई सही पाठ पढ़ायेगा।
अफ़सोस है कभी आपको एक सज्जन व्यक्ति समझा था।
अजित नाम से फर्जी टिपण्णी करना बंद कर दीजिये। आप दो बालिग़ बच्चों के पिता हैं। संभव हो तो उन्हें बेहतर संस्कार दीजियेगा। अपने जैसा घृणित इंसान मत बनाइएगा।
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