एक खुशखबरी- --- गेहूं खराब बताकर खरीदे न जाने पर, गुस्साए किसानों ने खाद्य आपूर्ति अधिकारी की पिटाई की....कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर किसानों का गेहूं तुलवाया और सबके गेहूं बिकवाये.....
आत्महत्या नहीं अब रण होगा।
युद्ध बड़ा भीषण होगा।
जय हिंद !
जय किसान !
Zeal
8 comments:
किसानों को उनके गेहूँ का मोल मिले..
वाकई खुश खबरी।
कब तक लुटते-पिटते-ठुकते रहें? सब्र का बाँध भी टूटता है। जो हुआ, उसे तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
अब मरना नहीं मारना है।
खुश्खबरी के साथ- साथ ये तो जाग्रति भी है...
खुश्खबरी के साथ- साथ ये तो जाग्रति भी है...
सबक सिखाने की भी आवश्यकता पड़ती है.
खुश्खबरी तो है किसानो के लिये,...लेकिन अक्सर किसानो के साथ ऐसा होता रहता है,,,,,,,
अच्छी खबर है । आत्महत्या के पलायनवादी रास्ते से बेहतर है अपने अधिकारोँ के लिए संघर्ष करना । लगता है देश का किसान जाग्रत हो रहा है ....।
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