Wednesday, December 5, 2012

फेसबुकिये लिखें तो पाप?

मणिशंकर अय्यर यदि विरोधी पार्टी के सदस्यों को ---"जानवर"--- कह दें तो सरकार एक फॉर्मल माफ़ी मांग के छुट्टी पा जाती है, लेकिन फेसबुक पर यदि कोई कुछ लिख दे तो गिरफ्तारी , जुर्माना और तीन साल की सज़ा मिलती है। अय्यर जैसे राजनेता , जिन्हें बेस्ट सांसद का अवार्ड मिल चुका है वे जपने विशेषाधिकारों का हनन करते हैं , साथ ही इनकी पार्टी हमारी "अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता" का भी हनन करती है। आप कहें तो पुण्य और फेसबुकिये लिखें तो पाप?  गजब है आपकी दोहरी मानसिकता!

वैसे अय्यर टाइप का एक पुरुष ब्लॉगर भी है जो खुद को हीरो-बाघ कहता है , साथी पुरुष ब्लॉगर्स को "चमड़ोधा कुत्ता" और महिला ब्लॉगर्स को "लोमड़ी" कहता है! ऐसे गाली-गलौच करने वाले राजनेता और ब्लॉगर्स की क्या  सज़ा होनी चाहिए ?

10 comments:

Akash Mishra said...

समझा जाता है कि फेसबुक पर तो कोई भी लिख सकता है उसकी आवाज का क्या वजन , जबकि जो सांसद बना होता है उसके भीतर तमाम टेलेंट छिपे हुए होते हैं -
लूटने में माहिर , गरियाने में उस्ताद , बात बोल कर साफ़ मुकरने की अद्वितीय क्षमता वगैरह वगैरह |
अब आप ही बताइये एक आम फेस्बुकिया क्या इन सब की बराबरी कर सकता है ?

सादर

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

ये सरकार वाले है दिव्या जी , अब देखिये न अगर चेक पर हमने गलत हस्ताक्षर किये तो जेल और हमारे माननीय परनव मुखर्जी साहब राष्ट्रपति का परचा भरते, या दुसरे पद से इस्तीफा देते कोई गलत हस्ताक्षर कर जाए तो सब माफ़ !

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

जिस दिन सजा तय हो जायेगी ,यह समस्या जड़ से ख़त्म हो जायेगी !

Madan Mohan Saxena said...

शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन.
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें.

दिवस said...

राजनीति में तो तानाशाही अपने पैर पसार ही चुकी थी और अब ब्लॉगिंग में भी। खुद को राष्ट्रभक्त कहने वाले जब राष्ट्र के जीवन मूल्यों को ही न समझें तो धूल है उनका राष्ट्रवाद। चमडोधा कुत्ता और लोमड़ी जैसे अलंकारों का उपयोग करने वाले ब्लॉगर किसी मणिशंकर अय्यर से कम हैं क्या? अब जब मणिशंकर अय्यर कांग्रेसी है तो हम कांग्रेसियों को राष्ट्रवादी नहीं मान सकते, फिर चाहे वे शहीदों पर सीरिज़ छापें अथवा नायकों के नाम पर पन्ने काले कर शोहरत बटोरें।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

डेमोक्रेज़ी है ये

लोकेन्द्र सिंह said...

मैं तो कहता हूँ कि ऐसे नेताओं के खिलाफ लगातार केस दर्ज कराये जाने चाहिए.... ये दोहरा चरित्र नहीं चलेगा,
परचेत जी की बात के साथ

ZEAL said...

लोकेन्द्र जी , केवल नेताओं के खिलाफ ही क्यों ? दोगले ब्लॉगर्स के बारे में आपका ख़याल है ? जब तक समाज में दोगले चरित्र वाली जनता रहेगी तब तक दोहरे चरित्र वाले नेता भी रहेंगे! इलाज समग्रता में होना चाहिए ! पक्षपात से क्या लाभ?

महेंद्र said...

सजा के हकदार नही है वो लोग. उनका तो सन्मान करना चाहिये , गधे पे बिठाकर , गले मे चप्पलका हार पहेनाकर , मुंह काला करके, उनकी बारात निकाली जानी चाहिए..
मेरी हिंदी कुछ साफ नहीं है.. सो, जस्ट करेक्ट व्हेवरएवर यु फिल इट रॉंग..

महेंद्र said...

सजा के हकदार नही है वो लोग. उनका तो सन्मान करना चाहिये , गधे पे बिठाकर , गले मे चप्पलका हार पहेनाकर , मुंह काला करके, उनकी बारात निकाली जानी चाहिए..
मेरी हिंदी कुछ साफ नहीं है.. सो, जस्ट करेक्ट व्हेवरएवर यु फिल इट रॉंग..