Tuesday, January 8, 2013

एक अमीर बलात्कारी --

कसाब का कोई दोष नहीं था , गलती मरने वालों की थी, वे ताज होटल में क्यों गए , उन्हें अपने घर पर रहना चाहिए था तो बेचारा कसाब क्यों किसी को मारता देश-विदेश के 377 मूर्खों के कारण कसाब पर इतने इल्जाम लगे! --(सन्दर्भ नीचे है)

दामिनी अपने बलात्कार की जिम्मेदार स्वयं है वो गिड़गिड़iयी क्यों नहीं ? --आसाराम बापू 
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इतना बड़ा मूर्ख पहले कभी नहीं देखा। इससे कोई पूछे दहेज़ के लिए मारी जाने वाली औरतों भी जिम्मेदार हैं अपनी मौत के लिए !

कन्या भ्रूण ह्त्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं , बल्कि भ्रूण ही जिम्मेदार है जो कोख में गिड़गिड़ाता नहीं की मुझे मत मारो।

कल एक आश्रम में 11 बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ , बच्चियों की उम्र 3 वर्ष से लेकर 11 वर्ष है!  जिम्मेदार कौन ? क्या ये मासूम बच्चियां भी अपने साथ हुए दुष्कर्म की जिम्मेदार हैं? --आसाराम बताएं !

स्त्रियों के दुश्मन आसाराम की 'प्रवचन की दूकान' तत्काल बंद करा  देनी चाहिए। पता नहीं क्या क्या गुल खिलते हैं इसके आश्रम में !

इसका बयान देखकर तो ये खुद ही एक बलात्कारी लगता है , जिसके कुकर्म इसकी अमीरी के नीचे दबा दिए जाते हैं!

Zeal


14 comments:

रविकर said...

छी छी छी दारुण वचन, दारू पीकर संत ।

बार बार बकवास कर, करते पाप अनंत ।

करते पाप अनंत, कथा जीवन पर्यन्तम ।

लक्ष भक्त श्रीमन्त, अनुसरण करते पन्थम ।

रविकर बोलो भक्त, निगलते कैसे मच्छी ।

आशा उगले राम, रोज खा कर जो छिच्छी ।।

अशोक सलूजा said...

ये कलयुगी बापू ही समाज के असली कलंक हैं ..,

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत ख़ूब वाह!

DR. ANWER JAMAL said...

हरेक आदमी अपनी अपनी समझ के अनुसार बलात्कार से बचने के उपाय बताने के लिए आज़ाद है। आसाराम जी बदमाशों को भोला आदमी समझ रहे हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी बात कह दी वर्ना बदमाशों के अत्याचार सहने वाला क्या उनसे गिड़गिड़ा कर छोड़ने के लिए कहता नहीं है ?

राजेन्द्र अवस्थी said...

आपका आक्रोष बिल्कुल उचित है....इसको बापू कहना ही गलत है...इसका पूरा खानदान भगवान के नाम पर लोगों को मूर्ख बना कर ही प्रसिद्धी पा रहा है....बस कमी हममें ये है कि, हमलोग इसके ऊलजुलूल वकत्व्यों को कुछ अधिक ही तवज्जो दे देते हैं...
यदि हमलोग ऐसा ना करें तो इसके धूर्ततापूर्ण विचारों का प्रचार नही होने पाएगा।

Akash Mishra said...

दुखद और शर्मनाक |

Arshad Ali said...

shrm ki baat hai..

M VERMA said...

इन स्वम्भू भगवान हैं, इनसे और क्या उम्मीद किया जा सकता है.

पूरण खण्डेलवाल said...

ऐसे लोग काहे के संत हैं ऐसे संतो के कारण ही तो लोगों का संतो पर से विश्वास उठता जा रहा है !!

virendra sharma said...


शुक्रिया आपकी ताज़ा टिपण्णी का .आशा राम और भी हैं एक ढूंढों दस मिलेंगे .मुद्दे से ध्यान नहीं हटाना हैं इन बे -हूदा बातों पर हौसला और गुस्से को बचाके रख्खों .

अभी तो और भी रातें सफर में आयेंगी चरागे शब मेरे महबूब ,संभाल के रख .

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

हे राम, मूर्ख आसाराम

(सारी मूर्ख नहीं धूर्त आसाराम)

दिवस said...

इस विषय पर आसाराम क्या बोलेगा?

पाकिस्तानी आतंकियों ने भारतीय सीमा में घुसकर हमारे दो जवानों को मार डाला। एक जवान का सर काट कर ले गए।

अब शायद आसाराम बोलेगा कि इसमें भारतीय जवानों की ही गलती है। वे यदि पाकिस्तानियों के सामने गिडगिडा कर उन्हें अपना भाई बोलकर अपनी जान की भीख मांगते तो बच जाते।
किसने कहा था उन्हें फ़ौज में भर्ती होने के लिए? किसने कहा था उन्हें भारतीय सीमाओं की रक्षा करने के लिए? अपने घर पर बैठते आराम से। वे भारीतय जवान अपनी मौत के ज़िम्मेदार स्वयं हैं।
अत: पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए, जैसे बलात्कारियों के लिए कोई कडा क़ानून नहीं होना चाहिए।

आसाराम का बयान निश्चित ही घटियापन की श्रेणी में आता है। ऐसे प्रवचन यदि आसाराम उन दरिन्दे बलात्कारियों को झाड़ता तो उसे धर्म गुरु मान भी लिया जाता। किन्तु उसे कहाँ समझा आने वाला है?
मेरे एक परिचित ने दिल्ली में उसका व्याख्यान रखवाया था। किन्तु पेमेंट मिलने में थोड़ी डेरी होने पर आसाराम ने मंच पर आने से मना कर दिया। अब ऐसे लोग अमीर औरत जैसे शब्द कहने का अधिकार नहीं रखते जो अप्पने प्रवचनों को पैसों से बेचते हैं।

kavita verma said...

aasaram abhi aatm mugdhta ki sthiti me hai unka kuchh nahi ho sakta..

प्रतिभा सक्सेना said...

ये तो गुरु भी आँधला ,चेला खरा निरंध,
अँधा-अँधू ठेलिया ,दोन्यू कूप परंत !
-यही हाल है !