क्या आप जानते हैं " ZEAL @ दिव्या " कौन है !!!
>> Tuesday, July 13, 2010
क्या आप जानते हैं कि ZEAL @ दिव्या कौन है !!!..... यदि नहीं, तो जानने का प्रयास कीजिये ... शायद आप जान जाएं ... इस थाईलैंड निवासी नवोदित ब्लागर ने बहुत तेज गति से ब्लागजगत में अपना स्थान बनाया है जो निश्चिततौर पर बधाई के योग्य है ... और मैं उन्हें बधाई देता हूं , बधाई दिव्या जी .... साथ ही साथ एक दिन पहले ही उन्होंने ब्लागजगत में "एक माह" पूर्ण किया था उसकी भी बधाई दिव्या जी ... और हां आज तो बहुत ही खास दिन है आपके जीवन का .... जन्मदिन ... जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं .... ब्लागर साथियों ब्लागजगत के इस नवोदित ब्लागर को आप भी बधाई प्रषित करें ... पर क्या आप जानते हैं कि ZEAL @ दिव्या कौन है ???????????????????
प्रस्तुतकर्ता श्याम कोरी 'उदय'
लेबल: चिट्ठा चर्चा
A friend gave me the link of above post by Shyam Udar Kori ji. When I visited there,I was shockingly surprised. He never visited my blog but he is so much updated about informations regarding me. He mentioned my birthday [11th July] even. But he raised a question mark -" Who is Divya".
What more is required to know about a blogger?
I am an Indian.
A respectable married lady.
Native place Lucknow.
Currently living in Thailand.
Profession- Doctor [Gynae]
I started writing blogs because I feel I can contribute my bit for the betterment of society.
I want to keep the FIRE in me alive.
Hope it is clear now...Who is Divya ?
If not then i cannot spoon-feed the feeble minded imbeciles.
If someone gets interested in knowing more, then definitely his intentions are doubtful.
And Yes, I have a horn on my snout that keeps me different from the general lot. !
Jai Hind !
35 comments:
never mind.. this happens..
I think we should be interested in what is being posted in the blog rather than personal things ...
It is not very wise to show unnecessary interest in another bloggers personal matters, identity etc.
ferocious! This lady has horns ...may be an alien!
proceed very carefully fellow netzens!
haha , great post. fire brand and very honest introduction.
... दिव्या जी व टिप्पणीकार साथियों ... मुझे अंग्रेजी बहुत कम आती है सिर्फ़ "गुड मार्निंग - गुड नाईट" ही समझ पाता हूं ... यदि मेरे बारे में कुछ भी लिखा जाये तो "हिन्दी" में लिखने का कष्ट करें ताकि मैं पढ-समझ कर उसका जवाब दे सकूं, धन्यवाद !!!
आपके कमेंट्स से लेकर आपकी पोस्ट तक के सफ़र में एक बात स्पष्ट है कि आपमें स्पष्ट समझ और विचार अभिव्यक्ति करने की मज़बूत शक्ति है , अरविन्द मिश्र की ताडू नज़र ने आपको तुरंत पहचान लिया , इस प्रेरणा से आप शीघ्र उस स्थान पर आ गयीं जिसके आप सर्वथा योग्य हैं !
आपके हिन्दी लेखों का हमें इंतज़ार है दिव्या , गुरु जी आपके साथ हैं आशा है यह इच्छा भी जल्दी पूरी करेंगी
Satish ji,
Arvind ji is not my Guru. I believe in Lord Shiva Only.
My own wisdom and my Lord Shiva guides me in all walks of life.
Agreed with Indranil ji.
Keep going Divya ji. You need not be answerable and reasonable for every such questions.
Huh! Every sensible person should learn ignoring such things in Hindi-Blogdom :)
PS - As you are Doc (Gynae), I request you to create Hindi content in this subject as well.
Divya there is no need to reply to all....learn ignoring things...if u are not comfortable...y do u bother to reply to all these queries .
Next thing ,they will ask for ur photograph..will u provide??
Here, in blogworld one shud b known by his/her writing only..personal info dsnt matter at all.
U mst hv read Ghughuti ji's blog...no one knows her real name...and she writes beautifuly..everyone njoys and get benifited by reading her article...and thats matter.
first taste of hindi blogdum
good that you have cleared the misconcept about your guru !!!!!!!!!!!!!!!
दिव्या जी!... मै आपके बारे में इतना ही कहूंगी कि आप बहुत सुंदर रचनाएं प्रस्तुत कर रही है!... और आगे भी लिखती रहे!.. मेरी शुभ-कामनाएं आप के साथ है!
I like your introduction. And that's enough.
I wish you all the best.
बड़े चर्चे हैं इस आयरन लेडी के।
................
पॉल बाबा का रहस्य।
आपकी प्रोफाइल कमेंट खा रही है?.
हम तो पहले दिन से ही जान गये थे कि आप कौन हैं, आपकी टिप्पणियों से। सबका अपना एक स्तर होता है जिज्ञासा का। हाँ थाईलैण्ड आना हुआ तो कवायद करेंगे आपका पता जानने के लिये। धन्यवाद ज्ञापन के लिये, भोजन करने के लिये और सींग पर एक ब्लॉग पोस्ट लिखने, सचित्र।
सदैव की तरह जीवन्तता में जियें और उत्साह में रहें।
माय डीयर गणेशा ,
यह गुरु -भ्रम निवारण कर आपने ठीक किया -यह मुझे भी असहज कर रहा था -और भगवान् शंकर तो जगत गुरू ही है -काशी वास करके उनकी गुरुता की अनुभूति मुझे निकट से है -आपके इस भ्रम निवारण से अगर लोग आह्लादित भी हों तो भी मुझे अच्छा लग रहा है -
वैसे दत्तात्रेय नामके एक मशहूर ऋषि हो चुके हैं जिन्होंने अपने २४ गुरुओं में कई पशु पक्षी भी शामिल किया था -उनकी समझ और उदात्तता ऐसी थी कि जिससे भी कुछ सीखते थे उसे अपना गुरु मान लेते थे -
Dearest ZEAL:
Do not worry about people who are chasing you. This is just one pathetic attempt to get your attention. Zmiles.
And as to the clearance of 'guru' thing, it is very correctly done. Strike when the iron is hot so that all notions are dispelled and clarity is absolute.
In the news, these days often we see so many spiritual 'gurus' cheating common folk and celebrities alike in the name of God - be it Ganesh or be it Mahadev or be it Krishna.
You have done the right thing. Proud of you.
That lame chaser is constantly watching your blog as a thief and the moment his writing appeared, he came and took cover like an imbecile under the mention of his not comprehending English.
Naa jaane kahaan-jahaan se chale aate hain aise thugne waale.
You are always very prudent. God bless you.
Arth kaa
Natmastak charansparsh
जिज्ञासा का क्या है - किसी भी बात पर हो सकती है। बच्चों को, कम जानकारों को और अनुभवहीनों को ज़्यादा होती है। कम-दिमाग़ वालों को बार-बार होती है।
अल्ज़्हाइमर्स डिज़ीज़ वालों को क्या होता है - पता नहीं क्या-क्या होता है।
तो आपने अच्छा किया एक बार लिख के छुट्टी की।
सच कहता हूँ - ये उन गिनी चुनी पोस्टों में से है - जिन पर पूरा बिना पढ़े टिप्पणी की है। साथ रह कर माँ-बेटी-पत्नी को बरसों में नहीं जान पाता इंसान - तो पूछ-पूछ के क्या पता चलेगा किसी के बारे में?
अरे इतना जानना काफ़ी है कि अगला बेनामी या छद्मनामी नहीं है - अपनी अस्मिता के साथ है।
चलिए - शायद आपकी आत्मकथा आए बाज़ार में तो पॉपुलर हो जाए - :)
इसी उम्मीद के सहारे - जीवनी पर भी एक सीरीज़ या नया ब्लॉग शुरू कर सकती हैं आप!
शुभेच्छु,
Dr Amar ,
An autobiography is of two types-
1-pseudo
2-Genuine
The former type is asked by ignorants, which contains the postal address, mobile number, religion and and for some the size of curves and contours are also required.
Later type of autobiography is a domain of wise intellectuals. They can know a person in and out by reading their posts.
Our posts reflects everything. One must consider the blog posts as one's autobiography.
regards,
@ Himanshu Mohan- Jigyasa bakhoobi samjhaya aapne.
@ Praveen Pandey- I cannot resist laughing by visualizing myself on your mention of 'sachitra'.
@ Arvind Mishra- I do not believe in an Guru-chela parampara. I am a born individualist.
@ Rashmi ji, Your words are very encouraging ..thanks.
@- Dr Aruna- Thanks for your kind words.
@ Ravi ratlami- I have noted down your request.
Shyam Uday kori ji-
@-दिव्या जी व टिप्पणीकार साथियों ... मुझे अंग्रेजी बहुत कम आती है सिर्फ़ "गुड मार्निंग - गुड नाईट" ही समझ पाता हूं ...
ab to maine hindi mein likhna shuru kar diya...Kripya padha kijiye aur rai diya kijiye.
aabhar aapka.
I am thankful to all my respectable readers .
Thanks for visiting here and thanks for your valuable opinion and suggestions.
Your words, motivate me, corrects me and helps in rectifying the flaws in me.
ब्लॉग लेखक से ज्यादा उसके लेखन में ही रूचि होनी चाहिए ...
दिव्या जी!... आप लिखती रहे कौन क्या कहता है कहने दें. हाँ कुछ मास्केबजों से सावधान रहे
दिव्या को जन्मदिन की बधाई। जी इसलिए नहीं लगा रही हूँ कि मुझे लगता है कि वे मुझ से छोटी ही हैं। उनकी लेखनी को भी बधाई।
प्रस्तुतकर्ता श्याम कोरी 'उदय'
लेबल: चिट्ठा चर्चा
इसके बाद जो भी लिखा है वह मुझे समझ नहीं आया, की आखिर माजरा क्या है? मुझ जैसे कई हैं जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती, कृपया हिंदी में लिखें. ये अंग्रेजी के भारतीय झंडाबरदार समझते हैं की सभी इनकी तरह अँगरेज़ हैं. या हिंदी ब्लॉग में भी अंग्रेजी लिखने से अच्छा रौब पड़ता है, और लोग आपको ज्यादा महत्त्व देते हैं?
पर फिर भी बात वाही है की भारतीय पुरुष और भारतीय नारी भारतीय भाषा को प्राथमिकता दें, आखिर जिनतक आप बात पहुंचा रही हैं वे भी तो भारतीय हैं, और उन्हें अंग्रेजी भले कम आती हो या न आती हो पर हिंदी अवश्य आती है.
@ Ajit Gupta ji,
Thanks for the best wishes.
.
@ anonymous,
padhna likhna seekho nahi to gavaar hi reh jaoge.
.
Hi, relish thɦe site, Do excuse mү ѵery pօοr english as
it's not my prіmarily tongue. I simply need to declare үou have got a lot of superb info forr people that arе engaged in Thaі land.
Myself learոt an aԝful lot byy analyzing a large
amount off guides oո Thailand. There's various fun language titles, love story guides & fictioո eboоks at thailand-Books.blogspoΤ.Com Last of all ԝish you all luck with your interոet site!!!.
Here is my website ... Thailand-Books bar girls
Wow, this ρoece of writing is pleasant, my younger sister
is analʏzing these kinds of thinɡs, thus I am going to
convey Һer.
Also visit my page - TҺai-land Book (reborn-horizon.com)
Post a Comment