इन्होने अपनी मृत्यु से पूर्व एक नाटक लिखा था - "nimesis" , जो इनकी मृत्यु के दौरान प्रकाशित हुआ लेकिन मृत्यु के तुरंत बाद अति विवाविदित होने के कारण इसकी सभी प्रतियां नष्ट कर दी गयीं। कारण था उस नाटक में हिंसा, प्रतिशोध , सेक्स , वासना तथा धार्मिक कट्टरता का उल्लेख ।
रसायन शास्त्र [chemistry ] में विशेष रूचि रखने वाले Alfred Nobel ने विस्फोटकों [ explosives] पर गहन शोध किया तथा nitroglycerine जैसे विस्फोटकों को कैसे सुरक्षित तरीके से उत्पादन करना है तथा इस्तेमाल करना है , इस पर काफी विस्तार से कार्य किया। Alfred Nobel के पास तकरीबन ३५५ रसायनों का पेटेंट था जिसमें से प्रमुख हैं -
- Dynamite
- Ballistite
- Gelignite
नोबेल पुरस्कार निम्न पाच क्षेत्रों में दिए जाते हैं।
१- भौतिकी [physics]
२-रसायन शास्त्र [ Chemistry]
३- चिकित्सा [ Medicine/Physiology]
४-साहित्य [ Literature]
५-शान्ति [Peace]
इस पुरस्कार में , गोल्ड मेडल , डिप्लोमा तथा पुरस्कार-धनराशी मिलती है जो उस वर्ष Nobel's foundation की होने वाली आय पर निर्भर करती है । यह एक से दो अरब US डॉलर के आस-पास होती है। Nobel prize को तीन व्यक्ति से ज्यादा के साथ नहीं साझा किया जा सकता।
वर्ष २०१० के नोबेल पुरस्कार विजेता --
१-भौतिकी- Andre Geim और Konstantin Novoselov [ Two dimensional material graphene के लिए ]
२-रसायन शास्त्र-Richard F. Heck, Ei-ichi Negishi, Akira सुजुकी ["for palladium-catalyzed cross couplings in organic synthesis"।]
३-चिकित्सा-Robert G. yedavards [ ...for the development of in vitro fertilization".]
४-साहित्य-Mario Vargas llosaa ["for his cartography of structures of power and his trenchant images of the individual's resistance, revolt, and defeat"।]
५-शान्ति -Liu Xiaobo [ "for his long and non-violent struggle for fundamental human rights in China"। ]
काश हमारे देश से भी किसी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को नोबेल पुरस्कार मिलता। या अमर्त्यसेन और रबीन्द्रनाथ टैगोर जैसी हस्तियाँ अब नहीं जन्म लेतीं ?
आभार।
इस पुरस्कार में , गोल्ड मेडल , डिप्लोमा तथा पुरस्कार-धनराशी मिलती है जो उस वर्ष Nobel's foundation की होने वाली आय पर निर्भर करती है । यह एक से दो अरब US डॉलर के आस-पास होती है। Nobel prize को तीन व्यक्ति से ज्यादा के साथ नहीं साझा किया जा सकता।
वर्ष २०१० के नोबेल पुरस्कार विजेता --
१-भौतिकी- Andre Geim और Konstantin Novoselov [ Two dimensional material graphene के लिए ]
२-रसायन शास्त्र-Richard F. Heck, Ei-ichi Negishi, Akira सुजुकी ["for palladium-catalyzed cross couplings in organic synthesis"।]
३-चिकित्सा-Robert G. yedavards [ ...for the development of in vitro fertilization".]
४-साहित्य-Mario Vargas llosaa ["for his cartography of structures of power and his trenchant images of the individual's resistance, revolt, and defeat"।]
५-शान्ति -Liu Xiaobo [ "for his long and non-violent struggle for fundamental human rights in China"। ]
काश हमारे देश से भी किसी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को नोबेल पुरस्कार मिलता। या अमर्त्यसेन और रबीन्द्रनाथ टैगोर जैसी हस्तियाँ अब नहीं जन्म लेतीं ?
आभार।
29 comments:
निश्चय ही एक विचारवान और संवेदनशील व्यक्तित्व।
जानकारी से परिपूर्ण आलेख .......शुक्रिया
अल्फ्रेड नोबल जैसे महान वैज्ञानिक को मेरा सलाम . नोबल पुरस्कार विजेताओ का देश होने\\ में खासकर विज्ञानं के क्षेत्र में . अपने देश में आधारभूत सुविधाए आड़े आती है .. उम्मीद है की आगे इस स्थिति में सुधार होगा.
आज भी प्रतिभाएं है .. किन्तु हर क्षेत्र में उपजी विरोधी राजनीति ने सच में काम करने वालों को पीछे धकेला है ... जो काम कर रहे योगदान दे रहे हैं वो परदे के पीछे है ..बाकि आगे हैं ... दिव्या जी कैसी है आप.. शुभकामनाएं ..
janm to lete hain par wahan tak jakar sabki nazron me aane ka rasta logon ko pata nahin hota hai.
बहुत ही सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक जानकारी ...आभार ।
उपयोगी जानकारी।
धन्यवाद।
कुछ ज्यादा ही व्यस्त हूँ इस समय।
लंबी टिप्प्णी के लिए समय नहीं है।
फ़िर मिलेंगे।
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
I am sending you a voice message to see if it works
Please do not delete if you get an email from Vocaroo Robot.
It will contain a link to a voice message from me.
I am using you for testing if it works okay. Please switch on your speaker.
If it works, you will be able to hear my voice and I can then send voice email instead of writing the email.
Regards
GV
Nice, informative and inspiring. Good to get prize but not good ot write to get prize.
सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक जानकारी मिली-शुक्रिया
अपने देश में मुख्य कारण है -
शोध कार्यों के लिए जरुरी बजट का न बनना
शिक्षण संस्थानों में शोध का स्तर आकर्षक न होना
शोधार्थियों के चयन में गड़बड़ी
समर्पित शोधार्थियों को सही वातावरण व मानदेय न मिलना
यही कारण है ऐसे कार्यों के लिए विदेश जाने वालों की लाइन लगी रहती है.
कुछ प्रतिभाएं दम तोड़ देती हैं और कुछ प्रतिभा पलायन होता रहता है.
मैंने अपने विद्यार्थी जीवन में गणित(ज्यामिति) और भौतिकी में कुछ प्रयास किये थे. गणित के दो-चार सूत्र मेरी डायरी में लिखे पड़े हैं. सब जोश ठंडा हो चूका है.
आज कल कम्प्यूटर गिटिर पिटिर करके पेट पालने वाले में से हूँ. साहित्य में गहरी रुचि होने के चलते - ब्लाग पर अपनी रचनाएँ कभी कभार लिख लेता हूँ.
--
ऐसे पोस्ट नवयुवकों के लिए प्रेरनादायी होते हैं, लिखते रहें.
जानकारीपरक था पुरस्कार के सम्बन्ध में विचारणीय पोस्ट
Alfred Nobel के नाटक के बारे में पहले पता नहीं था. जानकारी देने के लिए आभार.
ati sundar!
ek gyanvardhak sarthak lekh..
ek upyogi lekh........waise dr. divya aapke blog pe barabar aise upyogi aalekh dekhne ko milte rahte hain...hai na...
अच्छी जानकारी ...
ज्ञानवर्धक पोस्ट.. कुंवेर जी अभी भी दिव्या जी की पोस्ट गिनते हैं या बंद कर गिनती...थक जाएँगे .It a blogers joke nothing serious..
Important information. Some of the information I didn't know before. Really very meaningful post.
आपकी इस प्रस्तुति से नोबल पुरस्कार और उसके प्रणेता के संबंध में कुछ नई जानकारियां प्राप्त हुईं।...आभार ।
...........
हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। शासन द्वारा उन्हें उचित प्रोत्साहन नहीं दिया जाता। इसीलिए प्रतिभाएं विदेशों की ओर पलायन कर जाती हैं जहां उन्हें और उनके कार्यों को पर्याप्त मान-सम्मान मिलता है।
गत वर्ष 2009 में रसायन का नोबल पुरस्कार एक भारतवंशी अमेरिकी नागरिक श्री वेंकटरमन रामकृष्णन को मिला है। अपने एक भाषण में उन्होंने कहा था कि भारत में ग्रेजुएशन करने के बाद आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में वे अनुत्तीर्ण हो गए थे जिसके कारण वे अमेरिका चले गए।
एक और तथ्य यह भी पढ़ने सुनने में आता है कि नोबल पुरस्कार के लिए चयन में निष्पक्षता नहीं रहती।
सुंदर ज्ञानवर्धक आलेख के लिए आभार. उनके द्वारा लिखे गए नाटक के बारे में इससे पहले जानेकारी नहीं थी. उनके महान व्यक्तित्व के इस छिपे हुए पहलु की जानकारी देने के लिए धन्यवाद. आभार.
सादर,
डोरोथी.
@इन विस्फोटकों का इस्तेमाल mining में, शिलाखंडों को तोड़ने , तथा रॉकेट propellant [ ballistite ] की तरह होता है। १९८८ में Dynamite के कारण हुए एक हादसे में इनके छोटे भाई समेत अनेक लोगों की मृत्यु हो गयी।
यहां 1988 संभवतः 1888 होना चाहिए। कृपया शुद्ध कर लें।
एक पहलू यह भी ...
पहले विनाशजनक विस्फोटों की खोज, फिर शांति के लिए पुरस्कार ...अजीब विरोधाभास है ।
Nice post.
Dearest ZEAL:
Generic information. Read.
Semper Fidelis
Arth Desai
बहुत ही अच्छी और विस्तृत जानकारी दि आपने .जहाँ तक पुरस्कारों की बात है मुझे लगता है कि इन पर हमेशा से ही राजनीती हावी रही है.
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