Friday, February 25, 2011

आभासी दुनिया और चैटिंग !

चैटिंग क्या है ?

आभासी दुनिया में ऑनलाइन होने पर एक दुसरे के साथ किसी भी विषय पर लिखित में वार्तालाप करने को चैटिंग कहते हैं ये आनंददायी भी है और दुखदायी भी

चैटिंग के लाभ --

  • बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिस भी भाषा में संवाद कर रहे हैं , उसमें धीरे-धीरे प्रवीणता आने लगती है
  • जो बातें आप रियल लाइफ में कह नहीं पाते और अन्दर ही अन्दर घुटते रहते हैं , वो इस आभासी दुनिया की चैटिंग में किसी के साथ शेयर कर सकते हैं और अपना मन हल्का कर सकते हैं।
  • यहाँ आपको कोई सुनने वाला मिल जाता है जो धीरे-धीरे आपके आत्मविश्वास को भी बढाता है
  • कुछ लोगों का एकाकीपन दूर करने में भी बहुत मददगार साबित होता है
  • कभी कोई जानकारी चाहिए होती है तो वो ऑनलाइन मित्रों की मदद से तुरंत मिल जाती है
  • देश विदेश में रह रहे मित्र एवं परिवार वालों से बात करने का एक बेहतरीन जरिया
चैटिंग से होने वाली हानियाँ --

  • कक्षा छः तक आते आते बहुत से बच्चे मित्रों के साथ चैटिंग में व्यस्त हो जाते हैं इससे उनकी सकारात्मक ऊर्जा का व्यय कंप्यूटर पर ही हो जाता है , और पढाई के समय थके रहते हैं या फिर चैट के वक्त हुए वार्तालाप पर उनका ध्यान भटकता रहता है
  • चैटिंग कई बार एक नशे का रूप ले लेती है। और व्यक्ति के जरुरी कार्य पेंडिंग होते जाते हैं। इकठ्ठा हुए कार्य बाद में व्यक्ति को चिंता और झुंझलाहट देते हैं स्वभाव में चिडचिडापन जाता है
  • व्यक्ति समाज से थोडा कट जाता है , और आभासी दुनिया पर ज्यादा निर्भर रहने लगता है
  • अक्सर कुछ असामाजिक तत्व भी होते हैं इस आभासी दुनिया में , जो आपके परिवार की जानकारी हासिल कर आपको ब्लैकमेल करने लगते हैं आपका उठना - बैठना मुश्किल कर देते हैं
  • कुछ लोग जो parasite टाइप के एवं अवसादग्रस्त होते हैं , वो पिस्सू की तरह आपके ऊपर बुरी तरह निर्भर करने लगते हैं तथा आपकी ऊर्जा एवं समय को खा जाते हैं और आप इंसानियत निभाने के फेर में स्वयं को बिलकुल अशक्त ( drained ) महसूस करने लगते हैं
  • जब संवाद एक स्त्री और पुरुष के मध्य हो रहा होता है तो बहुधा लोग अपनी मर्यादाएं लांघ जाते हैं वो भूल जाते हैं की वो किसी सम्मानित व्यक्ति से बात कर रहे हैं अक्सर पुरुष , स्त्री की भावुकता का नाजायज लाभ उठाता है और अनाधिकार चेष्टाएं करता है Attention मिलने की अवस्था में उसके अन्दर का जानवर जागृत होकर , स्त्री को अनेक प्रकार से यातनाएं देता है
  • ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

61 comments:

A.G.Krishnan said...

Yea true, there are +ve and -ve aspects attached to it.

Unknown said...

शानदार बातें कही हैं आपने. धन्यवाद्
मेरा नया ब्लॉग www.dunali.blog.com

निर्मला कपिला said...

ाच्छा विचारणीय आलेख। धन्यवाद।

OM KASHYAP said...

sahi kaha aapne
hakikat he
bahut badhiya jankari

Irfanuddin said...

very true about chatting....
every thing have its good n bad side, it depends how we use n take that....
BTW in olden days people use to talk "face to face" where as now its on facebook.....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

चेतावनी और सही दिशा दिखाती पोस्ट

अन्तर सोहिल said...

बहुत अच्छा विश्लेषण किया है जी
मैं तो कोई आवश्यक बात करने के लिये या समय एकदम खाली होने पर ही चैटिंग का प्रयोग करता हूँ।

प्रणाम

Kunwar Kusumesh said...

चैटिंग सम्बन्धी बड़ा सुगढ़, सुन्दर और सुव्यवस्थित आलेख प्रस्तुत करके आपने एक कामयाब लेखिका का दायित्व निभाया है साथ ही आलेख की अंतिम निम्न पंक्तियाँ आपके कुशल डॉक्टर होने की योग्यता का प्रमाण भी प्रस्तुत करती हैं.

"ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं"

vandana gupta said...

बिल्कुल सटीक विश्लेषण किया है…………आभार्।

आशीष मिश्रा said...

आपने चैटिंग का बहोत सही विश्लेषण किया

वैसे भी हर वस्तु गुण-दोष युक्त ही होती है आवश्यकता इस बात की रहती है कि हमें क्या चाहिए ?

आभार

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बिल्कुल सटीक पोस्ट लगाई है आपने!
हानि और लाभ दोनों ही बता दिये है!
अब यह हम पर निर्भर करता है कि
हम इन बातों की कितना अपने पर लागू कर पाते हैं!

aarkay said...

आपका लेख वास्तव में सही मार्ग दर्शन करता है. लाभ हानि का विचार कर सीमित उपयोग ही उचित है. वैसे भी
यह मामला मानसिक परिपक्वता की मांग करता हैं.
साधुवाद !

प्रवीण पाण्डेय said...

चैटिंग में मन नहीं लगता है, बहुधा समय व्यर्थ होता है।

राज भाटिय़ा said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति। इस से बचाव के तरीके भी बताने थे, लेकिन हम अभी तक बचे हे, पता नही उम्र के कारण या दुसरो का हाल देख कर, लेकिन अभी हालात इतने खराब नही.

ashish said...

हर सुविधा के अपने गुण अवगुण होते है . आपने एकदम सटीक विवरण दिया है .

Taarkeshwar Giri said...

आनंददायी है

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

चैटिंग का सही विश्लेषण किया है आपने !
विचारणीय लेख !
धन्यवाद !

Rajeysha said...

# कुछ लोग जो parasite टाइप के एवं अवसादग्रस्त होते हैं , वो पिस्सू की तरह आपके ऊपर बुरी तरह निर्भर करने लगते हैं तथा आपकी ऊर्जा एवं समय को खा जाते हैं और आप इंसानियत निभाने के फेर में स्वयं को बिलकुल अशक्त ( drained ) महसूस करने लगते हैं।
पि‍स्‍सुओं से भी इंसानि‍यत?

सदा said...

बिल्‍कुल सही कहा है आपने ...विचारणीय प्रस्‍तुति ।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

very true..........!

Unknown said...

chatting matlab cheating---
sab kuch galat batate hai---
jai baba banaras---

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

दिव्या जी ,

चैटिंग के सकारात्मक एवं नकारात्मक , दोनों पहलुओं का बहुत सार्थक विश्लेषण किया है अपने लेख में |

जीवनोपयोगी प्रस्तुति सराहनीय है |

Bharat Bhushan said...

कुछ पिस्सुओं से मेरा वास्ता पड़ा था. उनसे एक-दो बार की चैटिंग के बाद शीघ्र पीछा छुड़ाना पड़ा. कई लोग तो पहली ही बार में बच्चों, घर आदि की पूरी जानकारी माँगने लगते हैं. इनसे खबरदार रहने की आवश्यकता होती है. ये आपराधी किस्म के लोग हो सकते हैं. चैटिंग पर बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए आभार.

RAJWANT RAJ said...

avanchhit to kdm kdm pr milte hai ye to khud pr nirbhr krta hai ki unhe hm apni pridhi me ghusne se kaise roke our chaiting krte smy is bat ka pura khyal rkhe ki unhe hm jane anjane is vyvhar ke liye aamntrit to nhi kr rhe hai ?

Er. सत्यम शिवम said...

आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (26.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

Er. सत्यम शिवम said...
This comment has been removed by the author.
दिलबागसिंह विर्क said...

poornty shi

Sushil Bakliwal said...

मैं तो इसे अनावश्यक ही मानता हूँ । कभी किसी विशेष परिस्थति की बात अलग है ।

सूबेदार said...

aap bahut parishram karti hai,prerna lene yogya.

डॉ टी एस दराल said...

क्या ज़माना आ गया है । अब लोग चैट ( बात ) भी करते हैं तो बिना मूंह खोले ।
हम तो पहले से ही चैट नहीं करते । अब आप का लेख पढ़कर तो बिल्कुल भी नहीं करेंगे ।

अच्छा सन्देश दिया है दिव्या जी ।

महेन्‍द्र वर्मा said...

चैटिंग तो कभी किया नहीं, समय नहीं मिलता, रुचि भी नहीं है।
खाली समय को पुस्तकें पढने या कोई वाद्य बजाने में व्यतीत करता हूं।
आपने चैटिंग के संबंध में चेतावनी भी दे दी, सो उससे दूर ही रहूंगा।

गौरव शर्मा "भारतीय" said...

चैटिंग अच्छे सेवक के और क्रूर स्वामी की तरह है जो जैसा उपयोग करना चाहे उसके लिए वैसा ही है |

Arun sathi said...

बहुत अच्छी जानकारी..आभार

मनोज कुमार said...

सार्थक, सामयिक और एक डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की तरह लिया है इसे।

पर मर्ज़ भी तो बता ही दूं,

* कोई खास रूचि नहीं है इस रोग को पालने में
** कुछ अच्छे मित्र बनाए हैं इस रोग के संक्रमण से
*** छुपकर (INVISIBLE) रहता हूं, अतः अनावश्यक आक्रमणकारियों को जवाब नहीं देने से काम चल जाता है।

केवल राम said...

और यह आभासी दुनिया , जहाँ पर हम अपने दुःख दर्द को अभिव्यक्त करते हैं, किसी जाने अनजाने के साथ ...आपने सही कहा है .....

Atul Shrivastava said...

चैटिंग के नफा-नुकसान का सही विश्‍लेषण।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

चैटिंग से वाहियात कुछ नहीं हो सकता...(शायद)

मदन शर्मा said...

अच्छा सन्देश दिया है दिव्या जी ।
थोड़ी देरके लिए तो चैटिंग ठीक है किन्तु सारा दिन
चैटिंग करना आदमी को निकम्मा बना देता है
मै आपकी बातों से पुर्णतः सहमत हूँ ...
ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए आभार.

मदन शर्मा said...

अच्छा सन्देश दिया है दिव्या जी ।
थोड़ी देरके लिए तो चैटिंग ठीक है किन्तु सारा दिन
चैटिंग करना आदमी को निकम्मा बना देता है
मै आपकी बातों से पुर्णतः सहमत हूँ ...
ज्यादा समय चैटिंग में व्यतीत करने के कारण spondylitis , backache , headache , obesity आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
बहुत अच्छी जानकारी देने के लिए आभार.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

चैटिंग क्या, नेट ही एक नशा है..

डा० अमर कुमार said...


चार दिनों की है ज़िन्दगानी
जिसमें हरदम समय का टोटा
फिर काम का अँबार, ऎसे में
ग़र चढ़ पड़ा चैटिंग का बुखार
अल्लाह मेरी तौबा.. अल्लाह मेरी तौबा

Udan Tashtari said...

सही विश्लेषण

Udan Tashtari said...

सही विश्लेषण

Anonymous said...

bahut acchi post mam
and nice blog
thanks tocome to my blog
please come again and follow the blog for updates
http://iamhereonlyforu.blogspot.com/

amit kumar srivastava said...

analytically correct, but sometimes people get carried away and trap themselves in emotional breakdown...

सञ्जय झा said...

CHATING.......CHEATING.....

चैटिंग क्या, नेट ही एक नशा है..

PRANAM.

Dr (Miss) Sharad Singh said...

बहुत अच्छा विश्लेषण....

amrendra "amar" said...

शानदार बातें कही हैं आपने, बहुत अच्छी जानकारी..आभार

शिव शंकर said...

चैटिंग का सही विश्लेषण किया है आपने !
विचारणीय लेख !
धन्यवाद !

rashmi ravija said...

चैटिंग में अगर दोनों पक्ष समझदार हों तो यह, एक सुखद अनुभव रहता है....थोड़ा सा हंसी मजाक...थोड़ा विचार-विमर्श...और रोजमर्रा की एकरसता में थोड़ी विविधिता आती है...पर मुश्किल तब आती है जब एक पक्ष के पास समय ही समय हो..और दूसरे के पास सैकड़ों काम...फिर तो ऐसे लोगों को ब्लॉक करने के सिवा कोई चारा नहीं बचता .

मुझे तो इस वजह से याहू मेसेंजर ही डिलीट करना पड़ा क्यूंकि, वहाँ invisible के साथ buzz का ऑप्शन भी है...छुपना भी मुश्किल :)

विशाल said...

चैटिंग का बहुत सुन्दर विश्लेषण.
हानियों के बावजूद काफी उपयोगी है.
सलाम.

Dr Varsha Singh said...

विचारणीय आलेख.......

हरीश सिंह said...

आप अच्छा लिखते है, आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा.... कृपया यहाँ पर आयें और समर्थक लेखक बन उत्तरप्रदेश ब्लोगर असोसिएसन का हैसला बढ़ाएं. आप आयेंगे तो हमें अच्छा लगेगा. हम आपका इंतजार करेंगे.....


http://uttarpradeshbloggerassociation.blogspot.com

Sunil Kumar said...

सटीक विश्लेषण किया है,आभार्.....

G.N.SHAW said...

बहुत लट - पटा और चट - पटा लगा.धन्यवाद.

Anupam Karn said...

बढ़िया विश्लेषण !!

Suman said...

bahut badhiya jankari vali post.........

Sawai Singh Rajpurohit said...

आदरणीय डॉ.दिव्याजी,
नमस्कार
चैटिंग का सही विश्लेषण किया है आपने!

उस्ताद जी said...

सचेत करती सार्थक पोस्ट
अति हर चीज की बुरी होती है.

आपने लाभ और हानि दोनों ही बातें बखूबी बता दीं हैं
दिक्कत यह है कि कब कोई शौक हमारी लत बन जाती है हमें खुद ही नहीं पता चलता.

Rakesh Kumar said...

चैटिंग के गुण दोष का विश्लेशण कर अच्छा ज्ञानवर्धन कराया है आपने .बाल वर्ग के लिए तो यह बहुत घातक हो सकती है .पुरानी कहावत है 'चट्टो खोवे एक घर ,बत्तो खोवे दो घर ' यानि जिसको चाट (खाने -पीने) का ही शौक है वह तो केवल अपने घर का ही नुक्सान करेगा ,लेकिन किसी को बेवजह बतियाने की आदत है तो वह खुद का और बतियाने वाले , दोनों का नुकसान करेगा .

Anonymous said...

Риэлтор или риелтер, как же все-таки правильно?
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