कुछ बातें सिलसिलेवार---
१- भगवा वस्त्रों के साथ मुल्ली-टोपी और पोप की टोपी, कैप और हैट और पगड़ी जंचती नहीं।
२- सत्यवादियों और स्पष्टवादियों को राजनीति और कूटनीति की बैसाखी की ज़रुरत नहीं होती।
३- आरक्षण एक कोढ़ है , फिर दलितों के नाम से आरक्षण की बात क्यों की गयी ? और मुस्लिम-दलित और इसाई-दलित क्या होता है? जो जागरूक नहीं है , पढ़ा-लिखा होते हुए भी अज्ञानी है , जो राष्ट्र-हित में न सोचता हो वो सभी दलित ही तो हैं । फिर ऐसे दलितों को आरक्षण देने से लाभ क्या? अजगर करे न चाकरी, सबके दाता राम की तर्ज पर ये आरक्षण का लाभ लेते हैं और सामान्य जनता अपना हक मारे जाने पर खून के आँसू रोती है।
४- इस दलित आरक्षण से सत्ता में एक से बढ़कर बे-शऊर लोग बैठे हैं जो पूरे प्रांत का स्तर गिरा रहे हैं। सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर-प्रदेश है।
५- कौआ हो अथवा हंस, जब वो अपनी चाल बदलता है तो औंधे मुंह गिरता ही है।
६- जनता जब किसी को सर आँखों पर बैठाती है, तो उससे बड़ी अपेक्षाएं पैदा कर लेती है। उससे एक छोटी सी भी गलती होने पर माफ़ नहीं करती।
७- सनद रहे-- बड़े लोगों को छोटी सी भूल पर भी "बड़ी-सजा" ही मिलती है।
अतः, भूल से भी कोई भूल हो ना.......
वन्दे मातरम् !
.
१- भगवा वस्त्रों के साथ मुल्ली-टोपी और पोप की टोपी, कैप और हैट और पगड़ी जंचती नहीं।
२- सत्यवादियों और स्पष्टवादियों को राजनीति और कूटनीति की बैसाखी की ज़रुरत नहीं होती।
३- आरक्षण एक कोढ़ है , फिर दलितों के नाम से आरक्षण की बात क्यों की गयी ? और मुस्लिम-दलित और इसाई-दलित क्या होता है? जो जागरूक नहीं है , पढ़ा-लिखा होते हुए भी अज्ञानी है , जो राष्ट्र-हित में न सोचता हो वो सभी दलित ही तो हैं । फिर ऐसे दलितों को आरक्षण देने से लाभ क्या? अजगर करे न चाकरी, सबके दाता राम की तर्ज पर ये आरक्षण का लाभ लेते हैं और सामान्य जनता अपना हक मारे जाने पर खून के आँसू रोती है।
४- इस दलित आरक्षण से सत्ता में एक से बढ़कर बे-शऊर लोग बैठे हैं जो पूरे प्रांत का स्तर गिरा रहे हैं। सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर-प्रदेश है।
५- कौआ हो अथवा हंस, जब वो अपनी चाल बदलता है तो औंधे मुंह गिरता ही है।
६- जनता जब किसी को सर आँखों पर बैठाती है, तो उससे बड़ी अपेक्षाएं पैदा कर लेती है। उससे एक छोटी सी भी गलती होने पर माफ़ नहीं करती।
७- सनद रहे-- बड़े लोगों को छोटी सी भूल पर भी "बड़ी-सजा" ही मिलती है।
अतः, भूल से भी कोई भूल हो ना.......
वन्दे मातरम् !
.
8 comments:
sirf arkshn ki baat hui he arkshn mila nhi he ye rajniti he ynha bhoot si chale chlni pdti he sidha dil pr waar kijiye or kafi kuch aapke hatho men hi he jat naa jane kbse aarkshn ko liye bethe hen unko to arkshn mila nhi fir muslimon ko bhi nhi milega, ye baat sochiye agar arkshn milgya to neta apni rotiyan knha seken ge wese bhi abhi to bhoot kuch hona baaki he or men ynha pr ek baat btadun ki men baba ramdev ko or unke snghtn ke kafi logon ko kafi had tk janta hu dekhiye ga smye aane pr bhoot sahi hoga andr hi andr abhi bhoot kuch chl raha he kyonki jis takt ko hm hasil krna chahte hen uske liye abhi kaafi gotiyan fekni baaki hen jey maa bharti
वंदे मातरम
बिल्कुल सही कहा है आपने , बड़े लोगोँ की छोटी छोटी गलतियोँ के भी गँभीर परिणाम देश को भुगतने पड़ते हैं । भारत का इतिहास अनेक महापुरूषोँ की भँयकर भूलोँ से भरा पड़ा हैं । स्वामी रामदेव को इससे सबक लेना चाहिए ।
वाह......................
सार्थक पोस्ट................
बहुत बढ़िया.
very nice educational post... thanks alot.. how i will protect text of my blog.. i requested you kindly give the right way... Happy mother's day...
भूल से भी कोई भूल ना हो...ऐसा आचरण ऊपर बैठे लोगों को बनाना होगा...और उन्हें नियंत्रित करने के लिए ऐसी ही व्यवस्था...
आपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार १५ /५/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |
good pointer there.. but then do people listen Nooooooo
Bikram's
Post a Comment