अथर्ववेद के उपवेद "आयुर्वेद" को तो उसका समुचित सम्मान मिल नहीं पा रहा। अब चोर उचक्कों ने आयुर्वेद के एक अंग "योग" को अलोपैथी में शामिल कर लिया है। फिर लफ्फाजी क्यों करते हैं की सभी अपनी-अपनी पैथी द्वारा ही चिकित्सा करें। अलोपैथी की जहरीली दवाईयों द्वारा लाखों जानें जा रही हैं, अनेक अन्य घातक परिणाम सामने आ रहे हैं , तो स्वयं को बचाने के लिए अब MBBS में 'Yoga' शामिल कर लिया । ' चरक संहिता' पहले ही शामिल कर चुके हैं।
अरे चोरी करने और पराया माल अपना बताने से तो बेहतर है , अपनी संस्कृति, सम्पदा और धरोहर 'आयुर्वेद' में वर्णित चमत्कारिक चिकित्सा पद्धति को सम्मान दो।
Zeal
21 comments:
जब सब कुछ आयुर्वेद का मटीरियल ही अपनाना है तो अलोपैथी बंद ही कर दो न। कंटेंट हमारा और नाम तुम्हारा, यह तो सरासर नाइंसाफी है। आयुर्वेद की कमाई खाने वाले, यदि श्रेय अलोपैथ को देंगे तो इसे सहन नहीं किया जाएगा। योग और चरक संहिता आयुर्वेद की देन है। इन्हें एलोपैथी की दूकान पर बेचना आयुर्वेद का अधिकार मारना है। अलोपैथी डॉक्टर यह क्यों नहीं मान लेते कि उनकी पद्धति में कोई दम नहीं है? जब नुस्खा हमारा आयुर्वेदिक है तो पद्धति अलोपैथी कैसे हो सकती है?
MBBS में योग और चरक संहिता को जोड़ना और उसकी कमाई अलोपित को खिलाना, सरासर चोरी है।
सही कहा....
सार्थक लेख....
आडू की तस्वीर प्यारी है..(आडू ही है ना ?)
सादर.
कहते हैं कि एलोपैथी ने आरोग्य के बजाय रोग ही अधिक दिए हैं. बहुराष्ट्रीय दवा कंपनिया दुनिया पर राज कर रही हैं. ये चोरी भी करती हैं और चोरी के नियम भी निर्धारित करती हैं.
बिल्कुल सही कहा है आपने ...
बहुत सही फटकार लगाई है आपने!
दिल की बात
आसान अल्फ़ाज
absolutely you are right , but for the sake of humanity positive approaches are always required ... thanks .
सीनाज़ोरी नहीं जी, ये छीनाज़ोरी है . और इसमें कोई बुराई भी नहीं है. जब घर के लोग सोये पड़े हों तो चोर तो माल ले जायेंगे ही.....ज़रूरत है घर के लोगों को जागने की .......जय हिन्द !
भारत में सदियों से प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों का मेल एक समग्र चिकित्सा पद्धति है।
सच है, भारतीय चिकित्सा परम्पराओं का यथोचित सम्मान मिलना चाहिए।
दोष हमारा भी है, जो अपनी अमूल्य धरोहरों से उदासीन रह कर उन्हें लुटाये दे रहे हैं .
आयुर्वेद का महत्व सबको समझ आ रहा है।
MBBS में योग और चरक संहिता को जोड़ना और उसकी कमाई अलोपित को खिलाना, सरासर चोरी है।
आपने बिलकुल सही कहा,...
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
दिव्या जी, अथर्ववेद का उपवेद आयुर्वेद नहीं है। कृपया सुधार कर लें।
वेद उप वेद
ॠग्वेद आयुर्वेद
सामवेद गंधर्ववेद
यजुर्वेद धनुर्वेद
अथर्ववेद अर्थवेद
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ललित जी ,
आयुर्वेद, अथर्व-वेद का उपवेद है। यह जानकारी १०० प्रतिशत सही है। धन्यवाद।
You can go through 'History of Ayurveda' for more details.
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Atharvaved: This is the last ved consists 6000 Shlokas. It mainly contains various information about god/goddess, magic and Ayurvedic therapy. It has nine branches - Paipal, Dant, Pradant, Snaat, Saul, Bramhadal, Shaunak, Devdarshan and Charanvidh. Atharvaved is most famous for having information about Black Magic.
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पोस्ट का विषय है भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के साथ सौतेला व्यवहार और एलोपैथिक पद्धति में लगातार होती चोरी और ऊपर से सीनाजोरी। कृपया विषयांतर करने से बचें।
दिव्या जी, प्रामाणिक रुप से ॠग्वेद का उपवेद आयुर्वेद ही है। कुछ आयुर्वेदाचार्य इसे अथर्ववेद का उपवेद मानते हैं।
इसकी जानकारी यहाँ भी है - http://hindi.webdunia.com/वेदों-इतिहास-जानें/वेदों-का-इतिहास-जानें-1090902128_1.htm
@ललित शर्मा
एक व्यक्ति ने किसी की हत्या कर दी। हत्या करने में उसने बन्दूक और तलवार दोनों का उपयोग किया। अब क्या फर्क पड़ता है कि पहले गोली मारी या तलवार चलाई? हत्या तो कर दी न। उस पर ध्यान दीजिये।
यहाँ चर्चा आयुर्वेद के इतिहास की नहीं अपितु उसके अधिकारों के हनन पर हो रही है। क्या आपको मंज़ूर है कि आयुर्वेद की हत्या हो जाए और हम उसके इतिहास पर बहस करें? क्या MBBS में इन विषयों को डालकर आयुर्वेद के अधिकारों का हनन आपको दिखाई नहीं देता?
सार्थक लेख.....
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ललित जी, जो लिंक आपने दिया है , उसमें भी यही लिखा है की चरक, सुश्रुत आदि विद्वानों ने 'आयुर्वेद' को अथर्वेद का ही उपवेद माना है। जब आयुर्वेदाचार्य भी यही मान रहे हैं तो विवाद कैसा ? वैसे आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के पाठ्यक्रम में समाविष्ट "आयुर्वेद का इतिहास" में भी आयुर्वेद को अथर्वेद का ही उपवेद कहा गया है।
वैसे आपका विषय पर क्या विचार है ? आयुर्वेद का अंग "योग" को और चरक संहिता को अलोपैथी में शामिल कर लिया। कुछ दिनों बाद 'सुश्रुत संहिता' और "अष्टांग योग" को भी चुरा लेंगे। सब इनका हो जाएगा फिर आयुर्वेद का क्या बचेगा ?
इस तरह चोरी करना और अपनी धरोहर आयुर्वेद के साथ सौतेला व्यवहार कहाँ तक उचित है ?
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आयु प्रदाता है आयुर्वेद
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