UPA सरकार जो चाहती है वही होता है। उसके आगे न तो जनता की चलती है, न ही विपक्ष की। न ही डॉ कलाम की, न ही संगमा की और न ही बंगाली शेरनी की....
अपने देश में बस वही होता है जो मंजूरे 'कांग्रेस' होता है।
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा,
कांग्रेस को किसने बनाया सोचता होगा।
Zeal
अपने देश में बस वही होता है जो मंजूरे 'कांग्रेस' होता है।
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा,
कांग्रेस को किसने बनाया सोचता होगा।
Zeal
15 comments:
Akhir kuch to hai Congres mein ... 65 Saal se Jo vo chahti hai vahi hota hai ...
ख़ुदा भी आसमां से जब 'राहू' को देखता होगा
इसे किसने बनाया सोच कर सिर पीटता होगा
ख़ुदा इस बात को लेकर चिंतित हैं :)
sahi kah rahi hai
सुनील जी , कांग्रेसियों ने खुदा की सत्ता को भी हिला कर रख दिया है। इन गद्दारों को ऊपर बुलाने में भी डरता है ...:):)
जब हमने आपने नहीं बनाया तो ज़रूर इसमें खुदा का ही हाथ होगा!!!!!
:-)
अनु
यूपीए और एनडीए । एनडीए में भी भाजपा के सिवाय सभी यूपीए जैसे ही है । इसमेँ बने रहकर भाजपा ने अपनी पहचान और मुद्दों को भुला दिया है । ब्लैकमेल होना इसकी नियति बन गई है । भाजपाईयोँ को भी सुविधाभोगी राजनीति की आदत हो गई है । इसने यूपीए का काम आसान कर दिया है ।
यूपीए और एनडीए । एनडीए में भी भाजपा के सिवाय सभी यूपीए जैसे ही है । इसमेँ बने रहकर भाजपा ने अपनी पहचान और मुद्दों को भुला दिया है । ब्लैकमेल होना इसकी नियति बन गई है । भाजपाईयोँ को भी सुविधाभोगी राजनीति की आदत हो गई है । इसने यूपीए का काम आसान कर दिया है ।
भगवान टेंसन में हैं
जितनों को उसने बनाया वह सोचता होगा .... वैसे जमीनी हकीकत यह है की दूध का धुला कोई नहीं है ... आभार
खड़ी खुदाई मंत्रमुग्ध, सकल देवगण व्योम ।
एक बार दिल्ली तकें, ताक रहे फिर रोम ।
ताक रहे फिर रोम, सकल कुल नेहरु गाँधी ।
ब्रह्मलोक हथियाय, नियन्ता बुद्धि बाँधी ।
किंकर्तव्यविमूढ़ , देव गौड़ा की नाई ।
आँख मूंद मन मौन, नशे में खड़ी खुदाई ।।
बिल्कुल सही कहा ...
कांग्रेस को जनता ने बनाया है, उसे गद्दी पर बिठाया है ....
और जब जनता चाहेगी उसे वहाँ से उतार ही देगी ...
लोकतंत्र की शक्ति हर किसी से बड़ी है ...
बस देखते जाइए ...
आगे आगे होता है क्या ..
पिक्चर अभी बाकी है ...
ये जरुर खुदा का ही कमाल होगा..लेकिन अब पछता रहा होगा.....
सहमत हैं ||
बहुत बढ़िया प्रश्न ||
http://dineshkidillagi.blogspot.in/2012/07/blog-post_1844.html
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