Sunday, January 30, 2011

एक मुलाक़ात - बुढापे के साथ

उम्र बढ़ने के साथ ही बुजुर्गों में बहुत से शारीरिक , मानसिक और क्रियात्मक बदलाव होने लगते हैं तथा शारीरिक क्रियाएं धीमी पड़ने लगती हैंकोशिकाओं का क्षय होने लगता है तथा रोगग्रस्त कोशिकाएं बनने लगती हैंसंरचनात्मक बदलाव होने के कारण कुछ अंग सिकुड़ने लगते हैं तो कहीं prostate जैसे अंग बढ़ने लगते हैंआर्थिक रूप से अशक्त तथा अनियमित भोजन की आदत वालों में भी बुढ़ापे का असर शीघ्र दिखने लगता है

बुढापे की अवस्था में -
  • पेट से स्रावित होने वाले जूसों का स्राव कम हो जाता है तथा आंत्र की गति धीमी हो जाती है
  • वृक्कों ( किडनी ) की क्रियाशीलता धीमी हो जाती है
  • होरमोंस द्वारा संचालित होने वाली क्रियाएं कम हो जाती हैं
  • आँखों की रौशनी कम होने लगती है तथा Cataract (मोतियाबिंद) और Glaucoma जैसी बीमारियाँ होने की संभावना ज्यादा होती हैं
  • व्यक्ति की श्रवण क्षमता कम होने लगती तथा जबान का स्वाद बदल जाता है
  • त्वचा रूखी हो जाती है तथा उस पर झाईं या धब्बे आने लगते हैं
  • चेहरे पर हलके रोयें आने लगते हैं
  • स्वस्थ कोशिकाओं के निरंतर क्षय होने के कारण arthritis , pneumonia , कैंसर , मोटापा आदि रोग हो जाते हैं तथा शारीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है

  • उच्च रक्तचाप - बढती उम्र के साथ उच्च रक्तचाप ( high BP ) होना एक बड़ी समस्या हैयदि ६० वर्ष केऊपर के व्यक्ति में रक्तचाप १६०/९० से ऊपर हो तो उसे 'hypertension' का मरीज समझियेइसके लक्षण हैं - सरदर्द, जी मितलाना , चक्कर आना , सांस फूलना , पैरों में सूजन , छाती में दर्द होना आदि
    -
  • मोटापा- दुबला होना कोई समस्या नहीं है , लेकिन मोटापा बहुत से रोगों कों निमंत्रण देता हैजैसे - arthritis , उच्च रक्त चाप , मधुमेह ( Diabetes mellitus ) , high cholestrol, पथरी , fungal infectionआदिस्त्रियों की तुलना में , पुरुषों में मोटापा ज्यादा खतरनाक होता है
  • मधुमेह ( Diabetes mellitus )- काम-काज करना , मोटापा, मानसिक तनाव तथा steroids आदि दवाओं के सेवन से मधुमेह होने का ख़तरा रहता हैजिसके कारण कभी कभी अन्धता, किडनी बेकार हो जाना , heart attack , पक्षाघात आदि होने का ख़तरा रहता है
  • Heart attack - यदि ह्रदय कों रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है या फिर रुधिर वाहिकाओं में रक्त के थक्कों के कारण अवरोध होने से दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती हैइसके लक्षण हैं - छाती में तीव्र वेदना होना जो बायीं भुजा तथा कन्धों की तरफ बढती है , बहुत पसीना होना तथा वमन होना
  • पक्षाघात ( paralysis)- कभी कभी रुधिर वाहिनियों से रक्त बहने , थक्का होने अथवा किसी प्रकार का अवरोध होने की स्थिति में मस्तिष्क कों रक्त कम पहुंचता हैऐसी स्थिति में पक्षाघात होता है तथा शरीर का एक हिस्सा कार्य करना बंद कर देता है
  • पेप्टिक अल्सर - वृद्धावस्था में आँतों का mucosal resistance कम हो जाने के कारण तथा एसिडिटी बढ़ने के कारण , पेप्टिक अल्सर होने का खतरा होता है , जिसके कारण तीव्र पेट दर्द तथा रक्त-वमन होने की शिकायत हो जाती है
  • कब्ज़ ( constipation )- व्यायाम करने से , भोजन में फाइबर की कमी से तरल पदार्थों के कम सेवन से कब्ज़ हो जाता है जो आगे चलकर piles नामक रोग पैदा करता है
  • इस उम्र में arthritis, हर्निया , piles , gall bladder stones , प्रोस्टेट का बढ़ जाना ( पुरुषों में ), गर्भाशय में ट्यूमर , osteoporosis , fracture , मूत्र सम्बन्धी विकार आदि , आम समस्याएं हैं
सामान्य चिकित्सा -
  • तरल पदार्थों का खूब सेवन करें
  • भोजन में फाइबर वाले तत्वों कों शामिल करें
  • दिन में कम से कम एक फल और एक गिलास दूध लें
  • नियमित व्यायाम करें ( इससे cholestrol नहीं होगा, रक्त चाप सही रहेगा, शुगर नहीं बढ़ेगी , कब्ज़ नहीं होगा तथा अच्छी नींद आएगी ,
  • सुबह शाम ४० से ६० मिनट तक यथा शक्ति तेज़ चाल से चलें
  • कैल्शियम का उचित सेवन करें
  • नियमित आँख और ENT जांच काराएं ताकि Cataract , Glaucoma तथा impaired hearing से बचा जा सके
  • वर्ष में एक बार पूरी जांच अवश्य करायेंइससे early diagnosis बनती है तथा रोगों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है
कुछ ध्यान देने योग्य बातें -
  • बुजुर्गों के रोग एवं चिकित्सा कों एक अलग शाखा geriatrics में डील करते हैं क्यूंकि इनके रोग , निदान , चिकित्सा तथा सामाजिक समस्याएं थोड़ी भिन्न होती हैं
  • बुजुर्गों का psychological attitude अक्सर चिकित्सक कों सही निदान करने में अवरोध डालता है
  • वे अपनी परेशानियों कों छुपाने का प्रयास करते हैं , जिसके कारण वे स्वयं कों और भी ज्यादा कष्ट देते हैंतथा early diagnosis बनने में देर हो जाती है
  • कभी कभी ऊंचा सुनने की स्थिति में या अवसाद की स्थिति में बुज़ुर्ग ठीक से संवाद नहीं कर पातेऐसी स्थिति में चिकित्सक का व्यवहारिक अनुभव काम आता है
  • बुजुर्गों में दवाओं का side effect ज्यादा होता है , इसलिए बुज़ुर्ग लोग कृपया चिकित्सक की सलाह पर ही दवाएं लें , क्यूंकि side effect , मर्ज से भी ज्यादा घातक हो सकते हैं
  • उचित पौष्टिक भोजन अच्छे स्वास्थ के लिए सबसे जरूरी है

77 comments:

Sushil Bakliwal said...

उपयोगी जानकारी व सुझाव.

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर रचना .. उम्र बढने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य पर अधिक ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होती है !!

प्रवीण पाण्डेय said...

आच्छा हुआ आपने पहले ही आगाह कर दिया, यह मुलाकात पोस्टपोन कर देते हैं।

Satish Saxena said...

डरा दिया डॉ मैडम !
चलिए यह बताइए बुढ़ापे की उम्र क्या है और जब यह मिले तो कैसे पहचानूँगा ..???

विशाल said...

बहुत ही उम्दा जानकारी . आप ने गागर में सागर भर दिया है.शुभ कामनाएं.

Kunwar Kusumesh said...

बहुत अच्छी,जानकारीपरक तथा ज्ञानवर्धक पोस्ट.

ZEAL said...

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सतीश जी ,

बुढापे की कोई उम्र नहीं होती । यदि हम अपने शरीर रुपी मंदिर का पूरा-पूरा ख़याल रखें तो बुढापा ८० तक भी पास नहीं फटकेगा लेकिन अपने स्वास्थ्य का समुचित ध्यान न रखने की स्थिति में ४० पर ही अनेक व्याधियों का शिकार हो सकते हैं।

अब ये निर्णय अपने ऊपर है कि हम , कब तक स्वस्थ्य और युवा बने रहना चाहते हैं।

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Bharat Bhushan said...

आपने बूढ़े ब्लॉगरों का ज्ञानवर्धन किया है. अब वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे और आपकी नई पोस्ट्स पर ऊर्जापूर्ण टिप्पणियाँ लिखा करेंगे :))
इस आलेख को मैं संभाल कर रख रहा हूँ.

डॉ टी एस दराल said...

इसे पढ़कर तो सचमुच सब डर जायेंगे दिव्या ।
लेकिन हम डरकर ही सोचने पर मजबूर होते हैं ।
वैसे भी कहते हैं कि ज़वानी तो पानी के बुलबुले की तरह होती है ।
इसलिए अभी से ध्यान देना ज़रूरी है ।
लाभकारी पोस्ट ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत अच्छी जानकारी ....ज्ञानवर्द्धक और ध्यान देने योग्य

A.G.Krishnan said...

But still, their experience and blessings will always leads us to right path.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

मैं तो डर गया...

Deepak Saini said...

बुढापे के बारे मे बहुत अच्छी पोस्ट
आभार

संजय भास्‍कर said...

उपयोगी जानकारी........ज्ञानवर्धक पोस्ट.

एस एम् मासूम said...

बुढ़ापा खुद एक बीमारी है.. इस से अधिक कहने की आवश्यकता नहीं. बेहतर खान पान से बुढ़ापे की तकलीफ को कम किया जा सकता है

समयचक्र said...

bahut hi upayogi janakari hai ... age kaam ayegi ..abhaar

सुज्ञ said...

लगता है यह सारे लक्षण हममें उभरने के कगार पर है।:)
आत्मविश्वास ही हमारे हाथ है,बाकि जो कुदरत का काम है,कोई नहीं रोक सकता।

सोमेश सक्सेना said...

अच्छी जानकारी है। स्वास्थ्य के प्रति आगाह करता लेख।

पी.एस .भाकुनी said...

बहुत अच्छी जानकारी ....
आभार

अजय कुमार said...

उपयोगी जानकारी ,आभार

amit kumar srivastava said...

but 'sixty' is new 'forty'!!!!!!!!

G Vishwanath said...

अभी तो हम जवान हैं!
६२ भी क्या कोई आयु होती है?

अच्छा लगा सतीश सक्सेनाजी को दिए हुए उत्तर पढकर।
खयाल रखेंगे

शाकाहारी हूँ, सिगरेट, शराब, तम्बाकू से दूर रहता हूँ। कभी चखा भी नहीं।
रोज हलके और आसान योग के आसनों का अभ्यास करता हूँ
कुछ समय प्राणायम भी करता हूँ और ४५ मिनट टहलता हूँ।
दिमाग को सक्रिय रखता हूँ आपके और अन्य ब्लॉग जगत के मित्रों के लेखों को पढकर।
बस अचानक पिछले अप्रैल में दिल का हलका सा दौरा पडा था
अन्जियोप्लास्टी करवाई और अब बिलकुल ठीक हूँ।
आपकी बातों का खयाल रखेंगे।
यही बात हमारे विशेषज्ञ से सुनने पर ५०० रुपयों का चूना लग लग जाता है।
धन्यवाद और शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

बडा भयंकर होता है बुढापा... हम झेल रहे हैं ना :)

१०६ वर्षों की एक बुढिया ने कलक्टर से आज्ञा मांगी है उसे इच्छामृत्य की इजाज़त दी जाय क्योंकि उसके पोते उसे खाना भी नहीं दे रहे हैं :(

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

सीधी सी बात.. गाड़ी के सारे पुर्जे जबाव देने लगते हैं...

Irfanuddin said...

informative post.... its useful for someone like me who is on the verge of entering into this stage
”poor sanyiaa@APNIBOLI”

राज भाटिय़ा said...

अजी कोई डर नही हम तो अभी भी जवान हे, ५५ मे भी, बस एक बार दिल का झटका पडा था, बाकी आज तक कोई प्रेशानी नही आई, मेरा तो यही मनाना हे कि अगर हम खाना शुद्ध खाये, यानि कोई मिलवट ना हो ओर थोडा ध्यान रखे तो हम ८० साल तक जवान रह सकते हे,
बहुत सुंदर जानकरिया दी आप ने, बहुत से लोगो के काम आयेगी, ओर इन जानकारियो से हम आने वाली बिमारियो से भी बच सकते हे

महेन्‍द्र वर्मा said...

अत्यंत उपयोगी आलेख। इस जानकारी को अमल में ला कर हम अपने आप को बुढ़ापे में भी चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं।
चिकित्सकीय सुझाव के लिए आभार,दिव्या जी।

अजय कुमार झा said...

बहुत ही काम की जानकारी देती पोस्ट डा साहिबा । शुभकामनाएं । यूं ही विचार बांटती रहें

मैं.. और, ब्लॉगर ? said...


अपुन के लिये तो अभी दिल्ली दूर है, 55 की उम्र भी कोई उम्र होती है ?
अभी तक तो मैं दूध-बिस्कुट खाता था, और पिछले ही हफ़्ते तो खिचड़ी से मेरा अन्नप्राशन हुआ है !
पण अपुन का इँडिया में डॉक्टर के लाले हैं, जेरियाट्रिक्स वालों के लिये मँहगे शहरो की तरफ़ तो न भागना पड़ेगा ?
मोहल्ले वाले हँसेंगे कि बुढ़ऊ की मौत आयी, सो शहर की तरफ़ भागता है, अपुन ज़मीन का आदमी जिसके वास्ते दिल्ली दूर है ।

Minakshi Pant said...

अच्छी जानकारी के लिए शुक्रिया दोस्त !

केवल राम said...

लाभदायक जानकारी ...आखिर डॉ हैं ना

वीना श्रीवास्तव said...

अच्छी जानकारी, वाकई बढ़ती उम्र के साथ और खासकर मोटापे के कारण कई और परेशानियां बढ़ने की पूरी गुंजाइश रहती है...

ZEAL said...

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Vishwanath ji ,

yes I agree , pranayaam , asanas , anulom-vilom etc are very helpful in keeping healthy.

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Rakesh Kumar said...

Shareer ke budhape ke baare me jo aapne bimario,
unke bare me aayasak barti janewali savdhanio ke bare me bataya yeh aapki udaar aur paropkari
mansikta ka parichayak hai.Shareer ke budhape ke
alawa man-buddhi ke budhape se kaise bacha jaye,kaise hamesa prasann rahe, is per bhi yadi likhe to aabhar hoga.

Asha Lata Saxena said...

बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने| आभार
आशा

Sushil Bakliwal said...

दिव्याजी,
आपके ब्लाग पोस्टों के लिये एक सुझाव-
जब भी आप मैटर पोस्ट करती है उस समय पूरे मैटर को सिलेक्ट करके लिंक से आगे चौथे नंबर के बटन पर जो HTML के नीचे दिखता है और जिस पर माऊस जाने पर संरेखण लिखा हुआ दिखता है उसे क्लिक करने पर चार-चार लाईन के चार सांकेतिक पेरेग्राफ दिखेंगे । उसमें सबसे नीचे के पेरेग्राफ को आप सिलेक्ट कर दिया करें इससे जहाँ लाईन खत्म होती है उसकी बडी-छोटी समाप्ति के बजाय सभी लाईनें एक जैसी सीमेन्ट्री में बन्द होती चली जाएंगी और आपका मैटर खूबसूरत दिखेगा । प्रयोग के तौर पर आप पहले मेरे किसी भी ब्लाग की लाईनों की सेटिंग देखलें फिर इस तरीके से इसी या इसके पहले की पोस्ट पर ये प्रयोग करके देख लें ।
इस सुझाव को टिप्पणी में नहीं रखेंगी तो भी चलेगा और यदि रखेंगी तो दूसरे अनजान ब्लागर भी इस विधा का लाभ ले सकेंगे ।

दिलबागसिंह विर्क said...

gyanvardhak aalekh

Patali-The-Village said...

बहुत अच्छी जानकारी|ज्ञानवर्द्धक और ध्यान देने योग्य| आभार|

vijaymaudgill said...

divya ye apka artical parh kar bahut accha laga aur bhagwaan ki kripa c abhi yuva hu aur koshish yahi rahegi ki ta-umar yuva hi rahu. ho sake to agla artical dipration par likhiyega aur aaj k daur main insaan par sharirik bimariya ki apeksha mansik bimariya zyada apna dera jamaye huye hai. ummeed hai jald hi aap iske bare main bhi likhengi

Rohit Singh said...

ये पोस्ट मेरे लिए नहीं है..इसलिए नहीं पढ़ी है..(हीहीहीहीही) भविष्य की सोचता नहीं वरना वर्तमान की ऐसी तैसी हो जाएगी(अब दिमाग चलने लगे तो मेरा बस नहीं है..हीही)
वैसे भी 36 की उम्र .
जैसे सर्दी की चढ़ती धूप
जेठ की सुबह..
दिन का उजाला
मंदिर में शुरु हुआ जलता दिया
जैसे जैसे जैसे जैसे....अब इससे आगे नहीं..

वाणी गीत said...

मगर आजकल बहुत कम उम्र मे भी वृद्धावस्था के लक्षण दिखने लगते हैं ...वातावरण और अशुद्ध मिलावटी भोजन के साथ खान पान की आदतें भी असर डालती है ...

बहुत उपयोगी जानकारी ...

ZEAL said...

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सुशील जी ,
आपने बहुत अच्छा सुझाव दिया है । शीघ्र ही इसको अमल में लाऊंगी । तकनीकी रूप से बहुत अशक्त पाती हूँ स्वयं कों । समीर जी की मदद से शीघ्र ही सीख लूंगी यह भी । निश्चित ही लेख बेहतर दिखेगा इस प्रकार से। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

.

सूबेदार said...

एक अच्छ सुझाव है और प्रयास भी बहुत अच्छा हमारे जीवन में उपयोगी.

रश्मि प्रभा... said...

aap to kamaal ka gyaan deti hain ...

ashish said...

सार्थक और अति प्रभावशाली पोस्ट . बहुत सारी नई जानकारिया मिली . आभार

उपेन्द्र नाथ said...

दिव्या जी, बहुत ही सही बातें बताई है आपने. सच अगर इन बातों का ख्याल रखा जाय तो काफी हद तक बुढ़ापे में भी तमाम बिमारीयों से राहत पाई जा सकती है.

Arvind Jangid said...

अच्छे सुझाव, मैंने भी नोट कर लिए हैं. आभार.

मनोज कुमार said...

सारे लक्षण आ गए हैं।
आपने तो डरा दिया।
पर ज़िन्दा रखने के लिए डराना भी ज़रूरी है।
देखूं कुछ सावधानी बरत सकता हूं कि नहीं।

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

itni upyogi jankari ke liye bahut-bahut dhanyvad.

Darshan Lal Baweja said...

उपयोगी जानकारी व सुझाव.

सुधीर राघव said...

उपयोगी जानकारी व सुझाव. बहुत ही सही बातें बताई है

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) said...

दिव्या जी, बहुत ही सही बातें बताई है आपने. सच अगर इन बातों का ख्याल रखा जाय तो काफी हद तक बुढ़ापे में भी तमाम बिमारीयों से राहत पाई जा सकती है. अच्छे सुझाव बहुत सारी नई जानकारिया मिली . आभार

शोभना चौरे said...

दिव्याजी
बहुत ही उयोगी जानकारी है |
बहुत सी चीजे जानते हुए भी कुछ आलस्यवश ,और कुछ सचमुच समयाभाव के कर्ण नहीं कर पाते हम लोग |
और उस पर आजकल की खान पान वस्तुए ?
फिर भी इस तरह के आलेख बार बार पढने से अपने दैनिक चर्या में बदलाव तो ला ही सकते है ?
आभार

धीरेन्द्र सिंह said...

धन्यवाद, बहुत काम की जानकारियां मिली.

वीरेंद्र सिंह said...

दिव्या जी...आप इस अत्यधिक उपयोगी लेख के लिए निश्चय ही बधाई की पात्र हैं। स्वास्थय के संबध में हर एक को सतर्क रहने की ज़रुरत होती है।

VIVEK VK JAIN said...

thanku Dr.

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

Atyant mahatwpurn aur upayogi jaankariyon ka khazana hai aapka lekh.
Aabhaar.

Rahul Singh said...

अक्‍सर ओझल हो जाने वाली बातों की ओर ध्‍यान दिलाया आपने.

rashmi ravija said...

वे अपनी परेशानियों कों छुपाने का प्रयास करते हैं , जिसके कारण वे स्वयं कों और भी ज्यादा कष्ट देते हैं। तथा early diagnosis बनने में देर हो जाती है।

बुजुर्गों के साथ यह सबसे बड़ी समस्या है...वे अपने बच्चों को परेशान नहीं करना चाहते और मर्ज़ बढ़ता जाता है
एक उपयोगी पोस्ट

smshindi By Sonu said...

आपका यह लेख बहुत अच्छा लगा ...

Sunil Kumar said...

सतर्क रहने की ज़रुरत...
उपयोगी लेख के लिए निश्चय ही बधाई की पात्र हैं।

shikha varshney said...

Gyaanvardhak dhyaan dene yogy baaten...achhee post.

Kailash Sharma said...

बहुत ही उपयोगी जानकारी..आभार

देवेन्द्र पाण्डेय said...

आपका यह लेख बहुत अच्छा लगा।

Sushant Jain said...

Very Informative post...

निर्मला कपिला said...

दिव्या ये मेरे लिये पोस्ट लिखी? मगर मैं तो अभी 61सठ साल की जवान हूँ इसे उलट कर देखो 16 नज़र आयेंगे। बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद।

शिवा said...

बहुत सुंदर रचना ..

Udan Tashtari said...

ज्ञानवर्धक पोस्ट, काम की जानकारियां.

अशोक सलूजा said...

Dr.sahiba
बड़ी अच्छी जानकारी वर्तमान बुडापे के लिए ,और भविष्य मैं आने वाले बुडापे के लिए चेतावनी के रूप मैं क्यों कि जवानी ने गुजरना तो यहीं से है |वरना: बचपन ने सुनी नही ,जवानी ने कहने न दिया
बुडापा केह नही सकता ...
बहुत खुश रहिये |
धन्यवाद !

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