थुरूर की नौटंकी --"बलात्कार पीडिता का नाम और तस्वीर सार्वजनिक किया जाए! "
इनकी गर्ल-फ्रेंड को कोई 50 करोड़ की कह दे तो भी तकलीफ होती है और दूसरों की बहन बेटियां नाम और तस्वीर के साथ बलात्कारी का टैग लगवाएं!
अत्याचार और बलात्कार की शिकार लड़की को शहादत का नाम दिया जाएगा! उसके नाम पर क़ानून बनेगा ! अरे कौन सा माँ-बाप होगा जो गर्व से कहेगा--"देखो-देखो मेरी बेटी का बलात्कार हुआ है और उसके नाम पर क़ानून बना है"
थुरूर को क्या समझ आएगा की ऐसी दुर्घटनाओं में परिजन क्या जिल्लत झेलते हैं ! इन्हें तो अपने विदेशी शैम्पू वाले बाल लहराकर एक डायलौग मारना है बस ! वास्तविकता से परे मूर्खतापूर्ण बयानबाजियां!
Zeal
6 comments:
मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने कि कोशिश है ,कानून कड़ा होना चाहिए नाम में क्या रखा है !!
YES, I AGREE WITH YOU ON THIS POINT.
थुरूर की नौटंकी
ZEALपरZEAL - 8 घंटे पहले
थुरूर की नौटंकी --"बलात्कार पीडिता का नाम और तस्वीर सार्वजनिक किया जाए! " इनकी गर्ल-फ्रेंड को कोई 50 करोड़ की कह दे तो भी तकलीफ होती है और दूसरों की बहन बेटियां नाम और तस्वीर के साथ बलात्कारी का टैग लगवाएं! अत्याचार और बलात्कार की शिकार लड़की को शहादत का नाम दिया जाएगा! उसके नाम पर क़ानून बनेगा ! अरे कौन सा माँ-बाप होगा जो गर्व से कहेगा--"देखो-देखो मेरी बेटी का बलात्कार हुआ है और उसके नाम पर क़ानून बना है" थुरूर को क्या समझ आएगा की ऐसी दुर्घटनाओं में परिजन क्या जिल्लत झेलते हैं ! इन्हें तो अपने विदेशी शैम्पू वाले बाल लहराकर एक डायलौग मारना है बस ! वास्तविकता से परे मूर्खतापूर्ण बयानबा... अधिक »
कोंग्रेस सोनिया की ऐसे ही नौटंकी बाजों का जमा जोड़ है .निचोड़ है जिन्हें यह नहीं पता कब क्या बोलना है जो बोला जा रहा है उसका मतलब क्या है .एक प्रवक्ता नुमा मंत्री हैं जो मंत्री बनने के बाद भी बोलने को जब तब आतुर रहतें हैं ये सूचना और प्रसारण मंत्री हैं .एक क़ानून मंत्री थे जो कानून में सेंध लगाके विकलांगों की बैसाखियाँ भी खा गए इन्हें इसी काबलियत को देखते हुए , विदेश मंत्री बना दिया गया .
THURUR KA SURUR UTARNE VALA NAHI LAGTA,SAMJH PANA BADA MUSHKIL HAI ESE,YE N JANE KAISA AADMI HAI...SUNDAR
जिसकी अंगुली दबती है दर्द उसे ही होता है...व्याख्या ...और समालोचना करने वाले क्या जाने उस दर्द को..कैटल क्लास कहना कितना आसान है और उस क्लास में जीना कितना मुश्कित. बेशक ये संवेदनहीनता ही है. काश ये लोग पीड़ा और मज़बूरी को समझ सकते !
सीता और द्रौपदी को भी आदर्श माना जाता है ,,, ना की उन्हें इसलिए याद किया जाता है की उनका हरण हुआ था या चीर हरण हुआ था, और अगर ये भी जिक्र होता है तो दोष रावण और दुर्योधन को ही दिया जाता है।
हमारे मुल्क की परंपरा में उन्हें देवी कहा गया,,ना की ये की उनका वस्त्र उतारे गए थे या उनका अपहरण हुआ था।
लोगो का उस लड़की के प्रति प्यार आप इस बात से समझ सकती है की उसे एक काल्पनिक नाम देकर उसके लिए संघर्ष किया गया और हर शहर और गाँव में उसके लिए प्रदर्शन हुए।अगर उस लड़की का नाम सार्वजनिक होता है या उसके नाम पर एक नया कानून बनता है तो ये उसके प्रति सच्ची श्रध्हांजलि होगी,
लेकिन उसके बाद भी लोग उसे एक बलात्कार पीडिता के नाम से बुलाये तो ये उन लोगो की कमअक्ली और गन्दी सोच ही कही जा सकती है .
आखिर हम लोग उस देश और संस्कार के लोग है जहा ये कहा जाता है ....की चंद्रशेखर आज़ाद शहीद हुए थे ...ये नहीं की "उन्होंने आत्मह्त्या करी थी "
उम्मीद है आप थरूर के बारे में बिना किसी पूर्वाग्रह के उसकी सही बात का समर्थन करे।
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