Wednesday, November 24, 2010

महिलाओं और युवाओं का जोश काबिले तारीफ़ -- जय बिहार ! जय भारत !

आज की जनता जागरूक हो गयी है उसे नेताओं के झूठे वादों पर ऐतबार नहीं रह गया है वो विकास चाहती है। और बिहार के चुनाव परिणामों ने ये साबित कर दिया है की आम जनता को अपना नेता परखने की शक्ति है। बिहार में जिस तरह महिलाओं और युवाओं ने अपना सही नेता चुनने में जोश के साथ भागीदारी दिखाई है , वो काबिले तारीफ़ है।

लालू की मसखरी वाली भाषा और अंदाज़ के दिन लद गए हैं। जनता को विकास चाहिए विदूषक के वादे नहीं।

नितीश जी को उनके द्वारा किये गए विकास ने जबरदस्त जीत दिलाई। सत्ता में आते ही उन्होंने बिहार की रूप-रेखा ही बदल दी

  • जहाँ बिहार में पब्लिक सैनिटेशन सही नहीं था और लोग अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक नहीं थे वहीँ उन्होंने हर प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैय्या करा दीं।
  • बिहार जो एक बाढ़ पीड़ित राज्य है , में बाढ़ से निपटने का भरपूर इन्तेजाम हो गया।
  • लोग मुफ्त किताबें और मुफ़्त राशन बांटते हैं, नितीश जी ने हर लड़की जो स्कूल पढने जायेगी , को मुफ़्त साईकिल बंटवाई । एक नयी और बेहतरीन सोच !
  • स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में वृद्धि की जिससे शिक्षा का सही प्रचार प्रसार हो सके।
  • बिहार राज्य में जहाँ सिंचाई तथा पेय जल-व्यवस्था ठीक नहीं थी , वहाँ अब कोसी नदी से भरपूर जल खेतों खलिहान को मिल रहा है और आम जनता भी शुद्ध पेय जल पा रही है।
  • बिहार में पहले अच्छी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उचित शिक्षा नहीं थी , वहीँ अब IIT , IAS तथा PCS के लिए कोचिंग संस्थान खुल गए हैं। इस वर्ष तो बिहार से तकरीबन ४५ छात्र IIT तथा २५ छात्र IAS में चयनित हुए हैं । अब समय पर परीक्षाएं होती हैं , तथा रेसल्ट भी आते हैं। प्रशंसनीय प्रयास हैं ये।
  • बिहार जहाँ क्राइम बहुत ज्यादा था, लोग सुरक्षित नहीं महसूस करते थे , तथा अपनी सम्पति बेंचकर बड़े शहरों की तरफ पलायन कर रहे` थे , वहां आज Law and Order है । लोग सुरक्षित महसूस करते हैं। स्त्रियाँ निर्भय होकर अकेले आ जा सकती हैं। गुजरात के बाद बिहार में ही इतनी अच्छी सुरक्षा व्यवस्था है। नितीश जी के विकास कार्यों को नमन।
नितीश जी को उनकी इस सफलता के लिए बधाई एवं बिहार की जनता को शुभकामनायें !


49 comments:

Anonymous said...

दिव्या जी
आज तो बस मिठाईयों का ही दौर चल रहा है | सुबह से बड़ा ही व्यस्त था, बधाई पर बधाई सन्देश प्राप्त हो रहे हैं मेरे घर से विधानसभा सीट से एक बार फिर मेरे पिताजी के मित्र जीते हैं और ये जीत सच्चाई की जीत है..
विकास की जीत है...
आज तो बस पूछिए ही मत....

केवल राम said...

विकास प्राथमिकता है ..आम व्यक्ति को लाभ मिलना चहिये सरकार की योजनाओं का ...लोकतंत्र की परिभाषा ही यही है ..आज बिहार की स्थिति बदली है .....शुक्रिया ..सार्थक पोस्ट

Deepak Saini said...

हमारे देश को इसी क्रान्ति की जरूरत है

प्रवीण पाण्डेय said...

विकास जीत गया है आज।

Rajesh Kumar 'Nachiketa' said...

लालू जी का वही हाल हो गया जो होना चाहिए था...
रहिमन आह गरीब की कभी ना खाली जाए, मरे खाल की सांस सो लौह भसम होई जाय.
नितीश जी को शुभकामना.

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सोच और चयन का सुखद बदलाव

डा० अमर कुमार said...
This comment has been removed by the author.
राम त्यागी said...

चलो अच्छा है कि लालू और राहुल बाबू दोनों को सबक मिला ...अब देखते हैं कि नितीश कैसे खरे उतर पाते हैं ..अभी तक तो लालू के काले राज का बहाना था पर अब तो खुद से ही उनकी तुलना होगी !!

ZEAL said...

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डॉ अमर ,

मैंने पिछली कई पोस्टों पर देखा है की आप मीन-मेख निकालते हैं। ये पोस्ट क्यूँ लिखी गयी ये आप नहीं आप समझेंगे। क्यूंकि आपकी रूचि किस तरह के लेखों में है [लेखक rather ] वो आपकी टिप्पणियां ब्लॉग जगत पर पर पढ़कर समझ आने लगा है।

आपको मेरे हर लेख पर अनावश्यक आपत्ति होने लगी है । मैं कायस्थ पर लिखूं तो भी , भ्रष्टाचार पर लिखूं तो भी, धर्म पर लिखूं तो भी , राजनीति पर लिखूं तो भी । आपकी और मेरी सोच में शायद कोई मूलभूत अंतर है , इसलिए आपको मेरे लिखे लेखों से कभी संतोष नहीं मिलेगा। इस बात का मुझे खेद रहेगा।

एक प्रश्न आपसे भी --

यदि आपको किसी लेख के लिखने का औचित्य नज़र नहीं आता तो फिर आप उस लेख पर जबरदस्ती टिपण्णी लिखते ही क्यूँ हैं ? क्या आवश्यकता है आपको अनावश्यक टिपण्णी लिखने की ?

मैंने बकरीद वाली पोस्ट पर आपकी पांच टिप्पणियाँ मोडरेट कर दीं क्योंकि आपने कोई कसर नहीं छोड़ी थी हिन्दू और मुसलमान को भड़काने में। शान्ति और सौहार्द्य बना रहे इसके लिए आपकी टिपण्णी पब्लिश नहीं की गयी थी।

मैंने पहले भी लिखा है अभद्र भाषा तथा गलत agenda वाली टिप्पणियां मोडरेट कर दी जायेंगी।

डॉ अमर आपकी व्यंगात्मक तथा नकार्मक टिप्पणियों को काफी बर्दाश्त कर चुकी हूँ। अब और नहीं। कहीं आप लौह महिला, कहीं बहनजी आदि कहकर दुसरे लेखों पर मेरा मखौल बनाते हैं। आपकी उम्र पर ये शोभा नहीं देता।

अपनी टिप्पणियों में थोड़ी गरिमा बनाये रखें तो बेहतर होगा।

मुझे ज्यादा अपेक्षा न रखें। मेरे लेखन का यदि स्तर है। आप जैसे कुछ लोगों को नकारात्मक टिपण्णी करके लेखक का मनोबल नीचा करना ही अच्छा लगता है। इसलिए सोच समझ कर टिपण्णी करें और मेरे ऊपर व्यक्तिगत टिपण्णी करने से बचें।

मुझे चापलूसी करनी नहीं आती । आज आपको एक लम्बे समय तक बर्दाश्त करने के बाद इतना लिखने की हिम्मत कर सकी हूँ।

धन्यवाद !


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G Vishwanath said...

बिहार में चुनाव के परिणाम से हम भी प्रसन्न हैं।

लोगों में एक नई उत्साह जागी है।
मुझे पूरी आशा है कि बिहार में और भी तरक्की होगी।

आज से कोई इसे "बीमारू" राज्य नहीं कहेगा।
नितीशजी और बिहार के लोगों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं

Bharat Bhushan said...

नितीश पहले नेता हैं जिन्होंने बिहार में प्रगति के लिए ठोस कार्य किया है. बधाइयाँ और बहुत सारी. जय बिहार - जय बिहारजन.

ethereal_infinia said...

Dearest ZEAL:

Hope Bihar is progressing as much as your post claims.

Personally, I am very against praising any politician [unless it is someone whom we know really well and in person and are sure of his goodness]


Semper Fidelis
Arth Desai

ZEAL said...

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@ अर्थ देसाई -

भ्रष्ट लोगों के मध्य दो-चार ही तो नेता है जो फिर भी औरों की तुलना में बेहतर है। अब आपको लालू और पासवान जैसे लोग ज्यादा प्रिय हैं तो यह तो सबकी अपनी-अपनी पसंद है ।

व्यक्तिगत पसंद भिन्न होती है।

रही बात किसी की प्रसंसा करना जिसे हम बहुत अच्छी तरह जानते हों तो यह तो मुमकिन ही नहीं है। कोई स्वयं को तो समझ न सका ठीक से, औरों को क्या समझेगा।

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ZEAL said...

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Ref--

arthdesai: thank you for publishing the post immediately on submission
arthdesai: i just saw the headlines in times that there were election in Bihar
arthdesai: zmiles
arthdesai: did not even knew it
arthdesai: nor do i care

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देसाई साहब ,

आप जैसे बहुतेरे लोग हैं जो समाचार ही नहीं पढ़ते । इसीलिए ऐसी भी पोस्ट लगानी पड़ती है। लोगों को पता तो चलना चाहिए की हमारे इर्द-गिर्द समाज में क्या हो रहा है।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली की जनता से तो कई गुना ज्यादा जागरूक है बिहार की जनता जिसने साबित कर दिया की सत्ता में रहने का अधिकार किसे है , और किसे नहीं ।

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Kunwar Kusumesh said...

वर्तमान में मुझे तो सब नेता एक ही जैसे लगते हैं. किसी की कार्य प्रणाली का फायेदा मिला तो ये अच्छी बात है. ये अच्छापन बरकरार रहे तो और वाकई में अच्छा लगेगा

कडुवासच said...

... filhaal to badhaai va shubhakaamanaayen ... yah aashaa hai ki vikaas hogaa ... !!!

मनोज कुमार said...

@ बिहार की जनता को शुभकामनायें !
धन्यवाद दिव्या जी।
एक बिहारी हूं।
गर्व है।

वाणी गीत said...

वाकई विकास की जीत है ....सुशासन का कोई विकल्प नहीं है !

ashish said...

बिहार में नितीश की जीत एक संकेत है की देश की जनता अब कोरे वादों और भ्रष्टाचार के खिलाफ है . मै अभी हल में बिहार गया था . कम से कम मुझे वहा लोगों से ये सुनने को मिला की कानून व्यवस्था की स्थिति में बहुत सुधार है . विकास एक सतत कार्य है जो सही दिशा में प्रगतिशील है . सुपर- 30 का नाम तो सुना होगा लोगों ने , आनंद कुमार जी मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मुझे . ३० बच्चे तो उनके संस्थान से जाते है IIT में .

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बिहार के निवासियों ने अच्छा चयन किया.

S.M.Masoom said...

मुझे भी यह नेता सब एक जैसे ही लगते हैं, बस चेहरे ,नाम और पार्टी बदल जाया करती है. हिन्दुस्तान की ऍम जनता इस आशा मैं की यह नेता नहीं वोह कुछ भला करेगा , नेता बदल देती है लेकिन भला बहुत ही कम हुआ करता है. देखते हैं इस बार क्या होता है?

arvind said...

bahut badhiya post...sachmuch nitishji ne revolution laa diya hai.....pls dont mind ४५ छात्र IIT तथा २५ छात्र IAS में चयनित हुए हैं ।----aapka ye daataa sahi nahi hai...iit our ias me vaise bhi bihar abbal raha hai ab ye data our bhi upar chala gaya hogaa.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

Divya jee jo jeeta wahi sikandar hota hai......sachchai ye hai ki Nitish ne bahut kuchh nahi kiya hai, haan Lalu jee ne bahut jayda hi beda garak kar rakha tha......isliye Nitish badhai ke patra hain.......:)

kash wo bahut kuchh kar payen!!

बिहार जो एक बाढ़ पीड़ित राज्य है , में बाढ़ से निपटने का भरपूर इन्तेजाम हो गया।

iss post ki sachchai ke liye kabhi aap koshi kshetra me jaiye, tab pata chalega...ki Nitish ne badh perito ke liye kya kiya.....:(

but no doubt.....Nitesh se hame bahut kuchh ki ummid hai........wo Lalu jee ke tulna me bahut behtar CM hain.........aur aage bhi rahen........!!

Rahul Singh said...

बिहार चुनावों में हिंसा और जाति का असर कम हुआ, इससे बड़ी (जनता की) क्‍या जीत हो सकती है.

सञ्जय झा said...

is post ke liye apko kotishah: dhanyawad.....

hum mithlanchal bihar ke hain aur apne jiwan ke
mahatwpoorn 20 saal pardes me bitaya hai.......
hum bihariyon ko baki pradesh me wahi sthan hai...
jo sthan hindustan ka viswa me hai.....ye baat hum
bhi jante hain aur baki pradesh wale bhi.......

aise me agar aaj manniye nitishji ne jo disha
bihar ko di hai....janta ne taaj unke mathe dekar....apni aur rajya ki asmita ki raksha ki
hai.....

pranam.

amar jeet said...

दिव्या जी बहूत अच्छी पोस्ट !
आप क्यों इस तरह की बेफिजूल तर्कों को जगह देती हो!डा.अमर को मैंने पिछली कई पोस्ट में बेवजह का तर्क और सलाह देते देखा है! बिहार ने लम्बे समय से जिस विनाश के कार्यो को झेला था, उससे पिछली नितीश की सरकार ने कुछ हद तक काबू पाने में सफलता पाई थी! उन्ही कार्यो को देखकर जनता ने उन्हें दोबारा चुना!लेकिन चंद लोगो को ये सफलता रास नहीं आ रही है!मै तो मिडिया में उन खबरों को देखकर आश्चर्यचकित था जो बार बार नरेंद्र मोदी का विषय उठा रहे थे !जो बार बार ये कह रहे थे की भाजपा नितीश कुमार के कंधे पर चढ़कर यहाँ पहुची है! लेकिन कोई समाचार चैनल ये नहीं दिखा रहा था की मनमोहन सिंह का दौरा, सोनिया की सभा और तथाकथित युवराज राहुल के दौरे ने कांग्रेस की सीटे घटाकर 9 से 4 कर दी !और यदि यही सीटे बढ़कर 9 से 20 - 25 भी हो जाती तो ये मिडिया वाले चिल्ला चिल्ला कर कहते राहुल बाबा का जादू चल गया!

ZEAL said...

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अरविन्द जी ,

आपकी बात से सहमत हूँ। IAS और IIT में निश्चय ही संख्या बहुत ऊपर जा चुकी होगी। बिहारियों के पास बुद्धि सदैव से ही थी, केवल प्रशासन सही नहीं था। अब वो भी पहले से बेहतर है। शिक्षा में बिहार बहुत आगे जाएगा , ऐसा मेरा विश्वास है।

जब जनता ने अपना विश्वास नितीश जी में दिखाया है तो अब उनपर भार भी बहुत बढ़ गया है। निश्चय ही वो पहले से भी बेहतर करेंगे इस टर्म में।

लालू , माया, पासवान , सोनिया , राहुल आदि से तो बेहतर ही हैं। हम तो यही चाहेंगे की बिहार और तरक्की करे । हो सके तो उत्तर प्रदेश का भी तख्ता पलट हो। तो हमारा भी राज्य कुछ विकास करे। एक लम्बे समय से हर चौराहों पर बढती पत्थर की मूर्तियों से मायावती ने त्रस्त कर रखा है।

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ZEAL said...

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आशीष जी ,

सुपर-३० का बहुत नाम है, और इसमें प्रवेश मिलना ही बड़ी बात है। इसमें कोचिंग लेने वाला प्रत्येक छात्र शत-प्रतिशत IIT निकाल लेता है। इसके बारे में मेरी चर्चा एक मित्र 'अनिमेष सिन्हा' जी से हुई थी , जो गत-वर्ष 'दानापुर' रेलवे में पोस्टेड थे।

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ZEAL said...

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अमरजीत जी ,

बिलकुल सही कहा आपने। मिडिया भी किसी का श्रेय किसी को देता रहता है है। लेकिन आम जनता जब एक-जुट होती है तो बहुत ताकतवर हो जाती है । जीत तो आखिर उसी की हुई , जिसकी होनी चाहिए। मैं तो बिहार की जनता की कायल हो गयी हूँ , जिसने झूठे वादों और लालू की लालीपॉप को नहीं पकड़ा बल्कि अपने विवेक से नीर-छेर विभाजन कर दिया।

राहुल बाबा को तो अब समझ में आ गया होगा की ऊंट कितने पानी में है।

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ZEAL said...

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राहुल सिंह जी,

बिलकुल सही बात कही आपने। बिहार चुनाव में हिंसा और जाती का प्रभाव नगण्य रहा। निसंदेह एक उपलब्धि है ये। बिहार की जनता ने ये साबित कर दिया की उन्हें बहलाना फुसलाना इतना आसान नहीं । आज मुझे भी गर्व हो रहा बिहार पर और बिहार की जनता पर। नितीश जी के कारण , लोग अब दो बार सोचेंगे बिहार के खिलाफ ऊँगली उठाने के पहले।

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mridula pradhan said...

sachchaee ke sath likha sunder lekh.

Tausif Hindustani said...

बहुत सह चूका गरीबी और अपमान बिहार ,
अब नहीं सहेगा ,
शासन में अब वही रहेगा जो करेगा विकास
dabirnews.blogspot.com

Tausif Hindustani said...

आपके सीने में बहुत आग है
इस आग को रोशन रखियेगा
बहुत से कुकर्मी , भ्रष्टाचारी है इस देश में
उनको भी इस आग से जलाना है

ABHISHEK MISHRA said...

सत्य है ,
यदि सच में विकास हो न की कागजो में , तो ऐसा प्रचंड बहुमत को आश्चर्य की बात नही
अच्छे लेख के लिए आप का धन्यवाद

ABHISHEK MISHRA said...

अमरजीत जी से पूर्णतया सहमत
मैंने इन की अलग अलग पोस्ट पर कई टिप्पड़िया देखी है, आप तो मर्म तक पहुच जाते है न की सिर्फ खाना पूरी

अनुपमा पाठक said...

विकास की जीत हुई है!

सुज्ञ said...

राजनिति विषय अपना जरा कमजोर है।
यदि विकास के आधार पर जीत है, तो नितिश जी और बिहारी जनता को बधाई!!

कुमार राधारमण said...

यदि बाक़ी पिछड़े राज्य भी कुछ सबक ले सके,तो देश का कायाकल्प निश्चित है। इस शुरूआत के लिए बिहार से बढ़िया विकल्प हो नहीं सकता था। देर-सवेर,जनता समझ ही जाती है कि भावना से पेट नहीं भरता। अंततः,आपको विकास चाहिए।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

भगवान् देश के १२० करोड़ लोगो को भी बिहार वासियों जैसी अक्ल दे ताकि केंद्र में भी कोई नितीस आ सके !

shikha varshney said...

अच्छा लग रहा है यह सब सुन पढकर.

मनोज कुमार said...

वाह! गोदियाल जी, दिल की बात छीन ली!!

कल से बहुत सारी बहसे, आलेख आदि देख रहा था। पढ रहा था। आपका यह एक स्टेटमेंट सब पर भारी है।

सुबह में जल्दी थी इसलिए दिव्या जी शॉर्टकट में टिप्पणी दे गया।

एक सड़ी हुई अर्थ व्यवस्था, जर्जर शासन तंत्र, अपराध चरम पर, रत्न का भंडार झारखंड अलग और छह महीने की बाढ और छह महीने का सूखा, इस बैकग्राउण्ड में जो नीतीश शासन ने ५ साल में किया किया है वह किसी चमत्कार से कम नहीं है। हम तो पिछले ४० साल से अपने गांव में एक पक्की सड़क की मांग कर रहे थे। पहले जो हाल था कि पटना से गांव जाने में किसी चारपहिए से छह से सात घंटे लगता था। इस बार ढाई घंटे। इस समय की बचत को अर्थशास्त्र में बदल दीजिए तो देखिए कि क्या प्रतिफल होता है।

आपने जो सारी उपलब्धियां लिखी हैं, सब सही है। छठ के समय १० दिन बिहार में जी कर आया हूं। आने का मन नहीं कर रहा था।

पांच साल पहले तो मरते-मरते बचता भाग आता था।

लिखने लगूं तो पोस्ट बन जाए।

आभार आपका कि आपने बिहार को भी उम्दे तरीक़े से पेश किया और आज हम अपने बिहारीनेस पर गर्वान्वित हैं।

महेन्‍द्र वर्मा said...

धनबल, बाहुबल, जातिबल और कुटुम्ब बल परास्त हुआ, नीतिबल और विकास बल की जीत हुई।
...बिहार की युवाशक्ति और नारीशक्ति को नमन।...सभी को शुभकामनाएं।

abhi said...

जीत होनी ही थी नितीश कुमार जी की..काम उन्होंने किया ही है, इसमें कोई शक नहीं..

शोभना चौरे said...

दिव्याजी
बहुत बधाई इस आलेख के लिए |
ये तो निश्चित है जनता जागरूक हो गई है जहाँ काम हो रहा हो वो अपने आप दिखाई देता है और ये काम ही अब नेताओ की पहचान होना चाहिए |गुजरात की तरह विकास की राह पर चल पड़ा है बिहार |
बधाई हम सबको क्योकि हम सब भारतीय है |

Rohit Singh said...

दिव्या जी
आपकी बातें सही हैं। पर अमरजीत जी की बात से सहमत नहीं हूं। न ही उनकी तरह कि किसी टिप्पणी करने वाले की तरफ से। शायद ठीक से समाचारों को किसी ने नहीं देखा। समाचारों में हेडलाइन थी, विकास की आंधी में बहे राहुल गांधी। याहं तक की लालू भी। लालू औऱ कांग्रेस की हार पहले ही मीडिया कह चुका था। मैंरी कही बात हो सकता है कि लोगो को अतिश्योक्ति लगे, पर मै निजी वजह से पोस्ट भी नहीं लिख पाया था। पर मैने पहले ही कहा था कि नीतिश की पार्टी इस बार 115 तक सीट ले जाएगी। हां बीजेपी की बढ़ता अंदाज नहीं लगा पाया। वैसे भी सारा ध्यान नीतीश कुमार के कामों और उसके इम्पेक्ट को जानने में लगा हुआ था। बीजेपी को भी सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार के काम का ही समर्थन मिला है। वरना गडकरी जी पूरी तरह से संघ के रहमोकरम पर हैं। और राहुल गांधी का जो प्रभाव है उसे भुनाने के लिए कांग्रेस को इन्फास्ट्रक्चर खड़ा करना पड़ेगा जो बिहार में बिल्कुल नहीं है। न ही उत्तर प्रदेश में। फिलहाल उत्तर प्रदेश में कोई विकल्प भी नहीं है न ही कोई काम करने वाला नेता। वैसे विस्तार से लिखने का समय नहीं मिल पाया है।

फिर भी लोगो से आग्रह है कि खबरों को पुरी तरह से और विस्तार से देखें, ताकि देश के हालात पर ध्यान जा सके। हमेशा ही चाटुकारिता मीडिया नहीं करता है। इसी तहर के नजरिए के कारण अच्छे पत्रकार हताश हो जाते हैं।

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना said...

दिव्या जी ! हम त आश्चर्य में पड़ गईलीं के राउर पटना में बानी के लखनऊ में के थाईलैंड में ? राऊर के कुल पता बा के कहवाँ केतना मूर्ती लागल बा आ कहवाँ केतना ज़मीनी विकास भईल बा. बेशक ई राऊर के देश प्रेम बाटे......हमार सम्मान स्वीकार करीं.
नकारात्मक टिप्पणीं पर आपन खुनवां काहे के ज़रावातानीं ? आपन इनर्ज़िया बचा के राखीं न !

Rajesh Kumar 'Nachiketa' said...

पद का त्याग करके त्याग के पद पर बैठना कोई इनसे सीखे. इसी सन्दर्भ में मेरा एक व्यंग्य.
http://swarnakshar.blogspot.com/

सदा said...

बहुत ही अच्‍छा हुआ है यह ...।

दिगम्बर नासवा said...

Ye vikaas ki jet hai ... parivartan ka dour shuru huva hai ...