देर आया लेकिन दुरुस्त आया ! आखिर कसाब को फांसी की सजा सुना ही दी गयी ! सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी ! अभी हमारे देश में न्याय ज़िंदा है ! अभी भी उच्च पदस्थ लोगों के पास नैतिकता , ईमानदारी और संवेदनशीलता है ! बस भय तो एक ही बात का , की कहीं कांग्रेस अपने इस शाही दामाद को बचाने के लिए कोई घटिया चाल न चल दे ! क्योंकि कांग्रेस की फितरत है हर ईमानदार को मरवा देना , या उसी के खिलाफ मुकदमा कर देना, या फिर उन्हें सेवा निवृत कर देना ! इससे पहले की कांग्रेस कोई शातिर चाल चले कसाब को सरे आम फांसी की सजा दे देनी चाहिए ! हमें ढेरों अफज़ल गुरु नहीं चाहिए ! आतंकवादियों को प्रश्रय देने का अड्डा नहीं बनने देंगे हिन्दुस्तान को !
Zeal
26 comments:
बहुत सही कहा..
ये सब ठीक है...
हमारे देश के दोगले वकीलों ने कसाब के लिये राष्ट्रपति से दया याचना की अपील कर दी जो कि संम्भावित है तो यह फांसी उम्रकैद में बदल सकती है
फिर ये होगा जो होता आया है कि कसाब की रिहाई के लिये किसा बड़े राजनेता का अपहरण कर लिया जाएगा...
क्योंकि हमारे देश का बिगड़ैल नेता कसाब से कीमती जो होता है... अँततः कसाब को छोड़ दिया जाएगा
यशोदा जी , कसाब से भी बड़े आतंकवादी सरकार में जो बैठे हैं , उनके सरपरस्त बनकर ! असली खतरा उन्ही से तो है !
मूळ समस्या इसमे हैं कि मुस्लीम कट्टर पंथीय मानते है कि इस्लाम के सिद्धान्तोनुसार ये दुनिया इस्लाम माननेवाले और इस्लाम न माननेवाले कि है और जो व्यक्ती मुस्लीम धर्म के अनुसार आचरण नही करते वो काफिर हैं और सजा के हकदार हैं.ये सुना सुना के दहशत वादी ब्रेन वाश किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट तक तो सब ठीक है.. पर इसके आगे का सिस्टम बहुत ही घटिया है।
अब अगर कसाब राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर करता है, तो वहां से पूरा मामला फिर गृहमंत्रालय के पास जाएगा, यहां शुरू होगी राजनीति..
बहुत सच कहा है...
2025 मे कसाब के केस का स्टेटस: प्रेट्र 29-08-2025 न भा टा मुंबई कसाब की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित. इस बीच मुलायम सिंह यादव, ने कसाब को आज़मगड़ से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया. उधर दिल्ली से जारी एक बयान मे काग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कसाब को महान क्रांतिकारी बताया ऐवम सेक्युलर भावना का मुखर प्रतिनिधि बताया. लालू यादव ने जनहित मे कसाब की सज़ा माफ़ करने के लिए राष्ट्रपति से अपील की .........ब्ला ब्ला... ब्ला... ब्ला 2040 मे कसाब के केस का स्टेटस: प्रेट्र 29-08-2035 न भा टा मुंबई. आज़म गड़ से समाजवाडी पार्टी के सांसद ऐवम उत्तरप्रदेश के कारागार मंत्री श्री अजमल आयेमिर कसाब का मुंबई जेल मे निधन. उनको अत्यधिक चिकन बिर्यानी और देसी घी से बनी चीज़े खाने की वजह से डायबिटीज़ थी. वा पिछ्ले कई सालो से जेल मे पाँचसितारा सुविधाओ की वजह से इन बीमारियो से ग्रस्त थे. जेल में ही स्थाई निवास होने की वजह से ही उन्हे उत्तर प्रदेश मे कारागार मंत्री का पद दिया गया था. ...
I will beleive it when the noose is around his neck and the LEver pulled
Bikram's
हमें इंतज़ार .... अमल कब होता है?
मन में संदेह भी है ...
निर्गुट सम्मेलन के बहाने ...
खामोशी से आकाओं से मिलता अपना 'खोता' है.
मुझे नहीं लगता की इस देश की खान ग्रेस सरकार इस फंसी को होने देगी...इन सब मुद्दों को वापस सामने लाना भी कोई नयी चाल हो सकती है शायद प्रधानमंत्री महोदय पर जो आरोप जो लगे हैं उन पर संसंद में बहस रोकने का ये नया तरीका हो और मनमोहन के इस कारनामे पर से जनता का ध्यान हटाना.....इनमे से कोई भी कारण हो सकता है /
जब सरकार ने इतने दिन तक कसाब को फंसी नहीं होने दी तो सब कैसे होने दे सकती है?? फांसी तो अब भी नहीं होगी और संसद का समय भी इन मुद्दों की चर्चा में बर्बाद कर देंगे और नतीजा शून्य ही रहेगा....हम संसद के फैसले से खुश जरूर हो सकते हैं पर जब कसाब को फंसी नहीं होगी तो हमें बहुत दुःख होने वाला है...
जय भारत !! वन्दे मातरम !!
सही न्याय।
सजा तत्काल मिलनी चाहिए।
At last ,justice has been done.
देखिये होता क्या हैं ?
ये तो होना ही था...
कसाब को तुरंत फांसी दे देना चाहिये । आप से सहमत ।
आपकी पोस्ट 30/8/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 987 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क
जाट मरा जब जानियो जब तीजा हो जाय ....यहाँ रबड़ सी लचीली याचिकाएं भी हैं .....दया याचिका की सूची में सब बराबर है ,बलात्कारी ,आतंकी ..... ये सेकुलर वीर कसाब प्रेमी हैं ....
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
http://veerubhai1947.blogspot.com/
अजी सांच कहो या हांसी ,कसाब को फांसी ?
फांसी तो हो जाए ये सेकुलर पुत्र पुत्रियाँ होने दें न तब ......
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
http://veerubhai1947.blogspot.com/
१६६ क़त्ल करने वाला भी क्षमा की याचना कर सकता है ? अरे डूब मरना चाहिए चुल्लू भर पानी में ! राष्ट्रपति क्या बलात्कारियों और आतंकवादिओं को क्षमा करने के लिए होता है ? गुनाह करते समय जिनके दिल में दया नहीं आती वे दया की उम्मीद रख भी कैसे सकते हैं ? जो इन्हें माफ़ करेगा वह इनसे भी बड़ा गुनाहगार होगा !
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी अपनी नज़र रखे -http://gyaan-sansaar.blogspot.com/ सही विचार है ।
न्यायालय ने तो अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभा दिया , लेकिन फैसले और फाँसी के फंदे के बीच अभी भी इनके बहुत से पैरोकार देश मेँ हैँ जो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके इसे बचाने की पूरी कोशिश करेँगें । अनेक देशवासियोँ के हत्यारे आतंकियोँ की दया याचिका पर सुनवाई का अधिकार राष्ट्रपति को नहीँ होना चाहिए ।
न्यायालय ने तो अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभा दिया , लेकिन फैसले और फाँसी के फंदे के बीच अभी भी इनके बहुत से पैरोकार देश मेँ हैँ जो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके इसे बचाने की पूरी कोशिश करेँगें । अनेक देशवासियोँ के हत्यारे आतंकियोँ की दया याचिका पर सुनवाई का अधिकार राष्ट्रपति को नहीँ होना चाहिए ।
बहुत सही कहा आपने ...सहमत हूँ आपसे
सहमत हूँ... वोट की भूखी पार्टियों का कोई भरोसा नहीं...
यह भारत देश में ही सम्भव है कि जिस आतंकवादी को दुनिया भर ने मासूमों की जान लेते देखा, उसका न्यायालय में इतना लम्बा केस चला। अब भी कोर्ट ने फैसला दिया है उस पर अमल कब होगा पता नहीं। अफजल का मामला अभी तक लटका पड़ा है।
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