Tuesday, April 17, 2012

शीर्ष पर बैठी महिलाएं

स्त्रियों को त्याग, बलिदान और ममता की मूर्ती समझा जाता है, लेकिन -- मायावती , ममता बनर्जी , ललिता, शीला और सोनिया जैसी महिलाओं ने एक लम्बे अरसे तक सत्ता में रहकर भी देश के लिए बहुत कम सोचा। स्वार्थ और लालच से प्रभावित होकर इन्होने केवल स्वयं को धनवान और प्रभावशाली बनाया देश की समृद्धि से कोई सरोकार नहीं रखा। यदि शीर्ष पर बैठी महिलाएं अपने नैसर्गिक गुणों का त्याग करें तो स्त्री और देश दोनों का विकास अत्यंत द्रुत गति हो सकता है। ऊंचे पदों पर आसीन होने के बाद जिम्मेदारी का एहसास बढ़ जाना चाहिए अन्यथा आप उस पद के अधिकारी नहीं है

Zeal