Sunday, April 22, 2012

शठे, शाठये समाचरेत

कल एक मंच पर " राम-चरित्र" लघु नाटिका देखने का अवसर मिला। सीता स्वयंवर में धनुष टूटने पर क्रोधित हुए लक्ष्मण-परशुराम संवाद तो बस देखते ही बनता था ! बारह कलाओं से युक्त भगवान् श्री राम का विनयशील चरित्र अत्यंत प्रेरणादायी है , परन्तु जहाँ ज़रूरी हो वहां क्रोध करना ही पड़ता है । कहा भी गया है -- " भय बिनु होए न प्रीती..."


जय श्री राम !