मोदी जी जैसे गर्वीले, निष्ठावान, देशभक्त नेता के होते हुए मनमोहन सिंह जैसे अकर्मण्य लोग प्रधानमन्त्री बने बैठे हैं, जिनका ईमान मर गया है और स्वाभिमान खो गया है । काश मनमोहन सिंह ने इतिहास पढ़ा होता तो वे जानते की देश के लिए जान देने वाले नेता ( नेताजी बोस, सरदार पटेल, विवेकानंद, बिस्मिल , भगत सिंह ,अशफाक उल्ला और चन्द्र शेखर आज़ाद) जैसे होते हैं। इन्होने तो अपनी शिक्षा-दीक्षा पर भी बट्टा लगा लिया। शिखण्डी बनने से क्या फायदा भला ?