न तो चिदंबरम ने कोई षड्यंत्र किया है , न ही कसाब ने कोई आतंक, क्योंकि कसाब द्वारा किये गए ३६६ क़त्ल और चिदंबरम के खिलाफ जुटाए गए साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं। धन्य हैं देश का न्याय और धन्य है ये भ्रष्ट सरकार। मुट्ठी भर बिकाऊ वोटों से जीत कर हम देशवासियों पर पांच वर्ष के लिए थोप दी जाती है। अरे उखाड़ फेंको इस भ्रष्ट सरकार को। फिर न अदालतों की ज़रुरत पड़ेगी न ही साक्ष्यों की। क्योंकि घोटाले बंद हो जायेंगे और रामराज्य स्वतः ही स्थापित हो जाएगा।
6 comments:
यह चुनाव का मौसिम है और हम-
आज नहीं चेते तो कल फिर पछताएँगे,
खिसियानी बिल्ली के माफ़िक हो जाएँगे।
फिर-
गाड़ के तम्बू रामदेव-अन्ना बोलेंगे,
उनके पीछे पूँछ हिलाते हम डोलेंगे।
बनी हुई है ऐसी ही कुछ फ़ितरत अपनी,
'मूरख हृदय न चेत' सिखाओ चाहे जितनी।
आप सही फ़रमा रही हैं मोहतरमा! पर हमें चेत कहाँ?
उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय पर उम्मीद टिकी है.
@-- Indian citizen-- Is something wrong with your blog again? I cannot see the 'comment box' there. Kindly check it. Thanks.
लगता है कि हमार सिस्टम यह चाहता है कि जब तक उसकी आँखों के सामने कुछ घटित नहीं हो जाएगा, तब तक उसे सत्य नहीं मन जाएगा। लेकिन यदि संघ, भाजपा, हिन्दुओं पर केवल आरोप की एक किरण भी हो तो उन्हें अपराधी मान लिया जाता है।
मीडिया और अखबारों में तो यही दीखता है-
एक बानगी देखिये-
बाबा रामदेव के मूंह पर कालिख फेंकी गयी तो खबर थी "बाबा के मूंह पर कालिख, बाबा का मूंह कला"
डॉ. स्वामी की अर्जी पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज की तो खबर थी "चिदंबरम को राहत"
अर्थ साफ़ है, मीडिया खबर नहीं छपता बल्कि परिणाम बताने की कोशिश करता है।
अब इन सब के भरोसे रहने का समय नहीं है। अपनी तलवार स्वयं थामों, अपने तरकश में बाण स्वयं सजाओ, अपना धनुष स्वयं बांधो। तभी राम राज्य आएगा।
about an hour ago · Like · 2
बंशी धर शर्मा एक-एक करके करोड़ों हाथ एकत्रित होंगे......समय लग सकता है-परंतु दानवी शक्तियां अब ज्यादा समय तक भारत में नहीं रह पायेगी..।
कोई भी सरकार आये सबका यही हाल है कोई कम कोई ज्यादा,नेता मायने भ्रष्ट सरकार माने भ्रस्टाचार
NEW POST....
...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
यह सच में हैरानगी की बात है कि एक निर्णय लेने में दो मंत्री (चिदंबरम और राजा) इन्वॉल्वड हैं. एक की ज़िम्मेदारी है और एक की नहीं है. यह वाकई क्रूर मज़ाक है.
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