कांग्रेसिओं के प्रिय अय्याश चचा जान नेहरु की गलतियों से आज भी जल रहा है कश्मीर |
अलीगढ़
मुस्लिम विश्विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर कश्मीर में अध्यापन कर रहे शेख
अब्दुल्ला को ऐसा समय अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति करने का
अच्छा अवसर
नजर आया। शेख अब्दुल्ला ने ‘मुस्लिम कांफ्रेंस’ नामक संस्था का गठन कर साम्प्रदायिकता की राजनीति करने लगे।
अब्दुल्ला
ने कश्मीर में हिन्दी भाषा की शिक्षा और गौहत्या पर प्रतिबंध जैसे कई
आन्दोलन चलाकर मुस्लिम युवकों में अपनी पैठ बढ़ाई। कुछ समय बाद कांग्रेसिओं
से नजदीकी बढ़ने पर अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी का नाम ‘मुस्लिम कांफ्रेंस’
से बदलकर ‘नेशनल कांफ्रेंस’ कर दिया। फिर 1946 में शेख अब्दुल्ला ने
महाराजा के खिलाफ कश्मीर छोड़ो आन्दोलन चलाया।
गांधी जी ने इसका
समर्थन नहीं किया, फिर भी जवाहर लाल नेहरू ने गांधी की बात न मानते हुए इस
आंदोलन को समर्थन देने के लिए श्रीनगर जाने का कार्यक्रम बनाया। कश्मीर के
महाराजा ने नेहरु की इस नीच हरकत से क्रोधित होकर चचा को कोहाला पुल पर
बंदी बना लिया।
नेहरू ने इसे अपने अपमान के रूप में लिया और इस
अपमान को आजीवन याद रखा। और इसी अपमान का बदला लेने के लिए नेहरू पृथ्वी के
स्वर्ग कश्मीर को आंतकवाद की आग में झोंक दिया |
श्री सरदार
पटेल कश्मीर के भारत में विलय के लिए लगातार प्रयत्न कर रहे थे। महाराजा
भारत में विलय के लिए तैयार भी हो गए। उधर कबाइलियों के वेश में पाकिस्तानी
सेना गिलगित, बाल्टिस्तान से बहुत अंदर पुंछ और उड़ी सेक्टर तक आ गईं।
यह
जानते ही आगबबूला हुए जिन्ना ने मौके की नजाकत का फायदा उठाते हुए कश्मीर
के गांवों में पाकिस्तानी सैनिकों से कबाइलियों के वेश में 20 अक्टूबर 1947
से हमले प्रारम्भ करा दिए । 25 अक्टूबर को भारत के रियासती मंत्रालय के
सचिव वी.पी. मेनन श्रीनगर पहुंचे। 26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के महाराजा
ने अपने राज्य का भारतीय गणराज्य में विलय कर दिया। विलय की सारी प्रक्रिया
वैसे ही पूरी की गई थी जैसे देश की अन्य 529 रियासतों की पूरी हुई थी।
महाराजा
चाहते थे कि भारतीय सेना जल्द से जल्द श्रीनगर पहुंचे, लेकिन भारतीय सेना
अगले दिन 27 अक्टूबर को पहुंचकर, पाकिस्तानियों को श्रीनगर में ईद मनाने से
रोक दिया। श्रीनगर तो भारत के पास ही रहा, लेकिन कश्मीर का एक बड़ा भाग
मीरपुर, मुजफ्फराबाद, बाल्टिस्तान आदि पर पाकिस्तान ने नेहरू की गलतियों के
कारण कब्जा कर लिया |
इसी कांग्रेसी अयाशी में डूबे रहने वाले नेहरु की वजह से आजतक कश्मीर विकट आग में झुलस रहा है,
इसी चचा की वजह से घाटी में में लाखों घर बर्बाद हो गए, ना जाने कितने हजार बच्चे यतीम हो गए, और ना जाने कितने औरतें बेवा हो गई |
और ये आज भी बदस्तूर जारी है |
और यदि इसी तरह कांग्रेस देश पर राज करती रही, तो जल्दी ही देश कई टुकड़ों में कश्मीर की तरह सिसकियाँ ले रहा होगा |
जब शायद हमारी आने वाली नस्लें हमें बैठ कर कोस रही होंगी |
गौमांस
खाने वाला ..... ,शराब पीने वाला ..... ,सिगरेट पीने वाला .... ,जिसके उस
समय की कई ख़ूबसूरत महिलाओं के साथ अनैतिक सम्बन्ध थे ...एडविना ,
बैजन्तीमाला,,सन्यासिन श्रधा और पदमजा नायडू तो सर्व विदित है ही पर कहा
जाता है की ये महाशय आज के दिग्विजय सिंह के
बाप और कश्मीर के फारुक अब्दुल्ला के बाप के घर बहुतायत जाया करते थे
;हिन्दू धर्मं में ऐसे व्यभिचारी व्यक्ति को क्या कहा जाना चाहिए ?...हाँ
,फूटे करम के करम चाँद गाँधी के प्रिय एवम कांग्रेस्सियो के चाचा जवाहर लाल
नेहरु को सनातनी मुर्ख हिन्दू 'पंडित जी ....पंडित जी ...कहते नहीं अघाते
थे ... जिसका रामायण , गीता और वैदिक संस्कृति से दूर दूर तक रिश्ता ही
नहीं था .... वर्षों तक हिन्दू धर्म की जड़ खोदने वाला गयासुद्दीन गाजी के
वंशज जव्हार लाल को मुर्ख हिन्दु सत्ता में बिठा कर खुश भी होते रहे और
लोगो के चाचा भी बनाते रहे ...आजादी के बाद भारत की गरीब जनता रोती, बिलखती
रही बेचारी में बेबसी के आसू में और ये श्रीमान जी कथित कांग्रेस्सियो के
चाचा जी अपने अचकन में गुलाब लगा कर गुल्चर्रे उड़ाते रहे ...मज़े लेते रहे
!धन्य है हिन्दू और और उनकी अंध धितरास्ट्रा भक्ति !....अब तो जागो
कुंभकर्णी हिन्दुओ ...कांग्रेस भगाओ देश बचाओ ...
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