हे भद्र पुरुषों , किसी स्त्री को इतना भी ना चाहो की मंथरा की पहचान ही न
कर सको ! और हे भारत की नारियों , किसी पुरुष को कभी भी गांधारी बन कर ना
पूजो ! तुम दोनों ही अपना अस्तित्व बचा कर रखो !
शिक्षाप्रद पोस्ट। इसे पढकर राम मनोहर लोहिया जी का कथन याद आ रहा है, जब उन्होंने एक बार कहा था कि भारत की आदर्श नारी तो द्रौपदी है, सीता या सावित्री नहीं।
12 comments:
सार्थक सोच,सार्थक सीख ....
शुभकामनायें हम सब को :-)
बढ़िया सीख .
सही संदेश।
सत्य वचन
चाहो ज़रूर, किन्तु चाहने से पहले पहचान कर लो। मंथरा और धृतराष्ट्र की पहचान होने पर उन्हें कदापि न चाहो।
बहुत ही उपयुक्त बिचार, ग्रहण करने योग्य.
Stree aur Purush ke sahi astitv ko sweekarne vaala santulit vichar!
Love is blind so we shouldn't keep our eyes open. :)
अच्छी सीख लेने योग्य सन्देश !!
महान सत्य.
शिक्षाप्रद पोस्ट। इसे पढकर राम मनोहर लोहिया जी का कथन याद आ रहा है, जब उन्होंने एक बार कहा था कि भारत की आदर्श नारी तो द्रौपदी है, सीता या सावित्री नहीं।
किलकारी की गूँज सुनाती,
परिवारों को यही बसाती।
नारी नर की खान रही है,
जन-जन का अरमान रही है।
नारी की महिमा अनन्त है।
नारी से घर में बसन्त है।।
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