सोमवार, 3 सितम्बर 2012 स्त्री -पुरुष दोनों के लिए ही ज़रूरी है हाइपरटेंशन को जानना स्त्री -पुरुष दोनों के लिए ही ज़रूरी है हाइपरटेंशन को जानना
What both women and men need to know about hypertension
सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के एक अनुमान के अनुसार छ :करोड़ अस्सी लाख अमरीकी उच्च रक्त चाप या हाइपरटेंशन की गिरिफ्त में हैं और २० फीसद को इसका इल्म भी नहीं है .
क्योंकि इलाज़ न मिलने पर (शिनाख्त या रोग निदान ही नहीं हुआ है तब इलाज़ कहाँ से हो )हाइपरटेंशन अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं खड़ी कर सकता है ,दिल और दिमाग के दौरे के खतरे के वजन को बढा सकता है .दबे पाँव आतीं हैं ये आफत बारास्ता हाइपरटेंशन इसीलिए इस मारक अवस्था (खुद में रोग नहीं है जो उस हाइपरटेंशन )को "सायलेंट किलर "कहा जाता है .
माहिरों के अनुसार बिना लक्षणों के प्रगटीकरण के आप इस मारक रोग के साथ सालों साल बने रह सकतें हैं .इसीलिए इसकी(रक्त चाप की ) नियमित जांच करवाते रहना चाहिए .
४८ लाख करोड़ का नया घोटाला ! मनमोहन सरकार ने देश को पूरा ही बेच डाला ! अमेरिका ने पहले हल्दी नीम पेटेंट करायी , फिर राम-सेतु को 'एडम्स ब्रिज' कहकर उसे अपनी खोज बता दिया ! अब उसके नीचे दबे करोड़ों के थोरियम को डकार चुका है ! कांग्रेस हटाओ , देश बचाओ , नहीं तो सोते रह जाओ !
om,ji,aap ne bilkul saty kaha ,mms koele se bhi kala uper se nahi bhitr se bhi kala nikla jisne kai ghotale dr ghotale kra kr desh ka satyananash ,mahgai,berojgari ,gareebi bada kr kr dia ,jo desh kabimaf nahi karunga.
12 comments:
अच्छा व्यंग्य है।
एक अखबार में एक कार्टून देखा, चित्र के नीचे लिखा था-
‘‘मैया मोरी, मैं नहिं कोयला खायो...।‘‘
वो मोहन सिर्फ तन का काला था ये मन का काला है......
बढ़िया कटाक्ष..
अनु
सोमवार, 3 सितम्बर 2012
स्त्री -पुरुष दोनों के लिए ही ज़रूरी है हाइपरटेंशन को जानना
स्त्री -पुरुष दोनों के लिए ही ज़रूरी है हाइपरटेंशन को जानना
What both women and men need to know about hypertension
सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के एक अनुमान के अनुसार छ :करोड़ अस्सी लाख अमरीकी उच्च रक्त चाप या हाइपरटेंशन की गिरिफ्त में हैं और २० फीसद को इसका इल्म भी नहीं है .
क्योंकि इलाज़ न मिलने पर (शिनाख्त या रोग निदान ही नहीं हुआ है तब इलाज़ कहाँ से हो )हाइपरटेंशन अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं खड़ी कर सकता है ,दिल और दिमाग के दौरे के खतरे के वजन को बढा सकता है .दबे पाँव आतीं हैं ये आफत बारास्ता हाइपरटेंशन इसीलिए इस मारक अवस्था (खुद में रोग नहीं है जो उस हाइपरटेंशन )को "सायलेंट किलर "कहा जाता है .
माहिरों के अनुसार बिना लक्षणों के प्रगटीकरण के आप इस मारक रोग के साथ सालों साल बने रह सकतें हैं .इसीलिए इसकी(रक्त चाप की ) नियमित जांच करवाते रहना चाहिए .
व्यंग्य के माध्यम से अपनी बात कहना भी कला है , बधाई
मोहन कोयले से भी काला !!
सैंया काला रे... ;)
बढ़िया!
४८ लाख करोड़ का नया घोटाला ! मनमोहन सरकार ने देश को पूरा ही बेच डाला ! अमेरिका ने पहले हल्दी नीम पेटेंट करायी , फिर राम-सेतु को 'एडम्स ब्रिज' कहकर उसे अपनी खोज बता दिया ! अब उसके नीचे दबे करोड़ों के थोरियम को डकार चुका है ! कांग्रेस हटाओ , देश बचाओ , नहीं तो सोते रह जाओ !
om,ji,aap ne bilkul saty kaha ,mms koele se bhi kala uper se nahi bhitr se bhi kala nikla jisne kai ghotale dr ghotale kra kr desh ka satyananash ,mahgai,berojgari ,gareebi bada kr kr dia ,jo desh kabimaf nahi karunga.
आपके राष्ट्रवादी स्वरों में इतना ओज है कि कहने को बाध्य हो रहा हूँ :
"आप मुझे जोश दो, मैं उसे दिशा दूँगा."
"आप मुझे बम दो, मैं उसे विस्फोट दूँगा."
एक व्यक्ति ने चुटकी ली थी, "ले कोयले की खदान खा ले लेकिन मेरा इस्तीफा मत माँग."
भारत को नेहरू - गांधी व उनके चमचों की काली प्रेत छाया से बचाने के लिए कांग्रेस को खत्म करना आवश्यक हैं ।
बढिया व्यंग
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