Thursday, February 9, 2012

निंदक-कपिल .

उपद्रवी कपि (बन्दर) उर्फ़ कपिल तो बस मौके ढूंढता है दूसरों की निंदा करने की। इसके पास ढंग का करने को कुछ नहीं है। अब अश्लील विडिओ का मुद्दा ले आया है। अपनी गिरहबान में यदि ये झांके तो पिछले एक शताब्दी की अश्लीलता सामने जायेगी। कोई अंग्रेजों के साथ तो कोई इटालियानो के साथ गुलछर्रे उडाता रहा है। एन डि तिवारी तो हैं ही बेमिसाल। इनके जलवे तो जग-जाहिर हैं। दूध के धुले कांग्रेसियों के बारे में क्या ख़याल है, निंदक- कपि-महोदय का। सर्वश्रेष्ठ निंदक का अवार्ड दिया जाता है इस कपि को।

निंदक नियरे राखिये , आँगन कुटी छवाए...


Zeal

11 comments:

Gyan Darpan said...

इन्हें अपनी गिरेबान कहाँ दिखती है ??

राजस्थान में इनके मंत्री मदेरणा व कांग्रेस विधायक मलखान ने जो गुल खिलाये उनके बारे कपि महाराज क्यों नहीं बोले ??

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

यह रही ना खरी-खरी!

दिगम्बर नासवा said...

जो गलत है वो गलत ही है ... दिग्गी राजा कहें या नहीं क्या फरक पढता है ... वो अपने गिरेबान में झांके या नहीं क्या फरक पड़ता है ...
तीनों ने जो किया वो शर्मनाक है ...

मेहराराम गोदारा said...

सही कहा है !

रविकर said...

पालिटिक्स में कपि-पिला , बड़ा पिलपिला मल्ल ।
छिद्र सूप का देख के, हो चलनी सम गल्ल ।
हो चलनी सम गल्ल, कुटिल सिब-बल जो पाए ।
होवे कभी न हल्ल, चाल फिर नई चुराए ।
नारायण जस प्यार, भूलता बीबी-बिटवा।
करे इसे स्वीकार, मगर दूजों से शिकवा ।।

vidya said...

बुरा जो देखन मैं चला..मुझसे बुरा ना कोई...
मगर कोई आत्मविश्लेषण करे तब ना???

Bikram said...

the wonders of being a politcian mam, we can do anything but say a lot of others who do it ..

Its the same for everything no one sees how bad there party is ..
Did you know in UP there are TWO contestents who are fighting the election on CONGRESS ticket but are in JAIL , so lets see what congress has to say of that.. they have a lot to say about other parties ..

shameful dirty politics Every khadi white clothes wearing leader is the SAME ..


Bikram's

दिवस said...

आपकी पिछली बेहतरीन पोस्ट पढने के बाद आपकी उक्त पंक्तियाँ और भी सटीक बैठती हैं कपि सिब्बल पर। सही कहा है आपने, निद्कों को केवल निंदा करने में ही रस मिलता है किन्तु अपनी निंदा के समय इन्हें निंदा से एलर्जी हो जाती है। सच में निंदक नहीं भडासी हैं।
कपिल सिब्बल को यह खिताब दिए जाने का मैं पूर्णत: समर्थन करता हूँ।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

सब के पैमाने अलग अलग.

Anonymous said...

ye apane girebaan mein jhake to mar jaaye

Atul Shrivastava said...

दूसरों के पाप गिनाने से खुद के पाप नहीं धुल पाते.... ये शायद इनने नहीं पढा है।