Friday, February 17, 2012

एग्रीगेटर अब निष्पक्ष नहीं रहा...

'हमारी वाणी' नामक एग्रीगेटर अब निष्पक्ष नहीं रहा। मेरी पोस्टों को हटा देता है! पोस्ट लगाने के थोड़ी देर बाद उसे वहाँ से हटा दिया जाता है। कसूर मेरा है अथवा उनके मन में डर पैदा हो गया है ?----जो भी हो , हमने इन्हें माफ़ किया, क्योंकि जो डर गया वो खुद-बखुद ही मर गया।

जय हो !

5 comments:

दिवस said...

वे तो आपसे आतंकित हैं। हमारी वाणी पर आलतू-फ़ालतू बहुतों को देखा है मैंने। इन्हें कभी नहीं हटाया गया। जो राष्ट्रवाद की बात करे, जो अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाए उसका सर कलम करने की कोशिश की जाती है। इन्हें केवल चापलूसों की भीड़ चाहिए।

ZEAL said...

दिवस जी , ये लोग इतने आतंकित हैं की मेरी पोस्टों को पांच मिनट के अन्दर ही हटा दिया , लेकिन अच्छा है ये expose तो हुए। ढोल के अन्दर पोल निकला।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

जो डर गया समझो मर गया,..मैडम आज के युग में निष्पक्ष कौन है,....

new post...फुहार...तुम्हें हम मिलेगें...

Bharat Bhushan said...

इससे एक बात तो प्रमाणित होती है कि आपके ब्लॉग को वे लोग पढ़ते हैं जिनके कारनामे आपके निशाने पर हैं.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

चिट्ठजगत और ब्लॉगवाणी के बाद सब ऐसे ही हैं..