२-ऋषभदेव और जयंती के सौ पुत्रों में से सबसे बड़े पुत्र 'भारत' के नाम ही हमारे देश का नाम भारत पड़ा। उन्होंने अनेक वर्षों तक अखंड भारत पर राज किया।
३-हिंदुस्तान-हिन्दुओं का घर।
४-आर्यावर्त- विद्वानों की भूमि।
५-कुमारिका खंड- वह भारत भूमि जो चिर-युवा है।
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गत वर्ष की प्रतिज्ञा में, क्यों न फिर बघार दूं ,
ग्यारह की प्रतिज्ञा को , बारह में विस्तार दूं ,
पुष्प सारे विश्व के , मैं इन चरण पे वार दूं,
माँ तेरे इस रूप को , मैं फिर ज़रा संवार दूं,
हर ख़ुशी को आज इस धरा पे मैं उतार दूं ,
माँ तेरी पुकार पे मैं जान भी निसार दूं !
माँ भारती की आरती में , देर न हो , कल न हो !
बलिदान मेरे पूर्वजों का, अब कभी विफल न हो !
मिटटी के इस क़र्ज़ को मैं फ़र्ज़ से उतार दूं,
माँ तुझे मैं प्यार से, दुलार दूं, संवार दूं !
जय हिंद !
जय भारत !
वन्देमातरम !
Zeal
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