Monday, March 5, 2012

चिर युवा - भारतमाता

१-अजानभा - अजा (ऋषभदेव) और नाभी (ऋषभदेव के पिता) , के नाम पर भारतवर्ष का नाम "अजानभा' था।

२-ऋषभदेव और जयंती के सौ पुत्रों में से सबसे बड़े पुत्र 'भारत' के नाम ही हमारे देश का नाम भारत पड़ा। उन्होंने अनेक वर्षों तक अखंड भारत पर राज किया।

३-हिंदुस्तान-हिन्दुओं का घर।

४-आर्यावर्त- विद्वानों की भूमि।

५-कुमारिका खंड- वह भारत भूमि जो चिर-युवा है।

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गत वर्ष की प्रतिज्ञा में, क्यों न फिर बघार दूं ,


ग्यारह की प्रतिज्ञा को , बारह में विस्तार दूं ,



पुष्प सारे विश्व के , मैं इन चरण पे वार दूं,


माँ तेरे इस रूप को , मैं फिर ज़रा संवार दूं,




हर ख़ुशी को आज इस धरा पे मैं उतार दूं ,


माँ तेरी पुकार पे मैं जान भी निसार दूं !




माँ भारती की आरती में , देर न हो , कल न हो !


बलिदान मेरे पूर्वजों का, अब कभी विफल न हो !



मिटटी के इस क़र्ज़ को मैं फ़र्ज़ से उतार दूं,


माँ तुझे मैं प्यार से, दुलार दूं, संवार दूं !



जय हिंद !


जय भारत !


वन्देमातरम !



Zeal

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