Thursday, March 8, 2012

महिला दिवस या फिर एक मज़ाक ?

* आज न्यायालय में स्त्रियाँ , न्याय की मांग करते हुए , लाचार और हताश होकर निर्वस्त्र हो रहीं हैं
* विधायकों द्वारा यौन शोषण किये जाने पर स्त्रियाँ , खून करने पर मजबूर हो रही हैं , क्यूंकि न्यायलय से तो न्याय मिलेगा नहीं।
* छोटी-छोटी बच्चियां बलात्कार का शिकार हो रहीं हैं
और यहाँ -'महिला दिवस' मनाकर क्या सिद्ध किया जा रहा है ? हर देश में ठीक है , लेकिन भारत देश में महिला-दिवस निरर्थक है