Friday, September 28, 2012

नरपिशाच हैं ये दोनों

राजेश और बेबी  नामक दो नरपिशाचों ने आपस में विवाह कर लिया ,  फिर छः वर्ष तक बच्चा  न होने पर अपने रिश्तेदार की छः वर्षीय बेटी शिवानी को गोद ले लिया ! जिस दिन से गोद लिया उसे मारना पीटना  शुरू कर दिया ! निर्वस्त्र करके उस पर रोज़ ठंडा पानी डालना, घर  में  कैद करके उससे नौकरों वाला काम लेना , पिटाई  से उसके कान का पर्दा फट गया तो इलाज नहीं कराया ! इतने पर भी जब इन दोनों की हैवानियत  शांत नहीं हुयी तो उस बच्ची को दीवार पर मार-मार कर मार डाला ! तीन ह्रदयविदारक चीखों के साथ वह बच्ची हमेशा के लिए शांत हो गयी !

दिल  दहला देने वाली आवाजों को रोज़ सुनने के बाद भी असंवेदनशील पड़ोसियों ने कभी उन नरपिशाचों की रिपोर्ट नहीं की थाने में ! बच सकती  थी उसकी ज़िन्दगी !

कभी आप अपने इर्द-गिर्द ऐसा होते देखें तो चुप न रहे।  आगे बढ़कर बचा लें एक ज़िन्दगी को।

25 comments:

vandana gupta said...

दिव्या जी क्या सच मे ऐसा हुआ है ?

ZEAL said...

वंदना जी , दैनिक भास्कर के प्रथम पृष्ठ पर प्रथम समाचार है ये !

Aruna Kapoor said...

..इस घटना के तह तक जाना चाहिए!...ऐसे नरपिशाचों को तिल तिल कर के मृत्यु दंड दिया जाना चाहिए!

दिवस said...

ह्रदय विदारक
असंवेदंशीक जनता क्या चाहती है? आज जो आपके पडोसी के साथ हो रहा है, कल आपके साथ भी हो सकता है। ज़रूरत है इस हैवानियत को खत्म करने की न कि उसे पोसने की।
जब तक एक भी इंसान हैवान है तब तक चैन से मत बैठो। वो बच्ची किसी और का खून थी। आज आप भी व्यस्तता के चलते अपने बच्चों को अपने भाई-बहन अथवा पडोसी को कुछ समय के लिए सौंप अपने काम पर चले जाते हो। यदि आपका पडोसी राजेश और बेबी नामक दो नर पिशाच हुए तो पछताते रह जाओगे। अत: ज़रूरत है इस हैवानियत को खत्म करने की। राजेश और बेबी कहीं भी मिल सकते हैं, इन्हें अनदेखा मत कीजिये। ऐसे हैवानों को उसी प्रकार मारना होगा जैसे इन्होने उस फूल सी बच्ची को मारा है।

Bharat Bhushan said...

दिल को दहला देने वाली घटना है. गोद लिए जाने के बाद कई बच्चे ऐसे दर्दनाक हालात में चले जाते हैं. घोर निंदनीय.

mukti said...

ऐसे लोग मनोरोगी होते हैं. पड़ोसियों को ऐसी किसी भी घटना की भनक मिलते ही पुलिस में शिकायत करनी चाहिए.

रचना said...

some days before also a similar incident happend

aap ne sahii kehaa दो नरपिशाचों

प्रवीण पाण्डेय said...

सच में नरपिशाच..

रेखा श्रीवास्तव said...

ऐसे नर पिशाचों की कमी नहीं है. यहाँ तो गोद लिया हुआ बच्चा था . कई तो अपने सौतेले बच्चे के साथ जो कि माता पिता दोनों में से किसी एक का तो सगा होता है . इस तरह से अत्याचार करते पाए जाते हैं .

महेन्‍द्र वर्मा said...

दिल दहला देने वाली घटना है।
राक्षसों से भी ज्यादा क्रूर हैं ये लोग।

गिरिजा कुलश्रेष्ठ said...

यों तो अखबार रोज ही बुरी घटनाओं का दस्तावेज रहता है । आज तो दिल दहल गया ।

Maheshwari kaneri said...

सच में ऐसे नरपिचासो को छोड़ना नही चाहिए..

दिवस said...

मैंने अखबार में यह पूरी खबर अभी पढ़ी। वास्तव में वे दोनों माँ-बाप किसी नर पिशाच से कम नहीं हैं। मैंने उस मासून बच्ची की तस्वीर भी देखि। छ: वर्षीय बच्ची इतनी सुंदर कि कोई उसे धीरे से तमाचा भी न मार सके और इन नर पिशाचों ने उस मासून की इतनी बेरहम हत्या कर दी। उसका खून से लथपथ शरीर देखा नहीं जा रहा था।
आपसे अनुरोध है कि इन हत्यारों के लिए नर पिशाच से भी गन्दा कोई शब्द हो तो सुझाएँ। पाठकों से भी अनुरोध है कि दुनिया इ सबसे बड़े दरिंदों को कौनसी गाली पदनी चाहिए, वह बताएं।
मन खराब हो रहा है खबर पढ़कर। बार-बार उस मासून का चेहरा सामने आ रहा है।

दिवस said...

मेरा मानना तो यह है कि इन निर्दयी हत्यारों को बिलकुल वही यातनाएं दी जानी चाहिए जो उन्होंने उस मासून को दी। और ant में इनकी सज़ा-ए-मौत भी ठीक वैसी ही होनी चाहिए।
सोचिये उन दरिंदों में किस हद तक दरिंदगी रही होगी जिन्होंने उस मासून को तीन बार दीवार से इतनी जोर से भाचीदा की तीसरी चीख में उस बेचारी के प्राण नकल गए?

Rohit Singh said...

एक सवाल औऱ उठता है आखिर जिन्होंने अपने बच्चे को गोद दिया क्या वो सोते रहे इतने वर्षों तक। या गोद ली गई लड़की शिवानी को लड़की होने की कीमत चुकानी पड़ी।

Anupama Tripathi said...

अक्षम्य कृत्य ...हृदय विदारक ....!!!!

क्या कहा जाये ...!!

सूबेदार said...

यही है नर पिशाच------.

प्रतिभा सक्सेना said...

पशुओँ से भई गया-बीता होता जा रहा है इंसान -उन्हें सबके सामने दंडित किया जाना चाहिये !

Prabodh Kumar Govil said...

Media me yah ghatna ek 'news' ki tarah padhee thi, aapne ise kadwee dawa ki tarah de diya. Man baad me swasth ho jayega kintu abhi to ajeeb sa hai.

मन्टू कुमार said...

:(

संध्या शर्मा said...

आज 29/09/2012 को आपकी यह पोस्ट ब्लॉग 4 वार्ता http://blog4varta.blogspot.in/2012/09/4_29.html पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

Rekha Joshi said...

मार्मिक ,घोर निंदनीय ,ऐसे नर पिशाचों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए

DR. ANWER JAMAL said...

अपना हित सुरक्षित हो तो यहाँ कोई किसी से बुरा बनना पसंद नहीं करता .

Suresh sahani said...

बहुत ही निंदनीय कृत्य!जनता को अभियोजक और दंडाधिकारी दोनों की भूमिका का निर्वहन करना होगा|

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