उत्तर प्रदेश में मुस्लिम जमात को लुभाने के लिए कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने सभी चुनावी आचार संहिता को धत्ता बताते हुए मुस्लिम-आरक्षण का विज्ञापन देने की चेष्टा की। लेकिन एलेक्शन-कमीशन ने इस प्रकार के घटिया 'लोलीपॉप' का विज्ञापन करके वोट लूटने पर रोक लगा दी है। कांग्रेस की दाल नहीं गली, क्योंकि बिना मुस्लिमों को लुभाए उन्हें वोट मिलना आसान नहीं।
8 comments:
बहुत सटीक प्रस्तुति!
ये कॉम हि ऐसी है कि खुद के कॉम को भी ठगती है और दूसरे कॉम के लोगों को भी नुक्सान प्न्हुन्चाती है ऐसा सिर्फ भारत में हि नही है सभी जितने भी देश इस्लामिक हैं सब इसी तरह से व्यस्त हैं...किसी ने भी तरक्की नही कि...स्वार्थ, आतंक...इत्यादि में लिप्त रहना इनकी फितरत है...और इसे आज तक समझा भी नही जा सका है क्यूंकि ये ना तो किसी ग्रन्थ और शास्त्र का पालन करते हैं और ना हि किसी सिद्धांत का ये सिर्फ कठमुल्ले कि बनाई नीतियों का पालन करते जिस कारण नैतिकता से सैकड़ों मिल दूर रहते हैं
आपने बिलकुल सही कहा,.....
NEW POST...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
लकड़ी की काठी बार-बार चुल्हे पर नहीं चढ़ती...यही बात इन लोगो को समझ नहीं आ रही....परिवर्तन हो रहा है पर धीरे-धीरे....असर चुनाव में दिखेगा ही.....यूपी चुनाव में असर क्या होता है ये देखना बाकी है।
कानून को लागू करने वाली कोई संस्था तो है जो सक्रिय है. अच्छा लगता है ऐसा देख कर. अन्यथा ये लोग अन्य को बेवकूफ बनाते रहते हैं.
कोई बात नहीं, कांग्रेस को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। वे अपना वही मुजरा जारी रखें जो वे ६५ वर्षों से मुल्लों के आगे करते आए हैं। और वैसे भी ये मुल्ले किसी भी हालत में हिन्दूद्रोहियों (कांग्रेस) का साथ कभी नहीं छोड़ने वाले। सो फ़िक्र नॉट कांग्रेस...
चुनाव आयोग और क्या करे?
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