सबको आजादी चाहिए ! अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में देशद्रोह , दुश्मन मुल्कों को ख़ुफ़िया एवम संवेदनशील जानकारियों का दिया जाना , किसी को बलात्कार की आजादी चाहिए , किसी को राशन कार्ड की आजादी चाहिए ! किसी को पटरी उखाड़ने की आजादी तो किसी बसें फूंकने की आजादी चाहिए !किसी को तीन तलाक की आजादी चाहिए तो किसी को इंशा अल्लाह देश के टुकड़े करने की आजादी चाहिए ! संसाधनों और बुद्धि का इतना दुरूपयोग अन्यत्र कहीं नहीं देखा ! अभिव्यक्ति कि आजादी ? या हरकतबाजियों की आजादी ?