Wednesday, December 14, 2016

प्रेम

प्रेम की उम्र बहुत छोटी होती है । किन्तु यदि इस बात की अभिलाषा हो कि प्रेम अखंड और अक्षुण् रहे तो कभी भी उसे प्राप्त करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। एक बार यदि पा लिया तो उसका खो जाना तयशुदा है । जो अप्राप्य है वही सर्वव्याप्त है । प्राप्त होते ही सिमट जाता है । और फिर विलीन । प्रेम यदि आत्मा के स्तर पर रहे तो अखंड रहता है ।