सर्व-प्रथम ब्लॉग-सम्मान आयोजित करने वाले ब्लॉगर श्री रवीन्द्र जी को बधाई एवं शुभकामनाएं इस आयोजन के लिए।
आजकल ब्लॉगजगत में गहमा-गहमी है। हर तरफ दशक का ब्लॉगर और दशक का चिट्ठा ही चर्चा का विषय बने हुए हैं। असंख्य आलेख आ चुके हैं इस पर। लेखकों में संतोष कम और असंतोष ज्यादा दिख रहा है। अतः यह ध्यान देने की ज़रुरत है की ऐसा क्यों है।
जज अथवा निर्णायक बनना एक अति-दुरूह कार्य है। इसके लिए "निष्पक्ष" होना पहली शर्त होती है। अर्थात निर्णायक मंडल को दोस्तीदारी और निज-हित से ऊपर उठकर इस सम्मान का सम्मान करना होगा , निर्णय और चयन प्रक्रिया के दौरान।
आचार्य चाणक्य के अनुसार , किसी भी कार्य को करने से पूर्व बहुत भली प्रकार से सोच बिचार लेना चाहिए की हम ये काम क्यों शुरू करने जा रहे हैं और इस कार्य से समाज को कितना लाभ हो रहा है।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता होना बहुत ज़रूरी है। जैसे चुनाव के दौरान EVM मशीन में घोटाले होते हैं , उस प्रकार नाम के आगे बने गोलों में मतदान करने और सही परिणाम के उल्लिखित होने पर संशय बना रहता है।
निज कटुता के चलते कुछ ब्लॉगर्स की टिप्पणियां हटा दी जा रही हैं और मोडरेट भी कर दी जा रही हैं। सूचना मिली है की कुछ लोगों द्वारा अपनी पसंद का नाम देने पर उसे दर्शाया तो गया लेकिन २४ घंटों के अन्दर उस नाम को हटा भी दिया गया। इस प्रकार की हरकतों से आयोजक की मंशा संशय के दायरे में आ जाती है। और उनकी निष्पक्षता पर संदेह भी होता है।
चुनाव प्रक्रिया बेहद पारदर्शी होनी चाहिए। इसके लिए सर्वप्रथम एक नामों की सूची जारी करनी चाहिए । उसमें नामांकन , ब्लॉगर द्वारा स्वयं होना चाहिए। फिर उन नामों पर अन्य ब्लॉगर्स द्वारा वोटों के मिलने पर उनकी गणना होनी चाहिए। ब्लॉगर से ये अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए की वह अपना मत , अपने लिए इस्तेमाल कर सके। कभी-कभी यही एक मत निर्णायक साबित होता है।
जो संख्या अभी , दर्शायी जा रही है उस पर भी लोगों को संदेह है। अतः किसी के भी मन में आयोजक के प्रति कोई शक न आये इसके लिए मतदान कमेन्ट के माध्यम से होना चाहिए। जिसे सभी लोग देख सकें और अपने मन में किसी प्रकार का संशय न पालें।
बहुत से लोगों को यह भी आपत्ति है की इस सम्मान का नाम दशक का ब्लॉगर नहीं होना चाहिए, क्यों जो नाम सामने आये हैं उनमें से शायद ही किसी ने एक दशक पूरा किया हो। और कोई भी सम्मान उसके कार्य-काल की अवधी से नहीं अपितु उसकी योग्यता के आधार पर मिलता है। अतः मेरे विचार से इस समान का नाम " दशक का ब्लॉगर" न होकर "ब्लॉगर सम्मान--2011 हो तो बेहतर होगा। इससे एक लाभ यह भी होगा बुज़ुर्ग के साथ युवा ब्लॉगर्स को भी मौक़ा मिल सकेगा।
चूँकि मतदान करने वालों में युवा भी शामिल है और नवोदित भी शामिल है , जिसने दशक के चिट्ठाकारों को एक दशक तक पढ़ा ही नहीं है , अतः वे उनकी योग्यता से पूरी तरह परिचित ही नहीं हैं, फिर वे पूरे दशक में किये गए योगदान को जाने बगैर मतदान कैसे करेंगे? इस परिस्थिति में भी इसे दशक का नहीं बल्कि 2011 का सम्मान कहना ही ज्यादा उचित प्रतीत हो रहा है।
आयोजक को यदि अपने आयोजन को त्रुटी-रहित बनाना है तो आलोचनाओं को संज्ञान में लेना ही होगा। त्रुटियों को दूर करना होगा। चयन-प्रक्रिया पारदर्शी करनी होगी और इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि किसी के भी मन में द्वेष और वैमनस्य और निराशा न स्थान लेने पाये। क्योंकि हमारा उद्देश्य तो लेखकों को प्रोत्साहित करना है, उन्हें हतोत्साहित करना नहीं।
कुछ लेखक अपनी मर्यादाओं को लांघ रहे हैं । खुद को बेहतर और सुझाव देने वालों को लघुतर समझ , उनसे अपमान जनक भाषा में बात , दोषारोपण और कीचड उछाल रहे हैं । जो लेखनी का अपमान है। माँ सरस्वती का अपमान है। अक्षम्य है।
मेरे विचार से इस चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सफल बनाने के लिए इसे पुनः शुरू करना चाहिए, जिसमें आयोजन के नियम वा शर्तों का स्पष्ट उल्लेख करके ब्लॉगर्स द्वारा टिप्पणी के माध्यम से नामांकन आमंत्रित करना चाहिए।
एक निश्चित अवधी के बाद जब नामांकन-प्रक्रिया पूरी हो जाए तो चयन हेतू लोगों को मतदान के लिए आमंत्रित कीजिये ।
एक से ज्यादा वोटों को और बोगस वोटों को रोकने कि समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
मैं अपनी पसंद के कुछ ब्लॉगर्स का नाम लिख रही हूँ। मेरी इच्छा है इन लेखक/लेखिकाओं के नामों को भी उस सूची में शामिल किया जाए।
१-वंदना गुप्ता
२-रचना
३-प्रतिभा सक्सेना
४-माहेश्वरी कनेरी,
५-जेन्नी शबनम,
६-फिरदौस,
७-शिल्पा मेहता,
८-अंशुमाला,
९-पल्लवी
१०-घुघूती बासूती,
११-पारुल,
१२-संगीता स्वरुप,
१३ संगीता पुरी,
१४- राजेश कुमारी,
१५-अदा
१६-रश्मि प्रभा
१७- सदा
१८-रश्मि रवीजा,
१९-विभा रानी श्रीवास्तव
२०-अंजू चौधरी
२१-मृदुला
२२-डॉ अरुणा कपूर
२३-सोनल रस्तोगी
२४- अनीता
२५-निर्मला कपिला
२५-रेखा श्रीवास्तव
२६-वाणी गीत
२७-अराधना
२८-निवेदिता
२९-वंदना अवस्थी दूबे
३०- कविता रावत
३१-क्षमा
३२- सुनीता शानू
३३-शोभना चौरे
आशा सक्सेना
आशा जोगलेकर
साधना वैद्य
रंजू भाटिया
मृदुला प्रधान ,
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१- श्री भारत भूषण
२- पी सी गोदियाल
३-लोकेन्द्र सिंह राजपूत,
४ -महेंद्र वर्मा
५- प्रतुल वशिष्ठ
६- दिवस गौड़
७- दिनेश ( रविकर)
८- वाणभट्ट
९- वीरू भाई
१० संजय कटानवरे
११- अनूप शुक्ल
१२ रवि रतलामी
१३-अरविन्द मिश्र,
१४-अनवर जमाल,
१५-मंसूर अली
१६- अली
१७-ए एस मासूम।
१८-अमित श्रीवास्तव
१९-अरुण साथी
२०- कुंवर जी
२१-कुंवर कुसुमेश
२२ - अजय कुमार झा
२३ -रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
२४- चंद्रभूषण - गाफिल
२५- डॉ दराल,
२६- केवल राम
२७- संजय मो सम कौन
२८- कुश्वंश
२९- डॉ भोला-कृष्णा
३०-उन्मुक्त
३१-मनोज भारती
३२-मनोज ( विचार)
३३-सतीश पंचम
३४ -सुरेश चिपलुनकर
३५- संजय बोंगाडी
३६ -खुशदीप
३७- दिनेश राय दिवेदी
३८-सतीश सक्सेना
३९-राजेश उत्साही
४० -राकेश कुमार
४१- मुकेश पांडे (चन्दन)
४२-प्रवीण पण्डे
४३-प्रवीण शाह
४४-दीर्घतमा,
४५-पी एन सुब्रमन्यन
४६-जय कृष्ण तुषार
४७-सुरेन्द्र झंझट
४८-राहुल सिंह
४९-हंसराज सुज्ञ
५०-कैलाश शर्मा
५१-अलबेला खत्री
५२- डॉ श्याम गुप्त
५३-गिरीश बिल्लोरे
५४ -फिलिप शास्त्री
५५-दीपक बाबा
५६-अंतर सोहिल,
५७-महेंद्र श्रीवास्तव
५८- राजेन्द्र स्वर्णकार।
५९-कौशलेन्द्र।
६०- समीर लाल
६१- रजनीश झा।
६२-डॉ राजेंद्र तेला
६३-ललित शर्मा
६४-दीप पाण्डेय,
६५-विचार शून्य
६६- अमित शर्मा
६७-हरदीप राणा 'कुंवर जी'
६८-अविनाश चंद्र
६९-मुकेश कुमार सिन्हा,
७०-आशीष राय
७१-रतन सिंह शेखावत
७२-यशवंत,
७३-हिंदी ब्लॉग टिप्स,
७४-चंद्रमौलेश्वर।
७५-गिरधारी लाल खंकरियाल
७६-भारतीय नागरिक
अविनाश वाचस्पति
अरुण चन्द्र राय
हिमांशु,
अमरेन्द्र त्रिपाठी।
सुनील दत्त,
विश्वजीत,
मान सिंह पवार,
विनीत कुमार सिंह
काजल कुमार।
उदयवीर सिंह
सुबीर रावत।
दिलबाग विर्क
डॉ आशुतोष मिश्र।
मरणोपरांत भी ब्लॉगर्स को सम्मानित किया जाए--
१- डॉ अमर कुमार,
२- डॉ रूपेश श्रीवास्तव
३-हिमांशु मोहन
मुझसे अनजाने में कहीं कोई त्रुटी रह गयी हो तो क्षमा अपेक्षित है ।
सम्मान समारोह को बेहतर बनाने के लिए विद्वान् पाठकों कि राय आमंत्रित है।
Zeal