राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे से राहत कार्यो
में खलल पड़ने पर उठ रहे सवालों पर आइटीबीपी ने अपनी मुहर लगा दी है.
आइटीबीपी के महानिदेशक अजय चढ्डा ने स्वीकार किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष के
ठहरने के लिए गोचर स्थित आइटीबीपी कैंप के आफिसर्स मेस में
जगह बनाई गई थी. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के लिए अब इस पर सफाई देना
मुश्किल हो सकता है. ध्यान देने की बात है कि पिछले हफ्ते नरेंद्र मोदी के
उत्तराखंड दौरे के बाद शिंदे ने वीवीआइपी को राज्य से दूर रहने की नसीहत दी
थी. इसके बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था.
कैंप खाली कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर अजय चढ्डा ने कहा कि राहुल गांधी को एसपीजी की सुरक्षा होने के मद्देनजर उन्हें आइटीबीपी के गोचर स्थित कैंप में ठहराने का फैसला किया गया और इसके लिए कैंप के आफिसर्स मेस में विशेष व्यवस्था की गई. जाहिर है पिछले 10 दिनों से राहत और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे आइटीबीपी के अधिकारियों को कैंप के ही दूसरे हिस्से में स्थानांतरित करना पड़ा. आइटीबीपी के इसी कैंप में राहुल गांधी ने रात गुजारी थी. गौरतलब है कि इसी दिन राहत व बचाव में लगे एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से आइटीबीपी के 15 जवान शहीद हो गए थे.
राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे और आइटीबीपी के कैंप में उनके ठहरने को सही ठहराना गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के लिए मुश्किल साबित हो सकता है. इससे पहले वीवीआइपी को उत्तराखंड से दूर रहने की नसीहत के बाद भी राहुल के दौरे पर शिंदे को सफाई देनी पड़ी थी. राहुल के दौरे के बाद अपने बयान से पलटते हुए सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार को कहा था कि उक्त सलाह शुरू के तीन-चार दिनों के लिए थी. अब वहां हालात काफी सुधर गए हैं इसलिए कोई भी वीवीआइपी राज्य में जाकर राहत व बचाव कार्यो की निगरानी कर सकता है.
कैंप खाली कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर अजय चढ्डा ने कहा कि राहुल गांधी को एसपीजी की सुरक्षा होने के मद्देनजर उन्हें आइटीबीपी के गोचर स्थित कैंप में ठहराने का फैसला किया गया और इसके लिए कैंप के आफिसर्स मेस में विशेष व्यवस्था की गई. जाहिर है पिछले 10 दिनों से राहत और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे आइटीबीपी के अधिकारियों को कैंप के ही दूसरे हिस्से में स्थानांतरित करना पड़ा. आइटीबीपी के इसी कैंप में राहुल गांधी ने रात गुजारी थी. गौरतलब है कि इसी दिन राहत व बचाव में लगे एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से आइटीबीपी के 15 जवान शहीद हो गए थे.
राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे और आइटीबीपी के कैंप में उनके ठहरने को सही ठहराना गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के लिए मुश्किल साबित हो सकता है. इससे पहले वीवीआइपी को उत्तराखंड से दूर रहने की नसीहत के बाद भी राहुल के दौरे पर शिंदे को सफाई देनी पड़ी थी. राहुल के दौरे के बाद अपने बयान से पलटते हुए सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार को कहा था कि उक्त सलाह शुरू के तीन-चार दिनों के लिए थी. अब वहां हालात काफी सुधर गए हैं इसलिए कोई भी वीवीआइपी राज्य में जाकर राहत व बचाव कार्यो की निगरानी कर सकता है.