Friday, April 6, 2012

जय श्री हनुमान

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु , जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहू कलेस बिकार॥

समस्त भारतवासियों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं।

Zeal

11 comments:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

जय बजरंगबली

अंजना said...

आपको भी हनुमान जयंती के शुभावसर पर ढेर सी हार्दिक शुभकामनाएँ ।

Rajesh Kumari said...

aapko bhi shree Hanumaan jayanti ki shubhkamnayen.

अरुण चन्द्र रॉय said...

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपीश तिहु लोक उजागर
राम दूत अतुलित बलधामा
अनजानी पुत्र पवन सूत नामा

लोकेन्द्र सिंह said...

आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं...

आचार्य परशुराम राय said...

आपको भी हनुमान जयन्ती पर हार्दिक शुभकामनाएँ।

Bharat Bhushan said...

आपको भी हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह!!!!!!बहुत सुंदर रचना,अच्छी प्रस्तुति........

MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....

Anonymous said...

!!राम भक्त जहँ सुरसरी धारा , सरसई ब्रम्ह बिचार प्रचारा!!
हनुमान जी का नाम लेते ही श्री राम (ब्रम्ह) ज्ञान स्वतः ही प्रवाहित होने लगता है !!
जय श्री राम !! जय हनुमान !!

Unknown said...

अच्छी प्रस्तुति,

Rakesh Kumar said...

हनुमान का स्मरण,ध्यान अलौकिक
आनन्द का अहसास कराता है
राम जी से मिलन कराने का रसायन है उनके पास.
बहुत बहुत शुभकामनाएँ.