Thursday, May 24, 2012

एक खुशखबरी-

एक खुशखबरी- --- गेहूं खराब बताकर खरीदे न जाने पर, गुस्साए किसानों ने खाद्य आपूर्ति अधिकारी की पिटाई की....कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर किसानों का गेहूं तुलवाया और सबके गेहूं बिकवाये.....

आत्महत्या नहीं अब रण होगा।
युद्ध बड़ा भीषण होगा।

जय हिंद !
जय किसान !

Zeal

8 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

किसानों को उनके गेहूँ का मोल मिले..

निर्मला कपिला said...

वाकई खुश खबरी।

दिवस said...

कब तक लुटते-पिटते-ठुकते रहें? सब्र का बाँध भी टूटता है। जो हुआ, उसे तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
अब मरना नहीं मारना है।

Maheshwari kaneri said...

खुश्खबरी के साथ- साथ ये तो जाग्रति भी है...

Maheshwari kaneri said...

खुश्खबरी के साथ- साथ ये तो जाग्रति भी है...

Bharat Bhushan said...

सबक सिखाने की भी आवश्यकता पड़ती है.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

खुश्खबरी तो है किसानो के लिये,...लेकिन अक्सर किसानो के साथ ऐसा होता रहता है,,,,,,,

surenderpal vaidya said...

अच्छी खबर है । आत्महत्या के पलायनवादी रास्ते से बेहतर है अपने अधिकारोँ के लिए संघर्ष करना । लगता है देश का किसान जाग्रत हो रहा है ....।