Monday, December 28, 2015

आम जनता असहिष्णु बनी "चौकीदारी" पर है !

देश में २०१४ के पहले हुयी अनियमितताओं और अत्याचारों के लिए तत्काल सरकार को दोष देना बहुत सुलभ और सहज था लेकिन नयी सरकार को किसी भी बात के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि चौकीदारी पर बैठी जनता जनार्दन अचानक असहिष्णु हो उठती है ! निराश होकर कुछ लेखकों ने सारे अपराधों के लिए स्वयं को ही जिम्मेदार कहना शुरू कर दिया ! उन्होंने लिखा कि -"निर्भया हम शर्मिंदा हैं कि तुम्हारे साथ अन्याय हुआ " खैर सरकार दोषी नहीं, संविधान में खामियां नहीं, न्यायलय में गांधारियां हैं , नाबालिगों का दोष नहीं , और सत्य लिखने वालों की खैर नहीं !
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आज नया अपराध सामने आया ! दो नाबालिग लड़कियों ने अपनी ही एक सहेली के साथ दुष्कर्म करवाया ! दोषी तो कोई है नहीं ! दो चार सज्जन पुरुष खुद को शर्मिन्दा कहकर किनारे हो लेंगे !
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आजके तीसरे समारचार में एक गुंडे युवक ने पत्नी के ससुराल जाने से इंकार करने पर , अपनी पत्नी और सास को केरोसिन डालकर ज़िंदा जला दिया ! ऐसे दरिंदे के घर कोई पागल ही होगी जो जाएगी !
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दोषी तो कोई है नहीं ! क़ानून अंधा और सरकारें लाचार ! आम जनता असहिष्णु बनी "चौकीदारी" पर है ! हो रहा भारत निर्माण !
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#Digital India

4 comments:

Mohini Puranik said...

बहुत सटीक विचार दिव्याजी, हमेशा की तरह।

Mohini Puranik said...

बहुत सटीक विचार दिव्याजी, हमेशा की तरह।

अजय कुमार झा said...

आपने सही कहा कि जनता फिलहाल बकवास मुद्दों पर ही बवाल काट रही है , हालात दिनों दिन अधिक दुरूह होते जा रहे हैं ..क़ानून का डंडा कमज़ोर होने से नागरिकों की शामत आ जाती है यही हो रहा है

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

बेहद प्रभावशाली.....बहुत बहुत बधाई.....