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Sunday, July 8, 2012

बलात्कार करो !...मैं हूँ न !.. मैं बचा लूंगी (क्योंकि मैं कांग्रेस हूँ )

देश के कर्णधार जब बलात्कार करते हैं , तब उन पर ऊँगली तक नहीं उठती, क्योंकि मीडिया को खरीद लिया जाता है । पीड़ित युवती को उसके माता-पिता के साथ-साथ , उसके अन्य रिश्तेदारों को भी मरवा दिया जाता है। ताकि सब कुछ शांत हो जाये और बलात्कारी , निर्विवाद, निर्भय होकर अगले शिकार को सुकून के साथ कर सके। अश्लील वीडियो तो कांग्रेस की पहचान हैं ही, अब बलात्कारी बनेंगे प्रधानमन्त्री। -- जय हो-- हो रहा भारत निर्माण !

यदि आपकी आत्मा सोयी न हो तो पढ़िए एक फेसबुकिया 'अमित तेवरिया निशब्द' के शब्दों में एक दिल देहला देने वाली वीभत्स कहानी--


समझ में नही आता कि कहाँ से शुरू करू ?-

इस कांड का ना और दिखता हैं ना कोई छोर,,मज़े की बात ये हैं कि कांग्रेसियों की लघु शंका से लेकर दीर्घ शंका तक को परोसनेवाली बिकाऊं मीडिया ने राहुल गाँधी के बलात्कारी प्रकरण को एक बार भी टेलीकास्ट नही किया .....

इसे कहते हैं वफादारी ....

हमारे देश के कई मुलायम जैसे नेताओ ने गिरगिट की तरह रंग बदलना तों सीख लिया काश कुत्ती मीडिया से थोड़ी वफादारी भी सीख लेते ?

राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट मे हलफनामा दिया हैं कि उनके उपर सुकन्या के बलात्कार का मामला जो यूपी हाईकोर्ट मे चल रहा है उसे रद्द किया जाये , क्योकि वो किसी का बलात्कार कर ही नही सकते .. लेकिन राहुल गाँधी ने इसका कारण क्यों नही बताया कि आखिर वो किसी लड़की का बलात्कार क्यों नही कर सकते ?

भाई शादी हुई नही, रेप किया नही तो 41 साल की उमर में हस्तमैथुन से काम चला रहे हो क्या?
या फिर बात कुछ और है?गेस्ट हाउस का सरकारी चौकीदार जो रेप का एहम गवाह है, वो गत अक्टूबर से गायब है ? एंट्री रजिस्टर से उन दिनो के पन्ने निकाल के फाड़ दिए गये है | यह बात लोअर कोर्ट मे दाखिल नही थी..
थोक कच्ची सब्जी खरीदी के बिल पर उस दिन राहुल के दस्तख़त है जो डिलीवरी कूक और गार्ड की गैरमोजूदगी मे राहुल ने रिसीव किए थे, रेप रूम मे राहुल के स्पर्म और बाल मिले थे, तों फिर डीएनए जांच के लिए तैयार क्यू नही ? या परम्परा हैं कांग्रेस की कि जब तक पीछे लठ्ठ ना दो तब तक खून नही निकलेगा ? नारायण दत्त तिवारी का खून भी बड़ा बलिदानी था ....

मेरा सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए अनुरोध है कि आप राहुल गाँधी के बयान को सही माने और इज़्ज़त के साथ बरी कर दे. क्योकि यह नेहरू और इंदिरा गाँधी परिबार से जुड़े है और राजीव गाँधी के साथ सोनिया की हराम की कमाई के मालिक है और कोकीन का शौक रखने पर 3 बार पुलिस ने इसे पकड़ा लेकिन नेहरू परिबार के कारण कुछ नही किया. बल्कि इनकी गर्ल फ्रेंड किसी ड्रग माफिया की लड़की बनी अब मालूम नही की वो बहन की तरह रहती थी या और तरह से थी. आज इनकी माँ का राज है तब आप क्या कर सकते है????

यह केस काफ़ी पुराना है जिसमे किशोर समरिते ने राहुल और उसके कुछ साथियों पर सुकन्या देवी नाम की लड़की का रेप का आरोप लगाया था. ये लड़की कांग्रेस वर्कर की बेटी है. जब ये मामला कोर्ट में आया तभी से सुकन्या और उसके माँ - बाप को गायब कर दिया गया था. हाइ कोर्ट ने राहुल को नोटिस जारी किया था की 15 दिनों के अंदर जवाब दो. लेकिन इसी बीच दिग्गी के समर्थक जज का दूसरा बेंच बनाया गया और बिना राहुल के जवाब के सुनवाई कर दी गई जिसमें 50 लाख का जुर्माना लगा दिया गया. (हमारा और आपका मामला होता तो सालों-साल तक कोर्ट में केस चलता रहता- लेकिन राहुल राजकुमार के लिए 15 दिन का भी इंतजार नहीं किया गया और दूसरा बेंच बैठा कर जुर्माना लगा दिया गया- तो ये है हमारा लोकतंत्र - गाँधी परिवार के लिए अलग और आम जनता के लिए अलग). किशोर समरिते ने आरोप लगाया था की सुनवाई के दौरान कोर्ट में नकली सुकन्या और उसके नकली माँ-बाप को पेश किया गया था जबकि उन सबकी हत्या कर दी गई है. राहुल यदि सच्चा है तो उन सबको मीडिया के सामने लाए.

पहले गाँधी ना जाने कितनो का रेप करके महात्मा बन गया और अब ये गाँधी आया है जो रेप कर कर के प्रधाम मंत्री बन जाएगा...., जैसे उत्तर प्रदेश सरकार रेप करने वालो को मुआवज़ा दे रही है वैसे ही गाँधी वादी रेप कर के मंत्री पद बाँट देते है...

झूठे आरोप के सन्दर्भ में आम लोगों के जेहन में उभरने वाले सवाल:- (1) इतने घृणित आरोप उसने क्यों लगाये? (2) समाजवादी मुखिया की चुप्पी के पीछे क्या है? (3) कॉंग्रेस के बड़बोले नेता मौन क्यों हैं (4) समाजवादी पार्टी ने विधायक को दल से क्यों नहीं निकाला? (5) समर्थन लेने वाली कॉंग्रेस और देने वाली समाजवादी इन दोनों की नीचता की हदें क्या हैं? (6) क्या कोई माँ इस प्रकार चुप्पी साधेगी (7) आरोपी की चुप्पी क्या जताती है?

समरथ को नहीं दोष गोसाई. प्रभावशाली व्यक्ति कुछ भी कर सकता है. क़ानून भी उसी का साथ देते हुए दिखाई देता है. और फिर बात राहुल गाँधी की हो तो बात ही कुछ और है. यही घटना यदि गाँधी परिवार में घटी होती तो सारे एक होकर उसे मार डालते. कहा गया है ग़रीब की लुगाई सबकी भोज़ाई. जिसकी मर्ज़ी जो चाहो सो करो कोई रोकने टोकने वाला नही सब तुम्हारे साथ है.

अजीब फ़ैसला है कोर्ट का, आरोपी को माफी और शिकायत कर्ता को सज़ा. वो भी आरोपी के कहने मात्र से,
आज सुकन्या बहिन को न्याय की दरकार हैं,और मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करूँगा कि इसे इतना शेयर कीजिये ,,इतना शेयर कीजिये ,,कि बिकाऊ मीडिया और कोर्ट दोनों को ही हमारी एकता एवं शक्ति का आभास हो जाये ,,जिससे फिर कोई सुकन्या ना बन सके ,,जिससे फिर कोई भी अपने रसूख की डोर पर किसी अबला के कपड़े ना टांग सके ......

वन्देमातरम................................................................इन्कलाब जिंदाबाद


अमित तेवतिया (निःशब्द)

 


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