भारत देश में पढ़े-लिखे , ईमानदार और सत्यनिष्ठ लोगों की इज़्ज़त नहीं होती ! उन्हें अपमानित और प्रताड़ित किया जाता है ! येन केन प्रकारेण , दो कौड़ी के ढकोसलेबाज़ कुर्सी तक पहुँच जाते हैं और मनमानी करते हैं ! देशवासियों और देश के उत्थान से कोई सरोकार नहीं होता उन्हें !
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सत्य ही कहा था किसी ने -
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एक दिन ऐसा आएगा ,
हंस चुगेगा दाना तिनका
कौवा मोती खायेगा ..
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सत्य ही कहा था किसी ने -
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एक दिन ऐसा आएगा ,
हंस चुगेगा दाना तिनका
कौवा मोती खायेगा ..