बाटला एनकाउंटर पर दिग्विजय ने कहा- "फेक एनकाउन्टर है " , चिदंबरम ने कहा -"genuine एनकाउन्टर है" , खुर्शीद ने पहले कहा फूट-फूट कर सोनिया रोई, फिर बयान से मुकर गए बोले-"केवल भावुक हुयी थी" , फिर परवेज़ महोदय का बयान आया - "वे न रोई, न भावुक हुयी, बस चिंतित हुयी" , फिर कांग्रेस प्रवक्ता ने पूरे प्रकरण को अपने अट्टहास के नीचे दबा दिया । मुसलामानों के वोट को खरीदने के लिए कितना नीचे गिरेगी ये पार्टी ? पल पल बयान बदलती कांग्रेस टुकड़ों में बंटी। इन महान हस्तियों को पहले एक-राय हो जाना चाहिए था की चार साल पुराना मुद्दा कैसे कैश करना है। वैसे कांग्रेस मुसलामानों को जितना मूर्ख समझ रही है, वे उतना भी मूर्ख नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के आज़म खान ने कहा- "कांग्रेस अपना ड्रामा बंद करे" ।