दिव्या जी दिनकर जी कि एक कविता है...जो तटस्थ रहेगा, समय लिखेगा उसका भी इतिहास....यहां थोड़ा परिवर्तन करना पड़ेगा....जो मौन रहेगा, समय लिखेगा उसका भी इतिहास..हालांकि ईमानदार प्रधानमंत्री जी के कारण काफी कुछ रुका भी होगा ये पूरा विश्वास है मुझे....पर राजा जैसों पर अपना वीटो न देकर उन्होंने अपनी छवि पर ही चोट पहुंचाई थी....जैसा रुख उन्होंने परमाणु अप्रसार संधि के समय संसद में दिखाई थी अगर वैसी आधे मामलों में भी दिखा देते तो काफी बेहतर काम हो जाते।
8 comments:
जाकी रही भावना जैसी वाली कहावत है,सोच के मुताबिक़ ही न लिखेगा भारतीयों को जबाब देना भी आता है,..
NEW POST....
...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
...फुहार....: कितने हसीन है आप.....
well do you blame them if they think that way ... not just the pm but every other citizen tooo ...
Bikram's
सहनशीलता सहिष्णुता धर्मपरायनता भारतीय संसकृति
की शोंधि महक है हमारी कायरता नहीं .
सरफरोशी की ***************
दिव्या जी दिनकर जी कि एक कविता है...जो तटस्थ रहेगा, समय लिखेगा उसका भी इतिहास....यहां थोड़ा परिवर्तन करना पड़ेगा....जो मौन रहेगा, समय लिखेगा उसका भी इतिहास..हालांकि ईमानदार प्रधानमंत्री जी के कारण काफी कुछ रुका भी होगा ये पूरा विश्वास है मुझे....पर राजा जैसों पर अपना वीटो न देकर उन्होंने अपनी छवि पर ही चोट पहुंचाई थी....जैसा रुख उन्होंने परमाणु अप्रसार संधि के समय संसद में दिखाई थी अगर वैसी आधे मामलों में भी दिखा देते तो काफी बेहतर काम हो जाते।
बोल पाते तो ऐसे न होते..
पवित्र परिवार का नौकर है बोल भी कैसे सकता है ??
मनमोहन चाहे तर्क न करते हों लेकिन अमर्त्यसेन की पुस्तक को एक अर्थशास्त्री की दूसरे अर्थशास्त्री की छवि बचाने की कोशिश समज लेना चाहिए :))
एक मनमोहन ने कितनी छवि खराब कर दी। क्या विदेशियों ने दिग्गी को नहीं सुना, यदि सुन लेते तो क्या राय बनाते?
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