नंदी की सवारी, नाग अंगीकार धारी
नित संत सुखकारी, नीलकंठ त्रिपुरारी हैं।
गले मुंडमाला धारी,सर सोहै जटाधारी
वाम अंग में बिहारी, गिरिराज सुतवारी हैं।
सावन के सोमवार ९, १६, २३ और ३० को भगवान् शिव का उपवास रखकर अपने सभी मनोरथ पूर्ण कीजिये। -- हर हर महादेव !
Zeal
10 comments:
ये कोई 'गौड पार्टिकिल' नहीं हैं। साक्षात ईश्वर हैं , समस्त ब्रम्हांड के संचालक। हमारे भोलेनाथ।
हर हर महादेव ||
हर हर नहादेव्\
ओह्म नमः शिवाय.
भोलेनाथ को मनाना मुश्किल भी नहीं..
:-)
बोल बम
ओम् नमः शिवाय !
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (07-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
हर हर महादेव
जय हो जय हो
जय हो ...
ओउम नम: शिवाय .....
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