Monday, October 8, 2012

कांग्रेसियों को शौचालय का प्रसाद ज्यादा पसंद है क्या ?

जयराम रमेश ने हिन्दू-विरोधी बयान दिया। कहा की--"शौचालय मंदिर से ज्यादा पवित्र है"

  • इन कांग्रेसियों को हिन्दू धर्म का अपमान करने का अधिकार किसने दिया ? 
  • चर्चा में बने रहने के लिए हिन्दू-धर्म का अपमान करना ज़रूरी है क्या ? 
  • यदि मंदिर की जगह मस्जिद कहा होता तो मुल्लों ने जेहाद छेड़ दिया होता 
  • फतवा जारी हो चुका होता 
  • हिंसा भड़क चुकी होती भारत से इजरायल तक 
  • पार्टी से निलंबित हो चुका होता. 
चुल्लू भर पानी में डूब मरो सेक्युलर हिन्दुओं ! तुम्हारे कारण की आज हमारे धर्म का सरेआम अपमान हो रहा है।


4 comments:

पूरण खण्डेलवाल said...

जब तक हिंदू नहीं जागेगा तब तक यही होता रहेगा और हमारे धार्मिक चिन्हों का अपमान होता रहेगा !!

दिवस said...

जयराम को अपना नाम परिवर्तित कर लेना चाहिए। "राम" को बाहर कर मल्ल कर अपना नाम जय"मल्ल" कर देना चाहिए।
काहे मंदिर के राम की जय कर रहा है? इससे अच्छा तो पवित्र शौचालय के मल्ल की जय करे।

Arvind Jangid said...

अपमान तो हो ही रहा है, सत्ता परिवर्तन ही इसका एक उपाय शेष लगता है.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

क्या कहें!
सभी राजनीतिक दल कमोबेस ऐसे ही हैं!