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Saturday, December 25, 2010

माई नेम इस मोहन - मोहन की जवानी ...

जब तक पुरुषों पर जवानी ज्यादा छायी रहेगी , महिलाओं की जवानियाँ सड़क पर शर्मसार होती रहेगीबड़े फख्र से ये बतायेंगे की पुरुष कभी बूढ़े नहीं होतेएक्टिवे ही रहते हैंकुछ ज्यादा ही hyperactive हैं

आखिर पुरुष क्यूँ नहीं विरोध करते घृणित , गन्दी , अश्लील मानसिकता का ? समाज में मुन्नी बदनाम और शीला की जवानी जैसे भद्दे गाने चल रहे हैं , किसी को परवाह नहींकोई सरोकार नहींक्या इन्हें इतना भी भय नहीं की इनकी बेटियाँ इसी समाज में बड़ी हो रही हैंअच्छी से अच्छी शिक्षा भी बेकार जायेगी जब तक ये भोंडापन रहेगा समाज मेंपुरुषों को भी विरोध करना चाहिए

भला हो बनारस की जागरूक महिलाओं का , जिन्हें परवाह हैं अपनी संस्कृति कीकहीं तो विद्रोह हुआ इस अश्लील , गाने का कैटरीना और मल्लिका और राखी सावंत में अंतर क्या है ? भारत को पतन की तरफ की तरफ ले जा रही ये महिलाएं भयानक जुर्म कर रही हैंसंस्कृति को नीलाम कर रही हैंइनके खिलाफ भी कानून बनना चाहिए और कार्यवाई होनी चाहिए

ये महिलाएं ही जिम्मेदार है , बढ़ते हुए बलात्कार जैसी घटनाओं की और युवाओं की मानसिकता को विकृत करने कीआखिर वेश्याओं और इन महिलाओं में भला अंतर क्या हैफरहा खान तो हर-एक अभिनेत्री से अश्लील नाच करवाने के बाद ही उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब मिलने देगी

सुर्ख़ियों में रहने के लिए इतना नीचे गिरना जरूरी है क्या ?

एक इन्जिनीरिंग कॉलेज में एक लड़के अभिषेक ने दो लड़कियों को blackmail करके उनसे , १७० लड़कियों के MMS बनवाकर विदेशों में बेचकर करोड़ों कमा लिएवाह ! मजे भी लूटे और कमाई इतनी आसानअरे इससे तो अच्छा है , जिसे शौक है वो ब्लू-फिल्में देखे और समाज को साफ़-सुथरा रहने दे

सेंसर बोर्ड सो रहा है अथवा नेत्रहीन है जो आँख के सामने इतना कुछ होते हुए देख रहा है और कोई आपत्ति भी नहींशीला दीक्षित जी को यदि इस गाने पर भी आपत्ति नहीं तो समझ लीजिये की उनकी आत्मा मर चुकी है

अपनी संस्कृति पर क्या कोई लेख लिखे , जब उसे डूबाने वाले कतार बांधे खड़े हैं