कांग्रेस हमारी दुश्मन है और भाजपा हमारी सेना , लेकिन हमारी सेना के पास नेतृत्व और नैतिकता की कमी हो गयी है। २०१४ से पहले इन दोनों कमियों को दुरुस्त कर लेने में ही भलाई है। अपने दिग्गज और कर्मठ श्रेष्ठ नेताओं को कभी निकाल बाहर कर देती है तो कभी पार्टी में रखकर ही उसके अस्तित्व को समाप्त कर देती है। चुनिन्दा लोग या तो पार्टी से टूटकर कांग्रेस को सशक्त करते हैं या फिर स्वयं ही निराश होकर अस्तित्व विहीन हो जाते हैं। भाजपा को ये समझना चाहिए की वो क्या गलती कर रहे हैं। समय रहते समेटना होगा सब कुछ और एक आदर्श व्यवस्था लागू करनी होगी पार्टी में। सबसे ज़रूरी है कि नेतृत्व एक सक्षम व्यक्ति के हाथों में दिया जाए। सेनापति श्रेष्ठ होगा तो सेना का मनोबल भी बना रहता है और हमारी जीत भी सुनिश्चित रहती है।