जस्टिस काटजू का कहना है की भारत की जनता में 90% ईडियट हैं , लेकिन
उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया की वे कौन से लोग हैं ! अतः पाठकों की सुविधा
के लिए कुछ श्रेणियों का उल्लेख कर रही हूँ , देखिये तो आप किस श्रेणी में
उपयुक्त बैठते हैं! 90 में अथवा 10 प्रतिशत वाली श्रेणी में !
- वे, जो मात्र 200 रूपए में धर्म के नाम पर दंगा करते हैं।
- वे, जो कभी वोट देने ही नहीं जाते बस नेताओं को भला-बुरा कहते रहते हैं!
- वे, जो महंगे-महंगे कुत्ते पालते हैं , लेकिन ठण्ड से कांपते और भूख से मरते इंसानों को देख आगे बढ़ जाते हैं।
- वे, जो 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर अंकुश लगाते हैं।
- वे, जो खुद को सबसे चतुर समझते हैं लेकिन अन्य राजनैतिक दलों का भंडाफोड़ करना ही अपना सबसे बड़ा नैतिक दायित्व समझते हैं।
- वे, जो लड़के की चाहत में कन्या भ्रूण हत्या करते हैं।
- वे, जो धर्म के नाम ऊँट और गाय हलाल करके जन्नत पाते हैं।
- वे, जो स्वाभिमान की बलि चढ़ाकर राजनैतिक पार्टियों का वोट-बैंक बनते हैं।
- वे, जो रहते तो भारत में हैं, लेकिन वन्दे मातरम् कहने से बहुत परहेज़ करते हैं।
- वे, जो किटी-पार्टीज़ में व्यस्त रहती हैं और लोकतंत्र का आ-बा-सा भी नहीं जानती, बस शाबासी चाहती हैं!
- वे, जो केवल कल्पनाओं की दुनिया में रहते हैं , वास्तविकता से कोई सरोकार नहीं रहता।
- बहुसंख्यक अपना अधिकार मारे जाने पर भी सेक्युलर बने रहते हैं!
कोई कैटेगरी छूट गयी हो तो कृपया बतावें ! और जाते जाते अपनी श्रेणी भी बताते जावें तो महती किरपा होवेगी
जय हिन्द !
वन्दे मातरम् !