Monday, January 23, 2012

स्वाभिमान जगाता एक समर्पित जन समूह--राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ--RSS



राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संघ है जिसकी स्थापना १९२५ में नागपुर के
डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। यह संघ निस्वार्थ रूप से देश की सेवा कर रहा है इसकी स्थापना सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के रूप में की गयी थी, जिससे देश को एकजुट किया जा सके और अंग्रेजों तथा मुस्लिम की अलगाववादी नीतियों से देश के विभाजन को रोका जा सके।

इस संस्था ने अनेक स्कूल और ऐसी अन्य संस्थाओं की स्थापना की जहाँ के स्वयंसेवकों ने अपनी चिकित्सा के क्षेत्र में सेवा दी , ग्रामीण इलाकों का विकास किया, दलितों के उत्थान में तत्पर रहे , कुष्ठ रोगियों तथा शारीरिक वा मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के पुनर्स्थापन में विशेष योगदान दिया। संघ के स्वयंसेवक ,किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आने पर निस्वार्थ रूप से ज़रूरतमंदों की हर संभव मदद करते हैं। शिक्षा एवं कृषि के क्षेत्र में इस संस्था का अभूतपूर्व योगदान है।

हमारे देश को लूटने और गुलाम बनाने वाले अंग्रेजों और कांग्रेस ने इस संस्था को तीन बार बैन किया संघ की बढती लोकप्रियता और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना ने इन लुटेरों और अलगाववादियों के मन में खौफ पैदा कर दिया।

१९४७ में भारत विभाजन के समय जब लाखों हिन्दू, मुस्लिम और सिख हिंसा का शिकार हो रहे थे तब उनको बचाने में भी इन स्वयंसेवकों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई।

अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद RSS ने दादरा नागर हवेली और गोवा को १९५५ में पुर्तगालियों के चंगुल से मुक्त कराया।

चुनाव प्रक्रिया में गलत तरीकों का इस्तेमाल करने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव से निष्कासित कर दिया इससे नाराज़ एवं अति-उग्र होकर इंदिरा गांधी ने १९७५ में 'आपातकाल' की घोषणा कर दी, अनेकों देशभक्तों , निरपराध और मासूमों को गिरफ्तार कर लिया गया। लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया, प्रेस के सारे अधिकार ले लिए गए, और RSS आदि समाज एवं राष्ट्रसेवी संस्थाओं पर भी बैन लगा दिया गया। ऐसी विषम परिस्थियों में RSS ने अपने धैर्य और शांतिपूर्ण सद्प्रयासों से १९७७ में देश में 'लोकतंत्र' की बहाली की।

RSS ने दलितों और पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व योगदान किये। ऊंची और नीची जाती के भेद को मिटाया और समानता और एकता की भावना को बढाया। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर RSS सदैव अग्रणी रहा।

सन २००१ में गुजरात में आये भूकंप ने जो हाहाकार मचाया उसमें भी RSS ने ही ,लोगों को जीवन-दान दिया और गावों को शीघ्रता से पुनः बसाया किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा हो RSS अपने स्वयंसेवकों के साथ 'मानवता' की मदद एवं उद्दार के लिए सबसे अग्रणी रहता है।

धन्य है राष्ट्र-सेवा के लिए समर्पित ऐसी संस्था

जय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
जय हिंद
जय भारत
वन्दे मातरम् !

Zeal

39 comments:

Unknown said...

रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, एक हिंदुत्वा को जगाने वाली संस्था है, और हिंदुत्वा को जगाने का मतलब ये नहीं की किसी अन्य धर्म के प्रति निरादर का भाव हो,रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ऐसी सोच नहीं रखती लेकिन आज के राजनीतिज्ञों, जिनके मन में सिर्फ और सिर्फ वोट रहते है इसे सम्प्रदायवादी मानते है .रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का इतिहास सच्चे भारत निर्माण में है इसे सभी को समझना चाहिए कम से कम देश भक्त भारतीय को तो समझना ही चाहिए. जय हिंद

Neelkamal Vaishnaw said...

बहुत सुन्दर जानकारी धन्यवाद इसके लिए
आपको नेता जी सुभाषचंद्र बोस जयंती कि शुभकामनाएं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उनको शत शत नमन!

दिवस said...

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, एक सम्पूर्ण राष्ट्रवादी संगठन।
डॉ .केशव बलिराम हेडगेवार की अगुवाई में संघ की स्थापना भारत के लिए एक बहुत सही और क्रांतिकारी कदम साबित हुआ।
1947 में पाकिस्तान के एक अखबार (नाम याद नहीं आ रहा) में खबर छपी थी कि अगर संघ की स्थापना 1925 की जगह 1935 में हुई होती तो पाकिस्तान का आकार दोगुना होता। वहीँ यदि इसकी स्थापना 1915 में हुई होती तो पाकिस्तान कभी बनता ही नहीं।
इस खबर से भारत के लिए संघ की महत्ता का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। हमे तो डॉ हेडगेवार का शुक्रगुज़ार होना चाहिए जो उन्होंने संघ नामक यह अमूल्य निधि भारत को दी। अब भी जो लोग संघ को सिमी जैसा खतरनाक, साम्प्रदायिक व आतंकी संगठन बता रहे हैं उन्हें देशद्रोही ही समझा जाएगा। और जो लोग इनकी बातों में फंस चुके हैं, उनकी बुद्धि पर तरस आता है।
संघ को सदैव गरियाती कांग्रेस के मंत्रिमंडल में सलमान खुर्शीद जैसा मंत्री तो बैठा है जो सिमी के अधिकारों के लिए लड़ रहा है किन्तु संघ उनके लिए अछूत है। फिर कैसे वे संघ की तुलना सिमी से कर सकते हैं?
असल में तो सिमी और राहुल की मम्मी साम्प्रदायिक व आतंकी हैं।

कई लोग आज तक संघ को नहीं समझ सके। संघ कुछ नहीं बस एक फैक्ट्री है जो स्वयं सेवक बनाती है। अब संघ कुछ नहीं करता, जो कुछ करना है स्वयं सेवक करता है। संघ ने तो व्यक्ति निर्माण किया है, उसने तो बस व्यक्ति-व्यक्ति में लुप्त हो चुकी राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया है। व्यक्ति से व्यक्ति, व्यक्ति से समाज व समाज से राष्ट्र का एकीकरण संघ ने ही किया है।

इस विषय पर आपकी लेखनी ने प्रसन्न कर दिया।
शानदार...

Personal Loan said...

Really very niceeeeee

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

दर-असल संघ के अच्छे कार्यों की अनदेखी मीडिया और पत्र भी करते हैं, इसलिए उसके काम छुपे रह जाते हैं.

महेन्‍द्र वर्मा said...

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का देश के प्रति त्याग, समर्पण और कर्मशीलता वंदनीय है। भारतीयों में भारतीयता की अनुभूति जगाने के लिए इसके द्वारा किये जा रहे प्रयास स्तुत्य हैं।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

फिर भी.... अपने ही देश में अछूत होता जा रहा है यह देश भक्त :(

Rajesh Kumari said...

eysi sanstha ka humesha dil se sammaan karna chahiye.jay hindustan.
neta ji ki jayanti par shubhkamnayen.

Hriday Pandey said...

देश में ऐसे हजारों NGO हैं जो कम चार आने का करते हैं और दिखावा सौ रूपए का .....
संघ का धेय्य सेवा है दिखावा नहीं संघ के सेवा भाव को शत शत नमन ........

Hriday Pandey said...

देश में ऐसे हजारों NGO हैं जो कम चार आने का करते हैं और दिखावा सौ रूपए का .....
संघ का धेय्य सेवा है दिखावा नहीं संघ के सेवा भाव को शत शत नमन ........

Ramakant Singh said...

सुंदर जानकारी के लिए बधाई
जो राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं उन्हें शत शत नमन

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

जानकारी के लिए आभार,....नो कमेंट्स...

हरीश सिंह said...

बहुत दिन बाद एक और लेख ने मुझे आत्मप्रसन्नता से भर दिया, संघ के बारे में जो दुष्प्रचार किया जाता है वह बिलकुल गलत है.. मैं खुद संघ का स्वयंसेवक रहा हूँ. यह हिन्दुओ का ऐसा संगठन है, जो सभी के प्रति प्रेम सिखाता है. आदर का भाव पैदा करता है. यह कभी मुसलमानों के खिलाफ नहीं रहा. बल्कि उन लोंगो के खिलाफ रहा जो पूरी दुनिया को सिर्फ इस्लामिक आईने से देखते है. चाहते है की सभी इस्लाम कबूल कर ले.
एक अनुभव बताना चाहूँगा. हमारे यहाँ संघ का तीन दिवसीय कैम्प लगा था. यहाँ पर शामिल होने वाला हर व्यक्ति सिर्फ हिन्दू था. हम किसी को जातिगत संबोधन नहीं कर सकते थे. जैसे मिथिलेश दुबे नहीं बल्कि मिथिलेश जी. तीन दिन में हम लोग किसी की जाति नहीं पूछ पाए. शिविर हमारे यहाँ लगा था लिहाजा खाने की व्यवस्था भी भदोही के स्वयं सेवको को करनी थी. हम थैला हिन्दुओ के हर जाति वर्ग के यहाँ दे आते थे और समय पर भोजन इकठ्ठा कर लेते थे. सब मिलकर खाते थे. किस जाति के यहाँ से भोजन आया था यह किसी से मतलब नहीं था. शिविर में सिर्फ प्रेम,अनुशासन, एकता, आपसी भाईचारा व सामाजिक समरसता थी. पर वोट की लालच में हमारे राजनीतिज्ञों ने हिन्दू समाज को एक नहीं होने दिया. हो सकता है इसमें कुछ लोग गलत हो पर संगठन को गलत कहना नितांत गलत है. वन्दे मातरम

दिगम्बर नासवा said...

Tera vaibhav amar rahe maa ....
Ham din chaar rahen na rahen ....

मदन शर्मा said...

संघ के कुछ लोगों को आप गलत कह सकते हैं किन्तु उन्हें आधार बना कर संघ को गलत कह कर बदनाम करना ये सर्वथा निंदनीय है ये कार्य मुस्लिम तुष्टिकरण वाले लोग ही करते पाए गए हैं जिन्हें संघ का ए बी सी डी भी नहीं पता !!!
जिनका ईमान ही लूटना खसोटना रहा हो वो संघ जैसी संस्था के महत्व को क्या जानेंगे ......चोर को तो सभी चोर ही नजर आते हैं

Gyan Darpan said...

कालेज की पढ़ाई के दिनों में अक्सर संघ कार्यलय, संघ की शाखाओं व संघ के कार्यकर्मों में जाना होता था|
संघ के कई कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों मिलना,बातचीत करना भी होता था पर हमने तो कभी संघ के किसी कार्यकर्ता या पदाधिकारी से किसी दूसरे धर्म के प्रति दुर्भावना फ़ैलाने वाले शब्द नहीं सुने|
जबकि मेरे सबसे अच्छे मित्र रविन्द्र जाजू द्वारा लगाईं जाने संघ की सांयकालीन शाखा में कई मुस्लिम युवक भी भाग लेते थे ऐसे में कांग्रेस व उसका भौंपू मिडिया संघ के खिलाफ कितना भी दुष्प्रचार करे मैं कभी संघ को साम्प्रदायिक नहीं मान सकता|

amrendra "amar" said...

bahut acchi jankari, aapko bhi Neta ji ke janmadivas ke avasar pr hardik badhai

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर जानकारी के लिए धन्यवाद|
आपको नेता जी सुभाषचंद्र बोस जयंती कि शुभकामनाएं|

सूत्रधार said...

आपके इस उत्‍कृष्‍ट लेखन के लिए आभार ।

दीपक बाबा said...

राष्ट्रस्वयंसेवक संघ के बारे में एक जागरूक पोस्ट लिख कर आपने अपने अंदर के रचनात्मक जज्बे को पेश किया है.

साधुवाद.

कविता रावत said...

RSS ke baare mein bahut badiya jaankari...

Bharat Bhushan said...

देश प्रेम के प्रति समर्पित आरएसएस पर काँग्रेस तभी उँगली उठाती है जब उसके कार्यकर्ता जनसंघ, जनता दल या भाजपा में देखे जाते हैं. गाँधी-गोडसे प्रकरण के समय से ही कांग्रेस ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया है. अब तो मैं किसी काबिल नहीं रहा लेकिन बचपन में मेरा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रहा है. मैं भी खूब ज़ोर से गाया करता था-
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे.....

Maheshwari kaneri said...

अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद..नेता जी सुभाषचंद्र बोस जयंती कि शुभकामनाएं..

kshama said...

Badee achhee jaankaaree dee hai aapne.

Naveen Mani Tripathi said...

R S S AK BAHUT HI ACHHI SANSTHA HAI ....YAH KAHANA GALAT HOGA KI YAH HINDUTV KO JAGANE WALI SANSATHA HAI ....BALKI YH TO MANAV MATR KE KALYAN KI SANSTHA HAI RASHTRVADI SANSTHA HAI ....HAN HINDUON KE OPAR JB ATYACHAR DHARMNIRPEKSHTA KE NAM PR JB BHRASHT RAJNETON KE DWARA KIYA JATA HAI TO YAHI AK MATR SANSTHA HAI JO CHUP NAHI BAITHATI HAI.....SACH TO YE HAI JITNI PARTIYAN DHARMNIRPEKSHTA KI BAT KARATI HAIN VAHI SABSE BADI SAMPRDAYIK HAIN ...BAHUT HI SUNDAR LEKH ..BAHUT BAHUT ABHAR....

JAI ...R.S.S.
JAI ...MAN BHARTI.

शिवा said...

बहुत सुन्दर जानकारी. धन्यवाद

Rakesh Kumar said...

हमने तो शुरू से ही 'सरस्वती शिशु मंदिर' में शिक्षा पाई.शिक्षा के उच्च स्तर के साथ ही
अच्छे संस्कारो का देना इन स्कूलों की
विशेषता है.

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

आकाश सिंह said...

जय हिंद | अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद |

Kunwar Kusumesh said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

ePandit said...

संघ के बारे में आपके जज्बात जानकर अच्छा लगा। संघ का देश के प्रति अमूल्य योगदान रहा है जिसे कॉंग्रेसी सरकारों ने हमेशा छुपाया एवं दरकिनार किया।

Viral said...

तीन बार बैन हुआ पर अब सिर्फ बदनाम कर रहे है- अब बैन करने की औकात नहीं.
शंकर सिंह वाघेलाने भी एक संगठन बनाया था. शक्ति प्रदर्शन के नाम पे भीड़ जमा करते थे, पता नहीं कहा तितर बितर हो गए?

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