१९५१ तथा १९८२ के एशियन गेम्स के बाद ये ये सबसे बड़ा खेल आयोजन है हमारे देश में , जो हमारे गौरवशाली इतिहास में एक और सुन्दर और गौरवान्वित करने वाला अध्याय जोड़ेगा।
तारीख-- ३ अक्टूबर से १४ अक्टूबर २०१०
स्थान--जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम , नई दिल्ली ।
प्रतीक-- शेर [शेरा]
मोटो [स्लोगन]--" कम आउट एंड प्ले "
प्रतिभागी देश-- ८४ [अब ७२ हैं ]
आयोजित खेल --१७ विभिन्न खेलों के २६० क्रम
ये तो त्योहारों का मौसम होगा। ३ से १४ अक्टूबर तक , हर रोज़, दिवाली मनायेंगे हम। ओस्कर अवार्ड विजेता --ऐ आर रहमान द्वारा निर्देशित , [ उठो-जियो-बढ़ो-जीतो] गाना हर दिशा में गुंजायमान होगा।
क्वीन बैटन रिले-- इस खेल की बेटन मशाल, २९ अक्टूबर २००९ को बकिंघम palace से चली , जो ५४ देशों तथा भारत के हर प्रांत का भ्रमण करते हुए , ३ अक्टूबर २०१० को नई दिल्ली के शुभारम्भ समारोह में पहुंचेगी। इस मशाल की त्रिकोणाकार एल्मिनियम को कुंडलित आकार प्रदान किया गया है। इसको भारत के हर प्रान्त की रंगीन मिटटी से सजाया गया है। इसमें स्वर्ण-पत्र पर क्वीन एलिजाबेथ का मेसेज लिखा है। इस मशाल की उंचाई ६६४ मी मी तथा आधार ३४ मी मी चौड़ा है। इसका उपरी हिस्सा ८४ मी मी चौड़ा है , तथा इसका वजन १९०० ग्राम है।
इस बेटन में तकनिकी खूबियाँ--
- इससे तसवीरें और ध्वनि रिकार्ड कर सकते हैं।
- जी पी एस सुविधा- ग्लोबल पोजिशनिंग
- इसमें लगे लाइट इमिटिंग डायोड --जो विभिन्न देशों में उनके झंडे के अनुसार अपना रंग बदल लेते हैं।
- इस मशाल में टेक्स्ट मेसजिंग द्वारा मशाल वाहक को बधाई सन्देश भेजे जा सकते हैं।
आज हमारी दिल्ली , यमुना की बाढ़ , डेंगू जैसी बिमारी तथा अयोध्या विवाद के संकट से जूझ रही है। हमारा नैतिक दायित्व है की हम गैरजरूरी विवादों को दरकिनार कर देश के हित में सोचे ।
जय हिंद ।